समकालीन जनमत

Month : February 2019

जनमतस्मृति

जनतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर, निडर रचनाकार-अर्चना वर्मा

समकालीन जनमत
(हंस और कथादेश जैसी पत्रिकाओं का सार्थक सम्पादन कर साहित्यिक पत्रकारिता में स्त्री-हस्तक्षेप के लिए भरपूर गुंजाइश बनाने वाली अर्चना वर्मा गत 16 फरवरी को...
ख़बरसिनेमा

प्रतिरोध का सिनेमा ने की दीपा धनराज की फिल्म ‘वी हैव नॉट कम हियर टु डाई’ की स्क्रीनिंग

कौशल किशोर
लखनऊ, 18 फरवरी। ‘प्रतिरोध का सिनेमा’ के सिलसिले का आरम्भ करते हुए 17 फरवरी को लखनऊ में डाक्यूमेन्ट्री फिल्म ‘वी हैव नाॅट कम हियर टू...
जनमत

शहीदों के ताबूतों के चुनावी व्यापार को रोको

पुरुषोत्तम शर्मा
एक तरफ पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आत्मघाती हमले और अब तक की सबसे ज्यादा शहादतों के दुःख और सदमे से देश अभी...
कविताजनमत

बादलों में आकार की खोज: रमणिका गुप्ता की कविताई

समकालीन जनमत
बजरंग बिहारी तिवारी नारीवादी आंदोलन का दूसरा दौर था. ‘कल्ट ऑफ़ डोमिस्टिसिटी’ को चुनौती दी जा चुकी थी. राजनीति में स्त्री की उपस्थिति को औचित्यपूर्ण,...
ज़ेर-ए-बहस

पुलवामा हमले से उठे सवाल

इन्द्रेश मैखुरी
14 फरवरी को सी.आर.पी.एफ के काफिले पर घात लगा कर हमला किया गया,वह बेहद निंदनीय है. पूरे देश में इसको लेकर जो आक्रोश है, वह...
ख़बर

LGBTQ समूह और उनके प्रेम को समझे समाज

राजेश सारथी
वर्धा (महाराष्ट्र). वेलेंटाइन दिवस की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र के वर्धा में ‘ लैंगिक हिरासत और संघर्षशील प्रेम ‘ पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम...
जनमत

एक सैनिक की मौत एक नागरिक की ही मौत है

समकालीन जनमत
शशांक मुकुट शेखर “हमारे बहादुर सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.”- पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी सहित देश के तमाम नेताओं ने...
साहित्य-संस्कृति

पूछते हैं वो कि गालिब कौन है !

रवि भूषण
आज गालिब (27.12.1797-15.02.1869 ) की डेढ़ सौ वीं पुण्यतिथि है और वे बार-बार याद आ रहे हैं – ‘वह हर इक बात पर कहना कि...
जनमतमीडिया

कार्पोरेट न्यूज मीडिया : धनतंत्र के लिए और धनतंत्र-फासीवाद की सेवा में

आनंद प्रधान
अधिकांश न्यूज चैनलों पर इन दिनों 24×7 अहर्निश “बहस”, “महाबहस”, “दंगल”, “ताल ठोंक के” और इस जैसे और कई चर्चाओं के प्राइम टाइम कार्यक्रमों में...
ख़बर

विश्वविद्यालय प्रशासन ने ही किया विश्वविद्यालय ठप

के के पांडेय
छात्रों को लड़वाया छात्रों से, पिटवाया पुलिस से कुलपति समेत सभी अधिकारी लापता शिक्षक संघ का अध्यक्ष ही बन बैठा है चीफ प्राक्टर कल छात्रसंघ...
ख़बर

कर्ज मुक्ति, लागत का डेढ़ गुना दाम की मांग को लेकर मानसा में किसानों की बड़ी रैली

समकालीन जनमत
मानसा. किसानों की कर्ज मुक्ति, आवारा पशुओं से फसलों की रक्षा, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम की...
ख़बरज़ेर-ए-बहस

दिव्य कुंभ: इन मुसलामानों का क्या करेंगे योगी जी ?

के के पांडेय
जब संसद के भीतर अपने पहले ही भाषण में एक प्रधानमन्त्री 1200 साल की गुलामी से मुक्ति घोषणा कर रहा हो, चुनावों के समय डीएनए...
ख़बर

सवर्ण आरक्षण और 13 प्वाइंट रोस्टर वापस लेने को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें राजनीतिक दल

समकालीन जनमत
सवर्ण आरक्षण और 13 प्वाइंट रोस्टर वापस लेने की मांग को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें राजनीतिक दल   शाहिद आजमी की नौंवी बरसी...
जनमत

कमीशन खोरी होने पर सज़ा नहीं होगी, ऐसी शर्तों पर रफाल डील तो मोदी जी ही कर सकते हैं

रवीश कुमार
आज के हिन्दू में रफाल डील की फाइल से दो और पन्ने बाहर आ गए हैं। इस बार पूरा पन्ना छपा है और जो बातें...
ख़बरजनमत

दिव्य कुंभीकरण की भेंट चढ़ी निराला की प्रतिमा

के के पांडेय
वंसत पंचमी और महाप्राण निराला हम लोगों के लिए इलाहाबाद पहुँचने पर एक हो गए. आज वंसत पंचमी है. संगम और दोनों नदियों के तट...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

निराला की कहानियाँ- आधुनिक बोध, प्रगतिशीलता व स्वाधीन चेतना की प्रबल अभिव्यक्ति

समकालीन जनमत
दुर्गा सिंह निराला के कहानी लेखन का समय 1920 ई के बाद का है। लेकिन पहली ही कहानी में आधुनिक बोध, प्रगतिशीलता व स्वाधीन चेतना...
कविताजनमत

ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ हैं

समकालीन जनमत
देवेंद्र आर्य ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ पेश करती हैं , पर उनका समकाल विद्रूप या भौकाल बन कर...
ख़बर

आवाज, जमीन, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए मजदूर महासंसद संपन्न

समकालीन जनमत
9 फरवरी अयोध्या। आवाज, जमीन, रोजगार, स्वास्थ्य, तथा समान शिक्षा को मौलिक अधिकार होना चाहिए। भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य तथा खेग्राम्स के राष्ट्रीय महासचिव...
ज़ेर-ए-बहस

खतरे में है लोकतंत्र, संविधान और संघवाद

रवि भूषण
हमारा देश जिस खतरनाक दौर से गुजर रहा है, उससे उसे निकालने का एक मात्र मार्ग चुनाव नहीं है। चुनावी राजनीति ने सत्तालोलुपों को किसी...
जनमत

सत्ता को सुहा नहीं रही बुद्धिजीवियों की मुखरता

शालू यादव   पिछले चार साल में जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है तबसे राज्य आम जनता और बुद्धिजीवियों के प्रति कहीं अधिक असहिष्णु...
Fearlessly expressing peoples opinion