समकालीन जनमत

Tag : संघर्ष

जनमत

प्रेम और संघर्ष की आकांक्षाओं से भरा है पूजा यादव का कविता संसार

समकालीन जनमत
पार्वती तिर्की पूजा नए दौर की कवयित्री है, उसका काव्य लेखन एक नयापन लिए हुए है। नई तरह की क्रांति और प्रेमाकांक्षाएँ है। प्रतिरोध जैसे...
सिनेमा

आदिवासियों के स्वाभिमान की लड़ाई और सौंदर्य विधान की स्थापना का कलात्मक प्रयास है ‘जय भीम’

समकालीन जनमत
महेश कुमार तमिल फिल्म ‘जय भीम’ जस्टिस चंद्रू के 1993 के एक केस पर आधारित है. यह फ़िल्म अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि, यथार्थपरक प्रस्तुति और अस्मितावादी...
शख्सियत

प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन 

प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
ख़बर

फादर स्टेन स्वामी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी

आठ संगठनों जसम, दलेस, जलेस, एनएसआइ, अभादलम, प्रतिरोध का सिनेमा, प्रलेस और इप्टा ने अपने साझे कार्यक्रमों की शृंखला में दिनांक 13 जुलाई 2021 को...
पुस्तक

गुलामी के प्रतिरोध में स्त्री

गोपाल प्रधान
2020 में वर्सो से स्टेला दाज़्दी की किताब ‘ए किक इन द बेली: वीमेन, स्लेवरी ऐंड रेजिस्टेन्स’ का प्रकाशन हुआ । लेखिका ने नौ साल...
पुस्तक

विश्व पूंजीवाद और लोकतंत्र का अधिग्रहण

गोपाल प्रधान
(सदी की शुरुआत में प्रकाशित इस किताब को पढ़ते हुए लग रहा था कि वर्तमान भारत की कथा पढ़ रहा हूं।) 2001 में द फ़्री...
ज़ेर-ए-बहस

विकास, विस्थापन और आदिवासी समुदाय की चुनौतियाँ

रविवार 27  सितंबर को कोरस के लाइव कार्यक्रमों की शृंखला में ‘विकास, विस्थापन और आदिवासी समुदाय की चुनौतियाँ’ विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला से...
ख़बर

शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया

समकालीन जनमत
सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में उत्तर प्रदेश महिलाओं और दलितों के लिए बुरे सपने में बदल गया है। महिलाओं और दलितों के खिलाफ बढ़ते...
साहित्य-संस्कृति

साहित्य का स्त्री स्वर और कृष्णा सोबती

कोरस द्वारा विगत दो वर्षों से महादेवी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘महादेवी वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला’ का आयोजन इलाहाबाद में होता रहा है |...
ज़ेर-ए-बहस

हमें न तो दया की दृष्टि से देखो और न ही दैवीय दृष्टि से–शिप्रा शुक्ला

बीते रविवार कोरस के फेसबुक पेज लाइव के माध्यम से तेजपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर शिप्रा शुक्ला से निशा ने ‘विकलांगता और स्त्री’ विषय पर...
ख़बर

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ़ आई. आर. ई. एफ़. (IREF) ने मनाया देश भर में एंटी प्राइवेटाइजेशन डे

समकालीन जनमत
प्रयागराज पुनीत सेन आज इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर एंटी प्राइवेटाइजेशन डे के तहत देश भर में रेलवे कर्मचारियों ने सभी जोन, डिवीजन...
ज़ेर-ए-बहस

शोर ने गंभीर पत्रकारिता की जगह ले ली है और यह देश के जनतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा है! : बी.बी.सी. पत्रकार प्रियंका दुबे

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव में रविवार 26 जुलाई को बीबीसी पत्रकार प्रियंका दुबे से मीनल ने बातचीत की l प्रियंका हिंदुस्तान टाइम्स, तहलका और कारवां...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता और स्त्रियाँ

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
साहित्य-संस्कृति

प्रो. गरिमा श्रीवास्तव से ‘स्त्री आत्मकथा के विविध पक्ष’ पर डॉ. कामिनी की बातचीत

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव ‘स्त्री संघर्ष का कोरस’ में बीते रविवार डॉ. कामिनी ने प्रो. गरिमा श्रीवास्तव से “स्त्री आत्मकथा के विविध पक्ष” पर बातचीत...
स्मृति

कवि बी एन गौड़: सब में बसता हूँ मैं

कौशल किशोर
86वें जन्मदिवस पर ‘मरूंगा नहीं…/क्रान्ति का इतिहास इतनी जल्दी नहीं मरता/बलिदान के रक्त की ललाई को/न धूप सुखा सकती है/न हवा और न वक्त/….इसलिए, मैं...
साहित्य-संस्कृति

आदिवासी स्त्री को ग़र सही मायनों में समझना है तो हमें अपने पैमाने बदलने होंगे : डॉ. स्नेहलता नेगी

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव ‘स्त्री-संघर्ष का कोरस’ में बीते रविवार 5 जुलाई को डॉ. स्नेहलता नेगी ने ‘स्त्री स्वतन्त्रता के संबंध में आदिवासी समाज’ विषय...
जनमत

ऐतिहासिक भौतिकवाद क्या है ?: प्रो. गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
सोवियत संघ के पतन के बाद वैश्वीकरणकरण ही एकमात्र सच नहीं है। पूंजी के हमलावर होने के साथ उसके प्रतिरोधों का सिलसिला चल पड़ा। इस...
जनमत

इतिहास में दर्ज होगा मजदूरों का संघर्ष और साहस

अमित चमड़िया
गरीबी और गरीब को लेकर बचपन से ही हम लोग कई भ्रांतियों के शिकार होते आ रहे है I जब भी हम जैसे मध्यम वर्ग...
स्मृति

संघर्ष और स्वप्न का कवि रामेश्वर प्रशान्त

समकालीन जनमत
साहित्य की दुनिया में ऐसे भी रचनाकार हैं जिनकी साहित्य साधना जन संघर्ष का हिस्सा होती हैं। वे आत्मप्रचार से दूर रहते हैं। रामेश्वर प्रशान्त...
ज़ेर-ए-बहस

जिंदगी मायने रखती है !

जनार्दन
इस समय पूरी दुनिया कोरोना संकट से गुजर रही है। कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रयोगशाला में बदल दिया है। हर शय लिटमस टेस्ट से...
Fearlessly expressing peoples opinion