समकालीन जनमत

Tag : हिन्दी आलोचाला

साहित्य-संस्कृति

नागार्जुन की आलोचना

गोपाल प्रधान
नागार्जुन कवि थे, उपन्यासकार थे। थोड़ा ध्यान देकर देखें तो अनुवादक भी थे। लेकिन आलोचक ? और वह भी तब जब खुद उन्होंने आलोचक के...
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