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December 8, 2023
समकालीन जनमत

Tag : स्मृति

शख्सियत

चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को जन संस्कृति मंच दिल्ली की श्रद्धांजलि

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच की दिल्ली राज्य इकाई ने दिवंगत चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को श्रद्धांजलि दी। इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन दिल्ली स्थित गढ़ी ललित...
ख़बर

श्रद्धांजलि सभा में कॉमरेड पवन शर्मा के संघर्षों को याद किया गया 

पटना। भाकपा-माले के पूर्व राज्य सचिव व पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. पवन शर्मा की स्मृति में आज माले विधायक दल कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित...
स्मृति

मार्कण्डेय की कहानियों में भूख और अकाल के चित्र

दुर्गा सिंह
मार्कण्डेय के जन्मदिन 2 मई पर यूँ तो भारत में उदारीकरण की नीतियों को स्वीकार करने के बाद से ही कृषि सर्वाधिक तबाही झेलने वाला...
स्मृति

जिंदादिली और जीवटता की अद्भुत मिसाल थे कामरेड अखिलानंद पांडेय

समकालीन जनमत
ऐसे प्रतिबद्ध, जिंदादिल एवं अद्भुत जीवट वाले बहादुर कम्युनिस्ट योद्धा का हमारे बीच से जाना समूचे कम्युनिस्ट व मजदूर आंदोलन की भारी क्षति है....
स्मृति

सत्‍यजीत राय – आत्‍मबोध की विश्‍वजनीनता

समकालीन जनमत
 कुमार मुकुल जब कोई प्रतिभा उद्बोधन के नये स्‍तरों को अपने कलात्‍मक संघर्ष से उद्घाटित करने की कोशिश करती है तो समय और प्रकृति अपने...
स्मृति

‘मैला आंचल’ में आदिवासी संघर्ष (फणीश्वरनाथ रेणु के जन्मदिन पर विशेष)

सुधीर सुमन
‘देश हुआ आज़ाद, आदिवासियों को मिला आजीवन कारावास’ हिंदी कथा-साहित्य में आदिवासी जीवन-प्रसंग बहुत कम हैं। रेणु एक ऐसे कथाकार हैं, जिन्होंने अपने बहुचर्चित उपन्यास...
स्मृति

हुई नामवरी सुबह की सांझ….

समकालीन जनमत
हिन्दी के शीर्षस्थ शोधकार-समालोचक नामवर सिंह (जन्म: 1 मई 1927- मृत्यु: 19 फ़रवरी 2019) को युवा लेखिका अर्पिता राठौर की भावांजलि। सम्पा.   अर्पिता राठौर...
कहानीस्मृति

महाश्वेता देवी की स्मृति में

समकालीन जनमत
मीता दास महाश्वेता देवी (जन्म 14 जनवरी 1926, ढाका, बंगलादेश, मृत्यु: 28 जुलाई 2016, कोलकाता) की स्मृति में मीता दास द्वारा लिखा गया लेख और महाश्वेता...
जनमतशख्सियतस्मृति

हमारे समय का सबसे ज़िंदादिल कथाकार चला गया

समकालीन जनमत
मिहिर पंड्या ‘अशोक और रेणु की असली कहानी’, ‘क्या तुमने कभी सरदार भिखारी देखा है’ जैसी अनेक अविस्मरणीय कहानियाँ लिखने वाले महत्वपूर्ण कथाकार स्वयंप्रकाश जी...
जनमतशख्सियतस्मृति

“यह थी भूमिका हम-तुम मिले थे जब” मुक्तिबोध स्मरण (जन्मदिन 13 नवम्बर)

रामजी राय
मुक्तिबोध और उनकी कविता के बारे में लोग कहते हैं कि वो विकल-बेचैन, छटपटाते कवि हैं. लेकिन देखिये तो दरअसल, मुक्तिबोध कविता की विकलता के...
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