समकालीन जनमत

Tag : कविता

जनमत

प्रेम और संघर्ष की आकांक्षाओं से भरा है पूजा यादव का कविता संसार

समकालीन जनमत
पार्वती तिर्की पूजा नए दौर की कवयित्री है, उसका काव्य लेखन एक नयापन लिए हुए है। नई तरह की क्रांति और प्रेमाकांक्षाएँ है। प्रतिरोध जैसे...
शख्सियत

त्रिलोचन के नामवर और नामवर के त्रिलोचन

समकालीन जनमत
(त्रिलोचन के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है त्रिलोचन की डायरी पर शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक की अवधेश प्रधान द्वारा लिखी गई...
कविता

‘मोह’ के कवि हरिराम द्विवेदी

बलभद्र
हरिराम द्विवेदी भोजपुरी कविता का एक सुपरिचित नाम है। 12 मार्च 1936 को जन्मे 85 पार के द्विवेदी जी भोजपुरी साहित्य-जगत में किसी परिचय के...
कविता

किसने आखिर ऐसा समाज रच डाला है

सुधीर सुमन
सुधीर सुमन  “नहीं निकली नदी कोई पिछले चार-पाँच सौ साल से/ एकाध ज्वालामुखी ज़रूर फूटते दिखाई दे जाते हैं/ कभी कभार/ बाढ़ें तो आईं ख़ैर...
कविता

कौशल किशोर का कविता पाठ ‘यह गम अपना, हम सब का साझा’

शतीन्द्रनाथ चौधुरी अतुल्य हिन्दी के मंच से कौशल किशोर का काव्यपाठ यू-ट्यूब पर सुना। इसका संजीव प्रसारण इसी मंच से 2 जुलाई को हुआ। उन्होंने...
साहित्य-संस्कृति

नागार्जुन की आलोचना

गोपाल प्रधान
नागार्जुन कवि थे, उपन्यासकार थे। थोड़ा ध्यान देकर देखें तो अनुवादक भी थे। लेकिन आलोचक ? और वह भी तब जब खुद उन्होंने आलोचक के...
स्मृति

 जनवादी धारा के अग्रगामी चेतना के कवि थे विजेन्द्र

समकालीन जनमत
लखनऊ।  हिन्दी के शीर्षस्थ कवि व गद्यकार विजेन्द्र के रचनात्मक अवदान पर सार्थक एवं बेहद जरूरी परिचर्चा 27 जुलाई को जूम पर हुई । बीते...
स्मृति

अज़ीम कवि एवं फ़िल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता

समकालीन जनमत
प्रशांत विप्लवी जब फ़िल्मों का बहुत ज्यादा इल्म नहीं था तब भी बहुत सारी महत्त्वपूर्ण फिल्में देखने की क्षीण स्मृति है। विकल्पहीनता कई बार वरदान...
कविता

पहाड़ों की यातनाएं संजोते मंगलेश दा

अर्पिता राठौर मंगलेश डबराल का रचना कर्म उस सफर सरीखा है जो अपना समस्त जीवन मानवीय विडंबनाओं में संभावना तलाशते हुए गुज़ार देना चाहता है।...
कविता

धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’

गोपाल प्रधान
धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
कविता

मिथिलेश के नए कविता संग्रह से गुजरना ग्रामीण भारत की आत्मा को पढ़ना है

समकालीन जनमत
आलोक कुमार मिश्रा कवि मिथिलेश कुमार राय अपने पहले काव्य संग्रह- ‘ओस पसीना बारिश फूल’ से ही समकालीन कविता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान बना...
शख्सियत

प्रिय कवि मंगलेश डबराल की याद में

कौशल किशोर
लखनऊ के लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने आज मंगलेश डबराल और राघव नरेश की स्मृति में शोक सभा आयोजित करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक...
शख्सियत

स्मृति मंगलेश डबराल: ‘आवाज भी एक जगह है’

कौशल किशोर
साहित्य और विचार की संस्था लिखावट की ओर से ऑनलाइन गूगल मीट पर प्रसिद्ध कवि और गद्यकार मंगलेश डबराल की स्मृति में कार्यक्रम ‘आवाज़ भी...
शख्सियत

मंगलेश की कविताएं आने वाली पीढ़ियों को भी लंबे समय तक प्रेरित करती रहेंगी – संतोष सहर

कवि मंगलेश डबराल को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि पटना, 13 दिसंबर। स्थानीय छज्जूबाग में जन संस्कृति मंच की ओर से, विगत 9 दिसंबर को...
शख्सियत

ये हमने कैसा समाज रच डाला है?

प्रेमशंकर सिंह
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
शख्सियत

बहुत हो गया…मैं जल्दी बरेली आऊंगा…अब जो होगा वहीं होगा

शालिनी बाजपेयी
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता: बृजराज

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता और स्त्रियाँ

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल: आधुनिकता का लोककवि

समकालीन जनमत
हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
शख्सियत

प्रेमचंद ! अब सब कहते हैं ईमान के डर से जान थोड़ी गवायेंगे!

समकालीन जनमत
(31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
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