समकालीन जनमत

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साहित्य-संस्कृति

यथार्थवाद की आधारशिला है सेवासदन – ज्ञानेन्द्रपति

वाराणसी : हिन्दी के अप्रतिम कथाकार प्रेमचन्द की 138वीं जयन्ती पर ‘‘क’’ कला वीथिका, लंका में उनके प्रथम हिन्दी उपन्यास ‘‘ सेवासदन ’’ पर आधारित...
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