समकालीन जनमत

Category : शख्सियत

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मन्नू भंडारी: सुरंग के उस पार से आती रौशनी

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अच्युतानंद मिश्र नई कहानी के दौर की अप्रतिम कथाकार मन्नू भंडारी नहीं रहीं. इस वाकये पर तथ्यात्मक तौर पर तो यकीन किया जा सकता है...
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मुक्तिबोध की अख़बारनवीसी

दुर्गा सिंह
हिन्दी साहित्य में आधुनिक और प्रगतिशील चेतना के साथ सर्जना करने वालों में गजानन माधव मुक्तिबोध का नाम सबसे प्रमुख है। कविता, कहानी, आलोचना तथा...
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त्रिलोचन के नामवर और नामवर के त्रिलोचन

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(त्रिलोचन के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है त्रिलोचन की डायरी पर शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक की अवधेश प्रधान द्वारा लिखी गई...
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वीरेन डंगवाल की याद में संगोष्ठी और कविता पाठ

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वीरेन की कविताएं काली ताकतों की पहचान करती हैं – कौशल किशोर अलका पांडे, सीमा सिंह, शालिनी सिंह और श्रद्धा बाजपेई ने कविताओं का पाठ...
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प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन 

प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
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हिंदुत्व की राजनीति और प्रेमचंद: डाॅ. अवधेश प्रधान

समकालीन जनमत
(आजादी के पचास साल पूरा होने के बाद डाॅ. अवधेश प्रधान ने यह लेख लिखा था, जो समकालीन जनमत, अप्रैल-जून 1998 में छपा था। 2016...
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सूरजपाल चौहान: कच्चे अनुभव नहीं पकी हुई समझ के रचनाकार

समकालीन जनमत
दुखद खबरों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. इसी बीच खबर आ रही है कि हिंदी के वरिष्ठ दलित साहित्यकार सूरजपाल चौहान...
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कन्नड़ साहित्यकार सिद्धलिंगय्या: क्रांतिकारिता से सांस्कृतिक इयत्ता तक

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  सर्वेश कुमार मौर्य कोरोना महामारी से लगातार जूझ रहे देश में कर्नाटक से भी एक बुरी खबर आ रही है; कन्नड़ साहित्य के प्रमुख...
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शहीद रामप्रसाद बिस्मिल : वो क्रांतिकारी जो शोषण और ग़ैर बराबरी के ख़िलाफ़ अंत तक लड़ता रहा

समकालीन जनमत
(भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी और शहीद रामप्रसाद बिस्मिल(11 जून 1897-19 दिसम्बर 1927) के जन्मदिवस पर  उन्हें याद कर रहे हैं हर्षवर्धन और अंकुर...
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कविता में अनामिका की उपस्थिति का अर्थ, प्रसंगः साहित्य अकादमी सम्मान-2020

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रमेश ऋतंभर   प्रतिष्ठित कवयित्री-कथा लेखिका व स्त्री विमर्शिका अनामिका को हिन्दी कविता के लिए 2020 का ‘साहित्य अकादमी सम्मान’ दिये जाने की घोषणा अपने-आप...
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कविता की मुक्ति और मुक्ति की कविताः गोरख पाण्डेय का काव्य

प्रणय कृष्ण
(सन् 2005 में ‘ समय का पहिया ‘ शीर्षक से प्रकाशित गोरख पाण्डेय की चुनिंदा कविताओं के संकलन की भूमिका के रूप में लिखे इस...
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दुबले-पतले शरीर में एक मजबूत और क्रांतिकारी शख्सियत का नाम है ‘ नितिन राज ’

समकालीन जनमत
नितिन राज इस कड़ी सर्दी में जेल में हैं। पिछले वर्ष भी आज के दिन वे जेल में ही थे। नितिन राज सच्चे अर्थों में...
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‘क्यों कर न हो मुशब्बक शीशे सा दिल हमारा’ -शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की याद

मृत्युंजय
फ़ारूक़ी साहब नहीं रहे। यह इलाहाबाद ही नहीं, समूचे हिन्दी-उर्दू दोआब के लिए बेहद अफसोसनाक खबर है। वे उर्दू के जबरदस्त नक्काद [आलोचक] थे, बेहतरीन...
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प्रिय कवि मंगलेश डबराल की याद में

कौशल किशोर
लखनऊ के लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने आज मंगलेश डबराल और राघव नरेश की स्मृति में शोक सभा आयोजित करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक...
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स्मृति मंगलेश डबराल: ‘आवाज भी एक जगह है’

कौशल किशोर
साहित्य और विचार की संस्था लिखावट की ओर से ऑनलाइन गूगल मीट पर प्रसिद्ध कवि और गद्यकार मंगलेश डबराल की स्मृति में कार्यक्रम ‘आवाज़ भी...
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मंगलेश की कविताएं आने वाली पीढ़ियों को भी लंबे समय तक प्रेरित करती रहेंगी – संतोष सहर

कवि मंगलेश डबराल को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि पटना, 13 दिसंबर। स्थानीय छज्जूबाग में जन संस्कृति मंच की ओर से, विगत 9 दिसंबर को...
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क्रांतिकारी सांख्यिकीविद

समकालीन जनमत
( अंग्रेजी अखबार बिज़नेस स्टैंडर्ड में 14 नवंबर को प्रकाशित आर्चिस मोहन  के लेख का हिंदी अनुवाद, अंग्रेजी से अनुवाद : इन्द्रेश मैखुरी ) देश...
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मुक्तिबोध की कविताः जमाने का चेहरा भी, भविष्य का नक्शा भी

समकालीन जनमत
प्रणय कृष्ण मुक्तिबोध ने बहुत तरह से अपनी कविता को व्याख्यायित करने की कोशिश की है. वह कालयात्री है, वह जन चरित्री है, लेकिन मेरी...
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अर्नेस्तो ‘चे’ ग्वेराः नये मनुष्य के निर्माण का स्वप्न

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संजय कुंदन बीते नौ अक्टूबर को महान क्रांतिकारी अर्नेस्तो चे ग्वेरा की शहादत को दुनिया भर में याद किया गया। इस मौके पर बीस वामपंथी...
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राजनीति में एक सूफ़ी

समकालीन जनमत
( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ ने अपने जीवन के सौ साल पूरे कर लिए हैं....
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