समकालीन जनमत

Tag : समकालीन हिंदी कविता

कविता

सुजाता गुप्ता की कविताएँ समाज की कुरूप सच्चाइयों से उपजी अकुलाहट हैं।

सौम्या सुमन कवि केदारनाथ सिंह ने कहा है कि कविता के पास अपना विचार होना चाहिए और जीवन जगत के बारे में उसका विचार जितना...
कविता

भास्कर चौधुरी की कविताएँ: यहाँ कोई सरहद नहीं है

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कौशल किशोर समकालीन रचनाशीलता दबाव में है। रचनाकार के निजी जीवन, अनुभव संसार, भाव-संवेदना,  लय-ध्वनि सभी अतिरिक्त दबाव में हैं। यह उसके अन्तर्य पर बाह्य...
कविता

प्रदीप सैनी की कविताएँ अपने समय में फैलाई जा रही अविश्वसनीयता के ख़िलाफ़ प्रतिरोध दर्ज करती हैं

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अनुपम त्रिपाठी एक छोटी सी कहानी से बात शुरू करूँ। एकबार जंगल के सभी जानवर पुराने राजा यानी शेर से बहुत तंग आ गए। तो...
कविता

रक्षा की कविताएँ भारतीय समाज में स्त्री जीवन का बेबाक और साहसिक बयान हैं

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निरंजन श्रोत्रिय कविता सिर्फ वाक्यावलियों, पंक्ति विन्यास या किसी विचार के शब्दबद्ध होने से ही संभव नहीं होती। अपने समय-समाज में घट रहे दृश्यों, दृष्टांतों...
जनमत

“तुम्हारे होने से होता है सब” मायामृग की कविताएँ

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गणेश गनी राजस्थान के कवि माया मृग की कविताएँ अपनी ओर एक गहरे आकर्षण से खींचती हैं। उनकी कविताओं में कल्पना यथार्थ को और मार्मिक...
पुस्तक

पार्वती: कवि-कहानीकार शेखर जोशी की अपनी धरती और अपने लोगों से बहुत गहरे प्यार की कविताएँ हैं

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सदाशिव श्रोत्रिय मैं देखता हूं कि हमारे अधिकांश लेखक “ नौस्टाल्जिया” शब्द का प्रयोग अक्सर इसके नकारात्मक अर्थ में ही करते हैं । मेरे ख्याल...
कविता

पुष्पराग की कविताएँ संवेदना और पर्यावरण को सहेजने की कोशिश हैं

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निरंजन श्रोत्रिय   पुष्पराग की कविताओं का मूल स्वर एक ऐसे युवा एक्टिविस्ट का वह तेवर है जो अपने परिवेश में व्याप्त विषमताओं को लेकर...
कविता

चंद्रेश्वर की कविताएँ सरलता और संघर्ष को ज़रूरी जीवन मूल्य के रूप में बरतने का आग्रह हैं

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कौशल किशोर चंद्रेश्वर चार दशक से साहित्य सृजन में रत कवि, आलोचक और गद्यकार हैं। उनके तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। ‘अब भी’...
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कल्पना पंत की कविता अबोध-अनछुए मौलिक जीवन को बचाने की आकांक्षा है

समकालीन जनमत
कल्पना मनोरमा कविता क्या है? कोई मुझसे पूछे तो मैं यही कहूँगी कि कविता एक निहायत ज़रूरी ज्योतित आवाज़ है. जो पहले उसे जगाती है...
कविता

अणु शक्ति सिंह की कविताएँ स्त्री जीवन की जटिलताओं का मार्मिक विस्तार हैं

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निरंजन श्रोत्रिय स्त्री के एकाकीपन के अनेक संस्तर होते हैं-जटिल और पीड़ादायक। एक अनचाहे शून्य से भरी हुई स्त्री एक सुलगता सवाल है जिसे हल...
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प्रेम और संघर्ष की आकांक्षाओं से भरा है पूजा यादव का कविता संसार

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पार्वती तिर्की पूजा नए दौर की कवयित्री है, उसका काव्य लेखन एक नयापन लिए हुए है। नई तरह की क्रांति और प्रेमाकांक्षाएँ है। प्रतिरोध जैसे...
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शेफाली की कविताएँ जीवन की सुंदरता से संवाद हैं

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अरुणाभ सौरभ शेफाली की कविताएँ उस युवा पीढ़ी की आवाज़ हैं जिसके सपने, मूल्य और संवेदना को यह व्यवस्था और तंत्र निरंतर तोड़ रहा है।...
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जमुना बीनी की कविताएँ आदिवासियत की उपेक्षा का प्रतिकार हैं

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कविता कादंबरी आदिवासी अस्मिता पर केंद्रित हिंदी कविताओं में कुछ सामान्य प्रवृत्तियाँ हैं जिसमें प्रकृति के साथ साहचर्य का भाव, ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया पर...
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घुँघरू की कविताएँ प्रेम के अनगढ़ रूप और सामाजिक संवेदना से भरपूर हैं

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निरंजन श्रोत्रिय घुँघरू की कविताओं में प्रेम और संवेदनों को लेकर एक अलग-सी कमनीयता है वह भी ज़िद के साथ। एक युवा कवयित्री प्रेम को...
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पार्वती तिर्की की कविताएँ आदिवासी समाज और प्रकृति के साहचर्य, सातत्य और सौंदर्य की अभिव्यक्ति हैं

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रोज़ी कामेई आदिवासी समुदायों की एक ख़ास विशेषता यह होती है कि वे इंसानों से पहले धरती, समस्त जीव-जगत, प्रकृति एवं सृष्टि के हर सजीव-निर्जीव...
कविताजनमत

कमला भसीन के गीत और कविताएँ जेंडर जागरूकता की असरदार अपील हैं

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(समकालीन जनमत का ‘समकालीन हिंदी कविता’ का यह अंक लोकप्रिय नारीवादी -मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखिका कमला भसीन को समर्पित है, 75 वर्ष की उम्र में...
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कल्पना झा की कविताएँ जो कुछ भी सुंदर है उसे बचा ले जाने की कोशिश हैं

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आनंद गुप्ता रंगकर्मी एवं अभिनेत्री कल्पना झा की कविताओं में स्त्री मन की गहरी समझ है. इनकी कविताओं से गुजरते हुए हम स्त्रियों के दुख...
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अनामिका अनु की कविताएँ स्त्री विमर्श को कई कोणों से देखती हैं

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विशाखा मुलमुले   अनामिका अनु जी मूलतः बिहार की रहवासी हैं व कर्मभूमि से केरल की हैं। मैं जब उनकी कविताएँ पढ़ती हूँ तो कविता...
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सतीश छिम्पा की कविताएँ अपने समय से किये गए बेचैन सवाल हैं

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अनुपम त्रिपाठी सतीश जी राजस्थान के रहने वाले हैं. इनके तीन कविता संग्रह ‘लहू उबलता रहेगा’ (फिलिस्तीन के मुक्ति संघर्ष के लिए), ‘लिखूंगा तुम्हारी कथा’, ‘आधी...
कविता

सोनू यशराज की कविताएँ किताबों से एक स्त्री का संवाद हैं

समकालीन जनमत
आलोक रंजन सोनू यशराज की अधिकांश कविताएँ किताबों को समर्पित हैं और शेष स्त्री प्रश्नों से जुड़ी हुई । किताबों के माध्यम से रचनाकार ने...
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