समकालीन जनमत

Tag : Gorakh Pandey

साहित्य-संस्कृति

प्रतिरोध के बिना कोई कविता समकालीन नहीं हो सकती : डॉ. राकेश शर्मा

सातवें गोरख स्मृति आयोजन में कविताओं और गीतों का पाठ पटना। ‘‘जो कविता सत्ता और व्यवस्था से तथा अंधेरे से समझौता करके चलती है, वह प्रतिरोध...
साहित्य-संस्कृति

“ मन के बाग में आजादी के फूलों के कवि हैं गोरख पाण्डेय ”

समकालीन जनमत
गिरिडीह (झारखंड)। जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में 29 जनवरी को रमा कॉम्प्लेक्स, मकतपुर, गिरिडीह के स्मार्ट ड्रीम एकेडमी में काव्यपाठ सह परिचर्चा का आयोजन...
स्मृति

फूल और उम्मीद के कवि हैं गोरख पाण्डेय

कौशल किशोर
29 जनवरी गोरख पांडेय का स्मृति दिवस है। यह उनकी 34 वीं पुण्यतिथि है। उनका जन्म 1945 (पंडित के मुंडेरवा, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश) में...
साहित्य-संस्कृति

गोरख पांडेय : साक्षात्कारों के आईने से

समकालीन जनमत
      “ कविता और प्रेम—दो ऐसी चीज़ें हैं, जहाँ मनुष्य होने का मुझे बोध होता है.”   “कविता को दमन के ज़रिए ख़त्म...
साहित्य-संस्कृति

‘ एक तख्तनशीं आज भी इतराया हुआ है , वो ही खुदा है सबको ये समझाया हुआ है ’

समकालीन जनमत
गोरख स्मृति आयोजन के दूसरे दिन सत्रह कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया पटना. ‘‘ किसान की मेहनत के महत्व का सम्मान...
शख्सियत

कविता की मुक्ति और मुक्ति की कविताः गोरख पाण्डेय का काव्य

प्रणय कृष्ण
(सन् 2005 में ‘ समय का पहिया ‘ शीर्षक से प्रकाशित गोरख पाण्डेय की चुनिंदा कविताओं के संकलन की भूमिका के रूप में लिखे इस...
कविता

गोरख पाण्डेय की ग़ज़ल ‘ रफ़्ता-रफ़्ता नज़रबंदी का जादू घटता जाए है ’

समकालीन जनमत
समकालीन जनमत पर आज सुनिये जनकवि गोरख पाण्डेय(1945-29 जनवरी 1989) के स्मृति दिवस पर उनकी लिखी ग़ज़ल ‘रफ़्ता रफ़्ता नज़रबंदी का जादू घटता जाए है’...
मल्टीमीडिया

‘ तू हवा श्रम के सुरुजवा हो, हम किरिनिया तोहार ’

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर ' कोरस ' की लाइव सांगीतिक प्रस्तुति...
साहित्य-संस्कृति

स्मृति दिवस पर याद किये गये इंकलाबी कवि गोरख पांडेय

दरभंगा. जन संस्कृति मंच की दरभंगा इकाई द्वारा देवकी निवास,नागार्जुन नगर,कबीरचक में सुप्रसिद्ध इंकलाबी कवि और जन संस्कृति मंच के संस्थापक राष्ट्रीय महासचिव गोरख पांडेय...
ख़बर

पटना में चौथा गोरख पांडेय स्मृति आयोजन : गोरख के गीतों-कविताओं का पाठ और गायन

समकालीन जनमत
मुल्क को फासीवादी शक्तियों से बचाना जरूरी: प्रेम कुमार मणि पटना. ‘‘ कोई भी देश वहां के लोगों से बनता है। आजादी के आंदोलन के...
स्मृति

किसी जिद्दी धुन की तरह बिना किसी पूर्व सूचना के बज उठती है गोरख की कविता

गोपाल प्रधान
 गोरख पांडे का जन्म 1945 में देवरिया जिले के गाँव पंडित का मुंडेरवा में हुआ था । इस लिहाज से अगर वे आज जीवित रहते...
स्मृति

गोरख की एक कहानी : एक सूत्र और

समकालीन जनमत
बाबू भोलाराय ने जमाने के रंग ढंग खूब देखे हैं । उनको पता रहता है कि दुनिया अब किधर जा रही है । उनको यह...
स्मृति

गोरख पांडेय की डायरी : कविता और प्रेम-दो ऐसी चीजें हैं जहाँ मनुष्य होने का मुझे बोध होता है

समकालीन जनमत
( यह डायरी इमर्जेंसी के दिनों में लिखी गयी । इसमें तत्कालीन दौर के साथ गोरख की निजी जिन्दगी भी दिखाई पड़ती है । याद...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

गोरख स्मृति दिवस पर व्याख्यान और काव्य पाठ का आयोजन

विष्णु प्रभाकर
इलाहाबाद. 29 जनवरी को परिवेश और जन संस्कृति मंच की तरफ से गोरख स्मृति व्याख्यान और काव्यपाठ का आयोजन किया गया. प्रो. अवधेश प्रधान ने...
ख़बर

गोरख स्मृति आयोजन में 27 कवियों का कविता पाठ, गोरख के गीतों का गायन हुआ

समकालीन जनमत
पटना. स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला परिसर में हिरावल (जन संस्कृति मंच) की ओर से तीसरा गोरख पांडेय स्मृति आयोजन हुआ, जिसमें ‘हिरावल’ और ‘नाद’ के कलाकारों...
कविता

कविता के सोलह दस्तावेज़ : गोरख की भोजपुरी कविताएँ

मृत्युंजय
गोरख का काव्य-संसार गहन द्वंद्वात्मक है। उसमें 70 के दशक का उद्दाम वेग और 80 के दशक का ठहराव एक साथ है। सधी हुई दिल...
जनमत

गोरख: राई भर का साथ पहाड़ भर का काम

गोपाल प्रधान
गोरख पांडे से कुछेक बार की ही मुलाकातें रहीं लेकिन इतने से ही जो रिश्ता बना उसने बड़ी भारी जिम्मेदारी दे दी । तीन बार...
कविता

‘ गोरख की यादें, उनकी रचनाएँ हम सबको जीने की वजह देती हैं ’

समकालीन जनमत
जलेश्वर उपाध्याय कविता और प्रेम दो ऐसी चीजें हैं जहाँ मनुष्य होने का मुझे बोध होता है। प्रेम मुझे समाज से मिलता है और मैं...
कवितास्मृति

गोरख के काव्य में सादगी, अभिधा का सौंदर्य है-चन्द्रेश्वर

गोरख पाण्डेय की स्मृति में लखनऊ में कार्यक्रम शीर्षस्थ कथा लेखिका कृष्णा सोबती को श्रद्धांजलि दी गई लखनऊ. हिन्दी कविता की जो सुदीर्घ परम्परा है,...
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