कविता विश्वासी एक्का की कविताओं में प्रेम और संघर्ष दोनों ही परम स्वतंत्र और प्राकृतिक रूप में मिलते हैंसमकालीन जनमतApril 21, 2019April 21, 2019 by समकालीन जनमतApril 21, 2019April 21, 201904369 दीपक सिंह व्यक्ति जिस समाज से आता है उसकी चेतना के निर्माण में उसका अहम योगदान होता है | विश्वासी एक्का की कविताओं से गुजरते...
कविताजनमत अनिता भारती की कविताओं में अम्बेडकरसमकालीन जनमतApril 14, 2019April 14, 2019 by समकालीन जनमतApril 14, 2019April 14, 201903345 अनिता भारती डॉ. अम्बेडकर एकमात्र ऐसे विश्वस्तरीय चिंतक है जिन्होने परिवार और समाज में स्त्री की स्थिति कैसी हो, इस पर गहन चिंतन-मनन किया। पुरूषों के...
कविता स्मृति और वर्तमान के द्वंद्व से उपजीं उषा की कविताएँसमकालीन जनमतApril 7, 2019April 8, 2019 by समकालीन जनमतApril 7, 2019April 8, 20193 2718 आलोक रंजन इधर उषा राजश्री राठौड़ की कुछ कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला और पहले ही पाठ में वे कविताएँ आकर्षित...
कविता चंदन सिंह की कविताएँ अपने प्राथमिक कार्यभार की ओर लौटती कविताएँ हैंसमकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 2019 by समकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 201912737 आशीष मिश्र चन्दन सिंह कविता से प्राथमिक काम लेने वाले कवि हैं। इस दौर में जब कविता के मत्थे ही सारी जिम्मेदारियाँ थोपी जा रही...
कविता यथार्थ और स्वप्न के लिए बराबर खुली हुई आँख हैं निकिता की कविताएँसमकालीन जनमतMarch 24, 2019March 28, 2019 by समकालीन जनमतMarch 24, 2019March 28, 20198 3407 ज्योत्स्ना मिश्र दिये कहाँ जलाएं आखिर ?रोशनी से जगमगाते घरों में या अंधेरे से भरे हुए दिलों में निकिता नैथानी गढ़वाल से एक युवा जागरूक...
कविता पहली पुण्यतिथि पर बलिया ने याद किया केदार नाथ सिंह कोसमकालीन जनमतMarch 20, 2019 by समकालीन जनमतMarch 20, 20193 3045 कवि केदारनाथ सिंह की स्मृति में बलिया में हुआ कार्यक्रम केदार जी से हमारी पीढ़ी ने बहुत कुछ सीखा – निलय उपाध्याय केदारनाथ सिंह भोजपुरी...
कविता नयी धुन और नया गीत रचती हैं उषा राय की कविताएँसमकालीन जनमतMarch 17, 2019March 17, 2019 by समकालीन जनमतMarch 17, 2019March 17, 20195 3558 कविताओं में सब कविताएँ नहीं होतीं। जिसे हम कविता कहते हैं, वह भी समूची कविता नहीं होती। कविता किसी शब्द संरचना के भीतर खुद को...
कविताशख्सियतस्मृति विद्रोह की मशाल है सावित्रीबाई फुले की कविताएँसमकालीन जनमतMarch 10, 2019March 10, 2019 by समकालीन जनमतMarch 10, 2019March 10, 201903170 अनिता भारती (आज 10 मार्च सावित्रीबाई फुले का परिनिर्वाण दिवस है। आज के दिन को पिछले कई सालों से दलित महिला दिवस के रूप में...
उम्मीद को अलग-अलग ढंग से पकड़ने की कोशिश हैं रमन की कविताएँसमकालीन जनमतMarch 3, 2019March 3, 2019 by समकालीन जनमतMarch 3, 2019March 3, 201903068 आर. चेतन क्रांति रमण कुमार सिंह की इन कविताओं में अपने मौजूदा समय को पकड़ने और उसकी क्षुद्रताओं, उसके खतरों, उसके खतरनाक इरादों और बदलावों...
