समकालीन जनमत

Tag : प्रेमचंद

कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

कफ़न: एक बहुस्तरीय कहानी

समकालीन जनमत
प्रो. सदानंद शाही कफ़न प्रेमचन्द की ही नहीं हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में एक है। कफ़न एक बहुस्तरीय कहानी है, जिसमें घीसू और माधव की बेबसी, अमानवीयता और निकम्मेपन...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद की याद: संजय जोशी

संजय जोशी
हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक रूप देकर उसे आम जन...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

महाजनी सभ्यता : प्रेमचंद

समकालीन जनमत
महाजनी सभ्यता मुज़द: ए दिल कि मसीहा नफ़से मी आयद; कि जे़ अनफ़ास खुशश बूए कसे मी आयद। ( हृदय तू प्रसन्न हो कि पीयूषपाणि...
जनमतस्मृति

प्रेमचंद के फटे जूते: हरिशंकर परसाई

समकालीन जनमत
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने...
साहित्य-संस्कृति

किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘गोदान’

गोपाल प्रधान
सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की...
जनमत

प्रेमचंद का यह जो ‘हिन्दू पाठ’ है

समकालीन जनमत
प्रेमचंद को गलत ढ़ंग से प्रस्तुत कर संघ परिवार अपने पक्ष में हिन्दी मानस को निर्मित करने में लगा है। यह हमला एक साथ प्रेमचंद...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद किसान जीवन की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार धरम, महाजन और साहूकार की भूमिका की शिनाख्त करते हैं

31 जुलाई 2018 को प्रेमचंद जयंती के अवसर पर शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय , बैकुंठपुर(छत्तीसगढ़) में ‘प्रेमचंद और हमारा समय’ विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

सत्ता संपोषित मौजूदा फासीवादी उन्माद प्रेमचंद की विरासत के लिए सबसे बड़ा खतरा:डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमन

समकालीन जनमत
लोकतंत्र, संविधान और साझी संस्कृति के नेस्तनाबूद करने की हो रही है गहरी साजिश-कल्याण भारती प्रेमचंद के सपनों के भारत से ही बचेगी हमारी साझी...
साहित्य-संस्कृति

यथार्थवाद की आधारशिला है सेवासदन – ज्ञानेन्द्रपति

वाराणसी : हिन्दी के अप्रतिम कथाकार प्रेमचन्द की 138वीं जयन्ती पर ‘‘क’’ कला वीथिका, लंका में उनके प्रथम हिन्दी उपन्यास ‘‘ सेवासदन ’’ पर आधारित...
नाटक

पटना में प्रेमचंद जयंती पर हिरावल ने ‘निर्वासन’ का मंचन किया

पटना.कथा सम्राट प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आज स्थानीय छज्जूबाग में हिरावल के कलाकारों ने प्रेमचंद की कहानी ‘निर्वासन’ का नाट्य प्रदर्शन किया। साथ ही,...
जनमत

किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘ गोदान ‘

गोपाल प्रधान
प्रेमचंद ने गोदान में उपनिवेशवादी नीतियों से बरबाद होते भारतीय किसानी जीवन और इसके लिए जिम्मेदार ताकतों की जो पहचान आज के 75 साल पहले...
कहानी

‘ बलिदान ’ : किसान-जीवन त्रासदी और प्रेमचंद की कहानी कला

समकालीन जनमत
मेरी अपनी समझ से हिंदी कहानी में ‘जादुई यथार्थवाद’ कला का भ्रूण इस कहानी में देखा जा सकता हैं ,साथ ही कहानी कला की ऊँचाई...
मल्टीमीडिया

प्रेमचंद : साम्प्रदायिकता और संस्कृति (वीडियो प्रस्तुति -नासिरुद्दीन )

समकालीन जनमत
प्रेमचंद के दौर में भी फिरकापरस्ती यानी साम्प्रदायिकता, नफरत फैलाने और बाँटने का अपना जरूरी काम बखूबी कर रही थी. आजादी के आंदोलन की पहली...
स्मृति

ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…

समकालीन जनमत
मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...
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