कविता लोक गीतों में चौरी चौरा विद्रोह -‘ माई रहबू ना गुलाम, न बहइबू अंसुआ ’समकालीन जनमतFebruary 4, 2018February 4, 2021 by समकालीन जनमतFebruary 4, 2018February 4, 20215 2681 ( ये लोकगीत कथाकार -लेखक सुभाष कुश्वाहा की पुस्तक ‘चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन ’ से लिए गए हैं ) दोहा गोरखपुर में...
कवितासाहित्य-संस्कृति ‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 20206 2962 तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...
कवितासाहित्य-संस्कृति युग की नब्ज़ धरने वाली गोरख की कविता मुक्ति स्वप्न की कविता है- अवधेशसमकालीन जनमतFebruary 1, 2018May 31, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 1, 2018May 31, 202011985 इलाहाबाद में गोरख स्मृति दिवस इलाहाबाद, 29 जनवरी. परिवेश और जन संस्कृति मंच की ओर से 29 जनवरी को इलाहाबाद छात्र संघ भवन में जनकवि गोरख पांडेय की पुण्यतिथि के मौक़े पर ‘ गोरख स्मृति दिवस ’ का आयोजन हुआ। आयोजन दो सत्रों में बँटा हुआ था। पहला...
कवितानाटकसाहित्य-संस्कृति ‘हमारे वतन की नयी ज़िन्दगी हो’समकालीन जनमतFebruary 1, 2018May 31, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 1, 2018May 31, 202012300 कोरस ने पटना में ‘एक शाम गोरख के नाम’ अयोजित किया पटना , 28 जनवरी. कोरस द्वारा जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति दिवस के पूर्व...
कवितासाहित्य-संस्कृति गोरख के गीतों के साथ देश-दुनिया और समाज को बेहतर बनाया जा सकता है: अरुण कमलसुधीर सुमनFebruary 1, 2018May 31, 2020 by सुधीर सुमनFebruary 1, 2018May 31, 202013450 क्रांतिकारी जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में हिरावल ने किया आयोजन गोरख के हिंदी-भोजपुरी के जनगीतों और गजलों का गायन हुआ पटना: 28 जनवरी. ‘गोरख...