समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

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गैब्रिएल गार्शिया मार्खेज : लैटिन अमेरिकी साहित्य का गौरव

गोपाल प्रधान गैब्रिएल गार्शिया मार्खेज का नाम लैटिन अमेरिकी साहित्य के लिए गर्व का विषय है । उनका उपन्यास ‘सौ सालों का एकांत’ समूचे जादुई...
कविता

शैतान शासक की आकुल आत्मा का ‘चुपचाप अट्टहास’

समकालीन जनमत
(कवि लाल्टू के कविता-संग्रह ‘ चुपचाप अट्टहास ’  पर युवा लेखक आलोक कुमार श्रीवास्तव की टिप्पणी. ) किसी देश की जनता के लिए यह जानना...
इतिहासचित्रकला

कामगार महिलाओं के संघर्ष का दिवस है महिला दिवस, मिथक और बाजार का नहीं

( राधिका मेनन के रेखा चित्रों से जानिए अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास ) महिला दिवस की शुभकामनाएं एक दिन पहले से आने लगीं। इन...
चित्रकला

कद से बड़े कैनवास : श्वेता राय के चित्र

राकेश कुमार दिवाकर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मुहम्मदाबाद छोटा सा शहर है. उस छोटी सी जगह से एक लड़की का आधुनिक कला जगत...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ’

कौशल किशोर
लखनऊ में ‘ब याद: मीर तकी मीर’ का आयोजन ‘रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब/कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था’. ...
कवितामल्टीमीडिया

यह कैसा फागुन आया है !

समकालीन जनमत
( मुजफ्फरपुर के धरमपुर गांव में भाजपा नेता द्वारा बोलेरो गाड़ी से कुचलकर 9 बच्चों को मार डालने की घटना पर कवि एवं संस्कृतिकर्मी संतोष...
कवितासाहित्य-संस्कृति

चंद्रशेखर आजाद के सपनों का भारत बनना अभी बाकी-सुधीर विद्यार्थी

समकालीन जनमत
  आगरा. सरदार भगत सिंह शहीद स्मारक समिति और राधामोहन गोकुल स्मारक समिति के तत्त्वाधान में चंद्रशेखर आजाद के 87वें शहीदी दिवस पर आज ‘क्रांतिकारियों...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

लेखक-पत्रकार अनिल सिन्हा का व्यक्तित्व अनुकरणीय : सीबी सिंह

समकालीन जनमत
  अनिल सिन्हा की सातवीं पुण्यतिथि पर जन संस्कृति मंच ने लखनऊ में आयोजित किया कार्यक्रम लखनऊ.  जाने-माने पत्रकार अनिल सिन्हा जनवादी और प्रगतिशील व्यक्तित्व...
स्मृति

अनिल सिन्हा : बाहर से शान्त, भीतर धधकती आग

समकालीन जनमत
 ( क्रांतिकारी वाम राजनीति और संस्कृति -कर्म के अथक योद्धा एवं जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य अनिल सिन्हा की आज पुण्य तिथि है. उनके...
नाटक

बेगूसराय में भिखारी ठाकुर के लोक प्रसिद्ध नाटक ‘ गबरघिचोर ’ का मंचन

समकालीन जनमत
बेगूसराय (बिहार ). बेगूसराय के दिनकर कला भवन  में दो दिवसीय रंगताल नाट्योत्सव के अंतिम दिन 17 फरवरी को को भिखारी ठाकुर का लोक प्रसिद्ध...
कविता

तुलसीदास और उनकी रचनाएँ भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं : प्रो. इरफ़ान हबीब

समकालीन जनमत
  प्रो.कमलानंद झा की पुस्तक ‘ तुलसीदास का काव्य-विवेक और मर्यादाबोध ’ का लोकार्पण और परिचर्चा   अलीगढ (उत्तर प्रदेश).  प्रख्यात इतिहासकार प्रो. इरफ़ान हबीब...
कवितासाहित्य-संस्कृति

“ कब याद में तेरा साथ नहीं/ कब हाथ में तेरा हाथ नहीं ”

सुधीर सुमन
घाटशिला (झारखण्ड) में प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘जश्ने फ़ैज़ ‘ की रिपोर्ट घाटशिला में 17 फरवरी को प्रलेस की ओर से होने वाले...
कवितासाहित्य-संस्कृति

जनपक्षधरता से लैस हैं कौशल किशोर की कविताएं

समकालीन जनमत
  लखनऊ में वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी कौशल किशोर का एकल काव्य पाठ और परिचर्चा का आयोजन संदीप कुमार सिंह नागरिक परिषद्, लखनऊ द्वारा इंडियन...
कवितासाहित्य-संस्कृति

फ़ैज़ की पूरी शायरी लोकतांत्रिक भावनाओं की मिसाल है : प्रणय कृष्ण

समकालीन जनमत
  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जसम द्वारा ‘जश्न-ए-फ़ैज़ ‘का आयोजन  अम्बरीन आफ़ताब अलीगढ (उत्तर प्रदेश) . जन संस्कृति मंच की अलीगढ़ इकाई ने 14 फरवरी...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

अपनी कथाओं में बाहरी दर्शक नहीं, खुद भी सम्मिलित हैं अमरकांत : प्रो राजेन्द्र कुमार

विष्णु प्रभाकर
कथाकार अमरकान्त की स्मृति में सेंट जोसेफ़ में कार्यक्रम इलाहाबाद,  17 फरवरी. आज सेंट जोसेफ़ स्कूल के होगेन हॉल में जसम, जलेस, प्रलेस, परिवेश और...
साहित्य-संस्कृति

उन श्रोताओं के लिए जिन्होंने अपने रेडियो सेट देर से खोले हों

समकालीन जनमत
अनुराग शुक्ला वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे जो इश्क़ को काम समझते थे या काम से आशिकी करते थे हम जीते जी मसरूफ रहे कुछ...
साहित्य-संस्कृति

अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह एक तरह से राजनीतिक वक्तव्य होते हैं- योगेंद्र आहूजा

समकालीन जनमत
विजय नगर साहित्यिक सोसायटी के उद्घाटन कार्यक्रम में अंतर्जातीय और अन्तरधार्मिक विवाह किये जोड़ों को सम्मानित किया गया नई दिल्ली. 11 फरवरी को विजय नगर...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ प्रेमकथा एहि भाँति बिचारहु ’

समकालीन जनमत
  (संत वैलेन्टाइन की तरह प्रेम के पक्षधर मगर कई मामलों में उनसे भिन्न संत रविदास थे। उनकी  रचना जगत में प्रेम एक विराट भाव...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

तमाम सीमाओं को तोड़ती वरुण मौर्य की कलाकृति

राकेश कुमार दिवाकर 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में नयी- नयी तकनीकी अनुसंधान और विकास ने कला के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन किया। 21...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गंगा-जमुनी तहजीब और आज़ादी के पक्ष में है संजय कुमार कुंदन की शायरी : प्रो. इम्तयाज़ अहमद

समकालीन जनमत
  शायर संजय कुमार कुंदन के संग्रह ‘भले, तुम नाराज हो जाओ’ पर बातचीत   पटना. ‘‘हटा के रोटियां बातें परोस देता है/ इस सफ़ाई...
Fearlessly expressing peoples opinion