समकालीन जनमत

Tag : भूख

कविता

‘मन एव मनुष्याणां-सृष्टि-चक्र: एक लम्बी कविता’ के बहाने कविता में सभ्यता समीक्षा

गोपाल प्रधान
प्रसन्न कुमार चौधरी की एकमात्र कविता ‘सृष्टि-चक्र’ के बारे में हिंदी बौद्धिकों के बीच बहुत कम बातचीत हुई । इसका कारण यह भी था कि...
कविता

धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’

गोपाल प्रधान
धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
ख़बर

बिहार की जनता बदलाव चाहती है

सत्ता की भूखी भाजपा जिसने 2015 के भाजपा विरोधी स्पष्ट जनादेश का अपहरण करके 2017 में नीतीश कुमार के साथ साजिश कर बिहार की कुर्सी...
ज़ेर-ए-बहस

भूख, भोजन, चोरी, आत्महत्या और अपराध बोध

सुशील मानव
क्या आपने किसी अडानी, अंबानी, माल्या, मोदी, टाटा, बिड़ला को किसी अपराधबोध या ग्लानिबोध से भरे देखा, सुना है क्या ?...
कविता

भूख दुनिया की सबसे पहली महामारी है

आज 1 मई है, जिसे पूरी दुनिया में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. मजदूरों के सम्मान, उनके हक और उनके संघर्षों को...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

वाराणसी में मोहल्ला किचन : भूख से जूझ रहे शहरी गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की लाइफ लाइन

कुसुम वर्मा
कोरोना लाकडाउन ने शहरी गरीबो और दिहाड़ी मजदूरों के सामने जिंदा रहने की चुनौती पेश कर दी है. कामधंधा बंद हो जाने की वजह से...
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