कविता मोहन कुमार डहेरिया की कविताएँ व्यक्तिगत और सामूहिक अभिव्यक्ति को सशक्त और बेचैन होकर ज़ाहिर करती हैंसमकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 2023 by समकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 2023068 पीयूष कुमार आत्मा के पेड़ पर बैठा कवि मोहन कुमार डहेरिया की कविताओं में मनुष्यविरोधी समय का अतियथार्थ अपनी विकलताओं और भावसघनाओं के साथ आता...
जनमत पीयूष कुमार की कविताएँ प्रकृति, प्रेम और सरोकारों की बानगी हैंसमकालीन जनमतMarch 19, 2023March 19, 2023 by समकालीन जनमतMarch 19, 2023March 19, 20230104 रजत कृष्ण किसी भी रचनाकार की उपस्थिति से प्रचलित साहित्य धारा में उसके जीवन सरोकार, भाव संवेदना, सौंदर्य दृष्टि और तत्कालीन जीवन संघर्ष आदि में...
कविता अनिल अनलहातु की कविताएँ हमारी हताशा और जिजीविषा का अन्तर्द्वन्द्व हैंसमकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023 by समकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023056 प्रभात मिलिंद अनिल अनलहातु हमारे समय के विरल और अनिवार्य कवि हैं. कविताओं में वक्रोक्तियों का कारुणिक प्रयोग कैसे संभव हो सकता है, व्यंग्य में...
कविता शिरोमणि महतो की कविताओं की प्रकृति देशज है।समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023 by समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023060 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि शिरोमणि महतो की इन कविताओं में भाषा और अनुभवों की ताजगी साफ देखी जा सकती है। इन कविताओं मे कवि ने...
कविता उर्मिल मोंगा की कविताएँ स्वप्न और उम्मीद जगाती हैंसमकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023061 कौशल किशोर कहा जाता है कि मानवीय दर्द का एहसास व अनुभूति तथा मुक्ति की कलात्मक अभिव्यक्ति ही आज की कविता है। भाव, विचार व...
कविता यूनुस ख़ान की कविताएँ जीवन और समय की जटिलताओं को दर्ज करती हैंसमकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 2023084 निरंजन श्रोत्रिय सरलता का शिल्प सबसे जटिल होता है। जीवन और समय की जटिलताओं को कविता के जटिल शिल्प में ढाल देना एक रूपान्तरण हो...
कविता बोधिसत्व की कविताएँ सच सरेआम कहने के हुनर का शिल्प हैंसमकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 20230124 भरत प्रसाद बोधिसत्व की पहचान 90 के दशक के प्रमुख कवि के तौर पर बनी, जो आजतक कायम है। हम जो नदियों का संगम हैं-2002...
कविता सुनीता ‘अबाबील’ की कविताएँ स्त्री पीड़ा की अंतर यात्रा हैंसमकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 20230139 हीरालाल राजस्थानी बेशक ही दलित व हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को स्थान मिलता रहा है। खासतौर पर कविता विधा में, जहाँ शुरुआती दौर में...
कविता रमेश ऋतंभर की कविताओं में सामूहिकता की भावना शिद्दत से अभिव्यक्त होती हैसमकालीन जनमतJanuary 29, 2023January 29, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 29, 2023January 29, 2023064 पंकज चौधरी समकालीन हिन्दी कविता में दो तरह की कविताएँ अधिक प्रामाणिक और विश्वसनीय कही जा सकती हैं। एक तो वे कविताएँ, जिन्हें लिखने वाले...
कविता श्याम अविनाश की कविता: अदृश्य से जन्मता है दृश्यसमकालीन जनमतJanuary 22, 2023January 22, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 22, 2023January 22, 2023058 आनंद बहादुर …दूर नीम का एक पेड़ भींग रहा है या नहीं दूर से दिखता नहीं है किसी का भींगना… मांदल की आवाज के...
कविता अरुण आदित्य वक्र उक्ति के सहज कवि हैंसमकालीन जनमतJanuary 8, 2023January 8, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 8, 2023January 8, 2023096 बोधिसत्व कवि अरुण आदित्य की कविता हिंदी में कहाँ उपस्थित है इस बात का आकलन इन पंद्रह कविताओं से नहीं किया जा सकता। वे स्थापित...
