समकालीन जनमत

Tag : कोरोना

पुस्तक

‘1232 km: कोरोना काल में एक असम्भव सफ़र’: लाकडाउन की याद है?

गोपाल प्रधान
2021 में राजकमल से विनोद कापड़ी की ‘1232 km: कोरोना काल में एक असम्भव सफ़र’ को याद रखा जाना चाहिए ताकि वर्तमान सत्ता के जन...
ज़ेर-ए-बहस

महामारियां अवसाद बुनती हैं!

जनार्दन
महामारियां और आपदाएं जीवन-जगत को आकार प्रदान करती हैं; उनकी मानसिकता के ढांचे को तोड़कर नए ढांचे का निर्माण करती हैं –आपदाएं नवीन और परिवर्तनकामी...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

…कहाँ जाईं, का करीं

समकालीन जनमत
कोरोना डायरी : लॉकडाउन-3 नीलिशा [युवा पत्रकार नीलिशा दिल्ली में रहती हैं और इस भयावह वक़्त का दस्तावेज़ीकरण वे कोरोना डायरी नाम से कर रही...
ज़ेर-ए-बहस

कोरोना काल में महिलाओं की दुनिया : घर और बाहर

समकालीन जनमत
डॉ.दीना नाथ मौर्य गायत्री अपने पति और बच्चों के साथ मुम्बई के धारावी इलाके में पिछले 20 सालों से रहती हैं। मूल रूप से उत्तर-प्रदेश...
जनमत

कोरोना और ईद-उल-फ़ित्र के बीच प्रवासी मज़दूर

समकालीन जनमत
आरफ़ा अनीस पूरी दुनिया इस वक़्त कोरोना नामक वैश्विक महामारी की चपेट में है। सीमित संसाधनों और ग़लत राजनीतिक नीतियों के बीच भारत में अब...
ज़ेर-ए-बहस

क्या शराब की बिक्री से ही सम्भव होती है कर्मचारियों की तनख्वाह ?

एक जमाने में पंकज उदास की गायी यह गज़ल काफी लोकप्रिय हुई थी : हुई मंहगी बहुत शराब थोड़ी-थोड़ी पिया करो लॉकडाउन में शराब की...
ज़ेर-ए-बहस

“ सभी मॉडल व्यर्थ साबित हुए हैं, अलबत्ता उनमें कुछ उपयोगी हैं ”

समकालीन जनमत
‘केरल मॉडल’ अगर कामयाब हुआ तो ज़रूरी नहीं कि सारे मॉडल पास होंगे। आख़िर जॉर्ज बॉक्स ने कहा भी तो है “सभी मॉडल व्यर्थ साबित...
ज़ेर-ए-बहस

महाजनी सभ्यता और महामारी के सबक

समकालीन जनमत
डॉ. दीना नाथ मौर्य सभ्यता के विकासक्रम में मानव जाति पर समय-समय पर आयी प्राकृतिक आपदाओं के ऐतिहासिक अनुभव से यह सीख ली जा सकती...
जनमत

पैदल चले जा रहे मज़दूरों पर इतनी चुप्पी क्यों है ?

अनामिका 1960 में एक फ़िल्म आई थी, ‘उसने कहा था’. हिन्दी के सुप्रसिद्ध कहानीकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी पर आधारित है. फिल्म का एक...
कविता

‘ फ्री कालिंग है पर बातचीत के हालात नहीं हैं ‘

समकालीन जनमत
आठ मई की शाम समकालीन जनमत द्वारा आयोजित फ़ेसबुक लाइव में जब कवि पंकज चतुर्वेदी अपने कविता पाठ के लिए प्रस्तुत हुए तो काफ़ी देर...
कविता

कोरोना काल में कविता संवाद : पहले चार लाठियां मिलती हैं / फिर दो रोटियां / सुन्दरपुर दूर है अभी

लखनऊ. जन संस्कृति मंच की ओर से फेसबुक पर चलाये जा रहे ‘कविता संवाद’ लाइव कार्यक्रम के तहत 3 मई को  आठ रचनाकारों की कोरोना...
ज़ेर-ए-बहस

रोटी, दवा, सुरक्षा जरूरी है या पुष्प वर्षा ?

रीता शर्मा ऐसे समय जबकि हम “कोरोना महामारी” से जूझ रहे हैं और 21 मार्च से लगातार देश बंदी के चलते श्रमिक वर्ग, प्राइवेट नौकरी...
जनमत

वैश्विक महामारी के दौर में अंतरराष्‍ट्रीय मजदूर दिवस

मई दिवस अंतरराष्‍ट्रीय मजदूर दिवस है। इसकी प्रेरणा एक दिन में काम के घंटे तय करने के पहले बड़े संघर्ष से मिली। इस संघर्ष की...
कविता

कोरोना काल में कविता :  ‘ रिसते दिखे पाँवों से खून, इस पर क्या लिखूं / दिखे आंखों से बहते खून…..

समकालीन जनमत
कविता अपने समय को रचती है  और समय  भी अपने कवि को बनाता है। कोरोना काल मानव जाति के लिए बड़ा  संकट का काल है।...
ख़बर

क्या आरसीएफ कपूरथला के बनाये वेंटिलेटर, सेनिटाइजर टनल और पीपीई को प्रमाणन हासिल हो पायेगा ?

समकालीन जनमत
डा. कमल उसरी भारतीय रेल की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 में हुई जब एशिया एवं भारत की प्रथम रेल बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल -मुम्बई )...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

लॉकडाउन से ठहर गया है कोलकाता

देवेश मिश्र
 देवेश मिश्र   लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. देश की एक बड़ी मज़दूर आबादी का पलायन शहरों से गाँवों...
जनमत

कोविड-19 और मोदी का लॉकडाउन : चारों ओर अफ़रा-तफ़री, प्‍लानिंग कहीं नहीं

(यह लेख भाकपा (माले) महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य द्वारा लिखित है जिसे अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड ने 30 मार्च 2020 को प्रकाशित किया है। समकालीन...
ख़बर

कीड़े मकोड़ों की तरह किया गया मजदूरों पर डिसइंफेक्ट दवा का छिड़काव

सुशील मानव
भूखे प्यासे दिल्ली एनसीआर से पैदल आए ये मजदूर नहीं कीड़े मकोड़े हैं, ये बैक्टीरिया और वायरस की वाहक मक्खियाँ और मच्छर हैं। कम से...
ख़बर

परेशान अधिवक्ता फोन करते रहे, बहन को अस्पताल पहुँचाने में लगे पांच घंटे

समकालीन जनमत
प्रयागराज। कोरोना विषाणु के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए सरकारी उपायों की हकीकत क्या है, यह शनिवार की रात एक बार फिर उजागर...
ख़बर

‘ 15 दिन से कोई काम नहीं मिला, हम रोज कमाने-खाने वाले कैसे जियेंगे  ’

समकालीन जनमत
महाप्रसाद प्रयागराज. कोरोना वायरस से फैली महामारी भारतीय मानवता के इतिहास में बड़ी त्रासदी व कुरूप के रूप में उभरा है. इससे कोई अछूता नहीं,...
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