समकालीन जनमत

Month : March 2022

ज़ेर-ए-बहस

द कश्‍मीर फाइल्‍स: लोगों को बांटने का खतरनाक खेल

राम पुनियानी
अल्‍पसंख्‍यकों के बारे में गलतफहमियां फैलाना और उनके खिलाफ नफरत भड़काना साम्‍प्रदायिक राष्‍ट्रवाद का पुराना और आजमाया हुआ हथियार है. हमारे देश में यह प्रक्रिया...
ज़ेर-ए-बहस

क्या पुरानी पेंशन व्यवस्था की वापसी की जमीन तैयार हो गई है?

आनंद प्रधान
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था का जिन्न फिर जिन्दा हो गया है. राजस्थान और फिर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी...
व्यंग्य

राज दरबार में मायूसी!

जयप्रकाश नारायण  बादशाह ने हड़बड़ाहट में मंत्रियों की बैठक बुलायी। प्रधान अमात्य से  चिंता की मुखमुद्रा में पूछा, कि महामात्य यह बताएं कि  चारों दिशाओं...
ज़ेर-ए-बहस

अखिल भारतीय केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा के मायने

जनार्दन
शैक्षणिक सत्र 2022-23 से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश का पैटर्न बदलने जा रहा है। अब एक सामान्य प्रवेश के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश...
ख़बर

बिहार वामपंथ के लिए ऊर्जा का केंद्र : दीपंकर भट्टाचार्या

गया। भाकपा माले के 11 वें राज्य सम्मेलन के समापन अवसर पर भाकपा-माले के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों को सम्बोधित...
ज़ेर-ए-बहस

पांच राज्यों के चुनाव: लोकतंत्र और गणतंत्रात्मक भारत के समक्ष खड़े यक्ष प्रश्न

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  2022 में हुए 5 राज्यों के चुनाव के परिणाम आ गये हैं। पंजाब में आप, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भारतीय जनता पार्टी...
कविता

प्रदीप सैनी की कविताएँ अपने समय में फैलाई जा रही अविश्वसनीयता के ख़िलाफ़ प्रतिरोध दर्ज करती हैं

समकालीन जनमत
अनुपम त्रिपाठी एक छोटी सी कहानी से बात शुरू करूँ। एकबार जंगल के सभी जानवर पुराने राजा यानी शेर से बहुत तंग आ गए। तो...
जनमत

बहु-परतीय जीवन दर्शन की फिल्म : कड़ाइसी विवसायी

समकालीन जनमत
आलोक रंजन एम मनीकंडन ऐसे फ़िल्मकार हैं जिनकी अभिव्यक्ति का तरीका हमेशा आम ढर्रे से अलहदा रहा है । काका मुट्टाई , किरुमी और आनंदवन...
ख़बर

लखनऊ में शहीद दिवस स्मृति आयोजन में पुस्तक ‘सरदार भगत सिंह’ का लोकार्पण

लखनऊ। शहीद ए आजम भगत सिंह और उनके साथियों के शहादत दिवस के मौके पर सीबी सिंह स्मृति सभागार, हजरतगंज, लखनऊ में स्मृति सभा का...
नाटक

मऊ के राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ में ‘ गगन दमामा बाज्यो ‘ का मंचन

मऊ। शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस की पूर्व संध्या 22 मार्च को भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों के जीवन पर आधारित सुप्रसिद्ध...
ख़बर

झारखंड सरकार की नई भाषा नीति क्या है और इस लड़ाई के पीछे कौन है?

जनार्दन
जनवरी की सर्दी और सड़कों पर जनसैलाब जनवरी का अंतिम सप्ताह ठीक नहीं रहा झारखंड के लिए। झारखंड के कई जनपदों के मुख्यालयों के सामने...
पुस्तक

आधुनिक स्त्री जीवन का दस्तावेज : मिट्टी का दुःख

समकालीन जनमत
डॉ. वंशीधर उपाध्याय बीसवीं सदी के अंतिम दशक में हिंदी काव्य परम्परा के भीतर जो स्वर उभरे उनमें स्त्री रचनाकारों की लेखनी का स्वर मुकम्मल...
कविता

रक्षा की कविताएँ भारतीय समाज में स्त्री जीवन का बेबाक और साहसिक बयान हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय कविता सिर्फ वाक्यावलियों, पंक्ति विन्यास या किसी विचार के शब्दबद्ध होने से ही संभव नहीं होती। अपने समय-समाज में घट रहे दृश्यों, दृष्टांतों...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-9

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
कहानीजनमतशख्सियत

नौ सौ रुपये और एक ऊँट दाना

समकालीन जनमत
(आजादी के बाद की हिन्दी कहानी में  चर्चित रहे लेखक मार्कण्डेय की आज पुण्यतिथि है। इस अवसर पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए  प्रस्तुत...
सिनेमा

फिल्म ‘झुंड’ किताब की तरह पढ़े जाने की मांग करती है

जनार्दन
फ़िल्म – झुंड निर्देशक – नागराज पोपटराव मंजुले कलाकार – अमिताभ बच्चन, अंकुश गेडाम, आकाश थोसर, रिंकु राजगुरु छायांकन – सुधाकर रेड्डी गीत-संगीत – साकेत...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

देवी: साधारणता में देवत्व का दर्शन तथा नये रचनात्मक मूल्य का संघर्ष

दुर्गा सिंह
‘देवी’ निराला की बहु प्रशंसित कहानी है। यह प्रशंसा इस कहानी की संवेदना को लेकर अधिक है। कोई भी रचना बड़ी तो प्रथमतः अपनी संवेदना...
पुस्तक

इंजीकरी: सहेली सा संवाद करतीं, समय की भाषा गढ़तीं बिल्ब पत्र सरीखी कविताएँ

समकालीन जनमत
अर्चना लार्क कवि अनामिका अनु का कविता संग्रह ‘इंजीकरी’। बिल्वपत्र’ सरीखी इस संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं कि पाठक का...
कविता

आदर्श भूषण की कविताएँ युवा पीढ़ी की बेकली की अभिव्‍यक्ति हैं

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल लोहा पकड़कर लोहा बनने और कपास छूकर कपास हो जाने की अनुवांशिक अक्लमंदी से भरे हाथ रगड़ खाते हुए भी बचे रहते हैं...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

यूपी : दलित-पिछड़ी जातियों में बंटवारा इस बार जाति से ज्यादा मुद्दों पर है

के के पांडेय
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में 7 तारीख को अंतिम चरण का चुनाव है, जिसके लिए सभी ने अपनी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.बनारस में...
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