समकालीन जनमत

Month : August 2021

ज़ेर-ए-बहस

आलोचनात्मक साहित्य को सेंसर करना देश को कमजोर बनाता है:लेखक और सांस्कृतिक संगठन

समकालीन जनमत
सिलेबस से बाहर की गई रचनाओं को बहाल करे दिल्ली विश्वविद्यालय- दस संगठनों का संयुक्त बयान साम्प्रदायिक फासिस्ट शक्तियां स्वभावतः साहित्य, संस्कृति और वैज्ञानिक शिक्षा...
कविता

प्रेम की अँजोरिया फैलाती हैं नीरज की कविताएँ

समकालीन जनमत
रमण कुमार सिंह अवधी पृष्ठभूमि के कवि नीरज की कविताएँ किसान जीवन और संस्कृति से हमारा साक्षात्कार कराती हैं। सबसे ज्यादा आकर्षित करती है उनकी...
जनमतज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-छब्बीस

जयप्रकाश नारायण  किसान आंदोलन का भविष्य (आखिरी कड़ी) किसान आन्दोलन  को इस समय तीन मोर्चों पर संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा। पहला मोर्चा उन्होंने 26-27...
जनमतज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-पच्चीस

जयप्रकाश नारायण    किसान आंदोलन के नौ महीने, उपलब्धियां, चुनौतियां और संभावनाएं। किसान आंदोलन के तरफ से 9 महीने पूरे होने पर सिंघू बॉर्डर पर...
जनमत

बदलाव की लड़ाई को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ काॅ. बृजबिहारी पांडेय को अंतिम विदाई

समकालीन जनमत
पटना। सैंकड़ों की तादाद में माले कार्यकर्ताओं ने 27 अगस्त को अपने प्रिय नेता काॅ. बृजबिहारी पांडेय को तनी मुठियों और बदलाव की लड़ाई को...
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किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-चौबीस

जयप्रकाश नारायण  किसान आंदोलन का नौ महीना 26 अगस्त को किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे हो गए । आज संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा...
पुस्तक

जाति-मुक्ति का प्रश्न, उसकी राजनीति और पूंजी-लोक (नवीन जोशी के उपन्यास के बहाने कुछ बातें)

के के पांडेय
(एक दलित नौजवान के अंतर्द्वंद की कथा के भीतर से उत्तराखंडी समाज के भीतर की जातिगत विषमताओं, कारपोरेट की गुलामगीरी और राजनैतिक आंदोलनों के सामाजिक...
कविता

शिवनंदन कवि आ उनकर दूगो गीत

बलभद्र
भोजपुर के बड़हरा ब्लॉक में एगो गाँव बा मौजमपुर। एहिजा के रहलें एगो शिवनंदन कवि। उनकर एगो कविता बा जवना में पत्थल-पानी परला के चलते...
पुस्तक

कितने बहानों के बीच देश काल: अरुणाभ सौरभ का काव्य संग्रह ‘किसी और बहाने से’

समकालीन जनमत
रोमिशा  जाने कितने बहानों से कवि अपने ईर्द -गिर्द के समाज, देश, काल में क्या सब देख लेता है और उसी देखने के क्रम में...
कविता

जसिंता केरकेट्टा की कविताएँ सत्ता की भाषा के पीछे छुपी मंशा को भेद कर उसके कुटिल इरादों को बेनकाब करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा की कविताओं को महज जनजातीय स्मृतियों अथवा चेतना की कविताएँ कहना न्यायसंगत न होगा। अपने पर्यावरण और जातीय स्मृतियों...
जनमतज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-23

जयप्रकाश नारायण  उदारीकरण का विश्व कृषि ढांचे पर प्रभाव 15 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर भारत के किसान और किसान संगठन तिरंगा...
जनमत

‘केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य’ के लिए डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी को तीसरा रामचंद्र नंदवाना स्मृति सम्मान

समकालीन जनमत
चित्तौड़गढ़। 20 अगस्त 2021, सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के जन्म शताब्दी वर्ष में साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा ‘स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति...
शख्सियत

त्रिलोचन के नामवर और नामवर के त्रिलोचन

समकालीन जनमत
(त्रिलोचन के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है त्रिलोचन की डायरी पर शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक की अवधेश प्रधान द्वारा लिखी गई...
ख़बर

‘ डॉ.नीलम पर असभ्य हिंसक व्यवहार निंदनीय, दंडनीय और अमानवीय  ’

समकालीन जनमत
नई दिल्ली।  लक्ष्मीबाई कॉलेज (विश्वविद्यालय दिल्ली) हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष रंजीत कौर द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.नीलम को  विभागीय बैठक में असभ्य हिंसक व्यवहार करने और...
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किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-बाईस

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  किसान आंदोलन और स्वतंत्रता दिवसः किसानों के लिए आजाद भारत के मायने   स्वतंत्रता संघर्ष के प्रतीकों, ऐतिहासिक तारीखों एवं  आजादी के प्रतीक...
कविता

‘मोह’ के कवि हरिराम द्विवेदी

बलभद्र
हरिराम द्विवेदी भोजपुरी कविता का एक सुपरिचित नाम है। 12 मार्च 1936 को जन्मे 85 पार के द्विवेदी जी भोजपुरी साहित्य-जगत में किसी परिचय के...
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किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-इक्कीस

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  हरित क्रांति से निर्मित यथार्थ और सवर्ण जातियां   1947 के पहले और उसके बाद भी ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विध्वंसक प्रभाव और गुलामी...
साहित्य-संस्कृति

सहरा करीमी जैसी तमाम आवाजों के साथ खड़े होने की जरूरत : प्रतिरोध का सिनेमा

समकालीन जनमत
“हमें अफ़ग़ान महिलाओं, बच्चों, कलाकारों और फ़िल्म निर्माताओं की ओर से आपके समर्थन और आवाज़ की ज़रूरत है। यह सबसे बड़ी मदद है, जिसकी हमें...
सिने दुनिया

सिने दुनिया: पैरसाइट (दक्षिण कोरियाई) और द प्लैटफॉर्म (स्पैनिश): अमीरों के लिए जो मौसम सुहाना, गरीबों की वह त्रासदी है..

फ़िरोज़ ख़ान
दक्षिण कोरिया में कई अमीर लोगों ने ऐसे घर बना रखे हैं कि जहां अगर ऐटमी हमला हो, तो उनके तहखानों में कुछ समय तक...
कविता

ज़ु लिज़ी की कविताएँ पाठक वर्ग के बीच अपनी समझ को डी-क्लास करने की मांग करती हैं

समकालीन जनमत
तनुज  समाजवाद के उत्तर-संक्रांति काल के दौरान विश्व बाज़ार से प्रभावित होकर चीन की बदली आर्थिक नीतियाँ और पूंजीवादी दक्षिणपंथी भटकाव ने देश की भीतरी...
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