समकालीन जनमत

Tag : Bodhisatva

कविता

बोधिसत्व की कविताएँ सच सरेआम कहने के हुनर का शिल्प हैं

समकालीन जनमत
भरत प्रसाद बोधिसत्व की पहचान 90 के दशक के प्रमुख कवि के तौर पर बनी, जो आजतक कायम है। हम जो नदियों का संगम हैं-2002...
कविता

अरुण आदित्य वक्र उक्ति के सहज कवि हैं

समकालीन जनमत
बोधिसत्व कवि अरुण आदित्य की कविता हिंदी में कहाँ उपस्थित है इस बात का आकलन इन पंद्रह कविताओं से नहीं किया जा सकता। वे स्थापित...
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