कविताजनमत ज़मीनी हक़ीक़त बयाँ करतीं चंद्र की कविताएँसमकालीन जनमतFebruary 24, 2019February 24, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 24, 2019February 24, 201902635 कुमार मुकुल चंद्र मेरी आज तक की जानकारी में पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो खेती-बाड़ी में, मजूरी में पिसते अंतिम आदमी का जीवन जीते हुए पढ़ना-लिखना...
कविताजनमत बादलों में आकार की खोज: रमणिका गुप्ता की कविताईसमकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 20192 3019 बजरंग बिहारी तिवारी नारीवादी आंदोलन का दूसरा दौर था. ‘कल्ट ऑफ़ डोमिस्टिसिटी’ को चुनौती दी जा चुकी थी. राजनीति में स्त्री की उपस्थिति को औचित्यपूर्ण,...
कविताजनमत ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ हैंसमकालीन जनमतFebruary 10, 2019February 10, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 10, 2019February 10, 201903132 देवेंद्र आर्य ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ पेश करती हैं , पर उनका समकाल विद्रूप या भौकाल बन कर...
कविता कविता के सोलह दस्तावेज़ : गोरख की भोजपुरी कविताएँमृत्युंजयJanuary 29, 2019January 29, 2019 by मृत्युंजयJanuary 29, 2019January 29, 201902728 गोरख का काव्य-संसार गहन द्वंद्वात्मक है। उसमें 70 के दशक का उद्दाम वेग और 80 के दशक का ठहराव एक साथ है। सधी हुई दिल...
कविता ‘ गोरख की यादें, उनकी रचनाएँ हम सबको जीने की वजह देती हैं ’समकालीन जनमतJanuary 29, 2019January 29, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 29, 2019January 29, 201902840 जलेश्वर उपाध्याय कविता और प्रेम दो ऐसी चीजें हैं जहाँ मनुष्य होने का मुझे बोध होता है। प्रेम मुझे समाज से मिलता है और मैं...
कवितास्मृति गोरख के काव्य में सादगी, अभिधा का सौंदर्य है-चन्द्रेश्वरसमकालीन जनमतJanuary 28, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 28, 20194 3101 गोरख पाण्डेय की स्मृति में लखनऊ में कार्यक्रम शीर्षस्थ कथा लेखिका कृष्णा सोबती को श्रद्धांजलि दी गई लखनऊ. हिन्दी कविता की जो सुदीर्घ परम्परा है,...
कविता स्त्री को उसके वास्तविक रूप में पहचाने जाने की ज़िद हैं शैलजा की कविताएँसमकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 20193 4999 दीपक कुमार शैलजा पाठक से परिचय मित्र पीयूष द्वारा शेयर की गई उनकी कविता ‘कुसुम कुमारी’ के माध्यम से हुआ। पहली ही नजर में इस...
कविता मानवीय रिश्तों की पहचान के कवि हैं गौरव पाण्डेयसमकालीन जनमतJanuary 20, 2019January 24, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 20, 2019January 24, 201903676 युवतम कवि गौरव पाण्डेय की ये कविताएँ पढ़कर अचरज होता है कि इतनी महीन संवेदनाओं वाला यह कवि अब तक कहाँ गुम था! घर-परिवार और...
कविता जटिल यथार्थ का सरल कवि जसबीर त्यागीसमकालीन जनमतJanuary 13, 2019January 14, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 13, 2019January 14, 20194 2681 संजीव कौशल जसबीर त्यागी आम जीवन में जितने सहज और सरल हैं वही सहजता और सरलता उनकी कविताओं में भी देखी जा सकती है लेकिन...
कविता माटी पानी : सत्ता और समय की पहचानसमकालीन जनमतJanuary 10, 2019June 3, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 10, 2019June 3, 201903173 रवि श्रीवास्तव सदानंद शाही के कविता संकलन ‘माटी-पानी’ को पढ़ते हुए मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर याद आया- ‘ जो उलझी थी कभी आदम के...
कविता समय की विद्रूपताओं की शिनाख़्त करतीं अनिल की कविताएँसमकालीन जनमतJanuary 6, 2019January 14, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 6, 2019January 14, 20193 3631 निरंजन श्रोत्रिय युवा और चर्चित कवि अनिल करमेले की कविताओं से गुजरना अपने समकालीन समय-समाज की विद्रूपताओं की शिनाख्त करना है। यह दुष्कर कवि-कर्म वे...