कविता पूनम सोनछात्रा की कविताएँ प्रेम और दर्शन के महीन सिरे हैंसमकालीन जनमतJanuary 1, 2023January 1, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 1, 2023January 1, 2023099 नवीन रांगियाल कई बार मैं महसूस करता हूँ कि कविताएँ किसी की नींद की तरह होनी चाहिए. उसकी धड़कन की हल्की आवाज़ें महसूस करने की...
कविता सुंदर चंद ठाकुर की कविताएँ मर्मभेदी यथार्थ को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 2022 by समकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 2022093 कुमार मुकुल फौजी, संपादक और मैराथन दौड़ाक सुंदर चंद ठाकुर के भीतर इतना संवेदनशील कवि निवास करता है यह नहीं जान पाता अगर उनकी ‘चयनित...
कविता सुधा उपाध्याय की कविताएँ सत्ता के क्रूर प्रपंचों को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 2022 by समकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 2022086 अंशु चौधरी समकालीन हिंदी कविता परिदृश्य में सुधा उपाध्याय परिचित नाम हैं। वे अपनी रचनाओं में अपनी विशिष्ट रचनात्मक तेवर, भाषा, और नवीन एवं सूक्ष्म...
कविता महेश वर्मा की कविताएँ अनेक अबूझ, बिखरे दृश्यों से संवाद करती हैंसमकालीन जनमतNovember 27, 2022November 27, 2022 by समकालीन जनमतNovember 27, 2022November 27, 20220120 वसु गंधर्व पाठक बड़ी तन्मयता से, कविताओं के आवरणों से होकर कवि के हृदय की निशीथ तहों को आँकता है। कविता की अपनी अर्थ-भाव-भूमि से इतर,...
कविता शशिभूषण बडोनी की कविताएँ बड़ी सरलता से दिल पर दस्तक देती हैंसमकालीन जनमतNovember 20, 2022November 20, 2022 by समकालीन जनमतNovember 20, 2022November 20, 2022076 कल्पना पंत शशिभूषण बडोनी की कविताएँ बड़ी सरलता और ख़ामोशी से दिल पर दस्तक देती हैं. पहली बार इन कविताओं को पढ़ने पर शिल्प की...
जनमत ‘प्रेम’ नवीन रांगियाल की कविताओं का अर्क हैसमकालीन जनमतNovember 13, 2022November 13, 2022 by समकालीन जनमतNovember 13, 2022November 13, 2022026 गीत चतुर्वेदी नवीन रांगियाल की कविताएँ पढ़ते हुए प्राचीन संस्कृत काव्यशास्त्र की सहज स्मृति हो जाती है। नवीन अपनी कविता में हर अक्षर, हर शब्द...
कविता बाबुषा की कविताएँ जीवन को तप करके पत्थर के बरक्स पानी बना देने की हिमायती हैंसमकालीन जनमतOctober 30, 2022October 30, 2022 by समकालीन जनमतOctober 30, 2022October 30, 20220111 दीपक जायसवाल मेरे ज़माने की ऐसी लेखिका जिसे पानी पर लिखी तहरीरें पढ़ना आता है, बारिशें जिनकी पुरखिन हैं, जिनके यहाँ सूरज पर लगा ग्रहण,...
कविता सुभाष यादव की कविताएँ संभावनाओं की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 2022 by समकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 2022084 विनय सौरभ सुभाष यादव की कविताएँ आपको चौंकाएँगी नहीं। न ही किसी विस्मय से भरेंगी ! ये कविताएँ वैसी ही हैं जैसे किसी निर्जन...
कविता आशीष त्रिपाठी की कविताएँ विषाक्त दौर में प्रकृति की दरियादिली को ज़ाहिर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 16, 2022October 16, 2022 by समकालीन जनमतOctober 16, 2022October 16, 20220175 विपिन चौधरी रचनात्मक और जिज्ञासु संचेतना देर-सवेर अपनी भाषा विकसित कर लेती है. यह भाषा कवि की आत्मा की भाषा है. अपने भीतर के...