मुक्तिबोध जयंती पर विशेष स्त्री स्वाधीनता और उस स्वाधीनता की अभिव्यक्ति के प्रश्न को जितनी गहनता और विस्तार मुक्तिबोध-साहित्य में मिला वैसा हिन्दी साहित्य...
बजरंग बिहारी कविता जीवन का सृजनात्मक पुनर्कथन है। इस सृजन में यथार्थ, कल्पना, आकांक्षा, आशंका और संघर्ष के तत्व शामिल रहते हैं। रचनाकार अपनी प्रवृत्ति,...
28 अक्टूबर, पटना आज कोरस के सालाना कार्यक्रम ‘अजदिया भावेले’ की शृंखला में इस बार साहित्यकार, नाट्यकर्मी व एक्टिविस्ट रज़िया सज़्ज़ाद ज़हीर के जन्म-शती वर्ष...
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं को महज़ ‘प्रेम कविताएँ’ या रागात्मकता की कविताएँ कहने में मुझे ऐतराज़ है। पल्लवी की विलक्षण काव्य-प्रतिभा...
एन. आर.श्याम “भारतवर्ष में समय-समय पर उत्पादन के साधनों पर मालिकाना हक, उत्पादन संबंधों में बदलाव और उत्पादन करने वाली शक्तियों की उन्नति, अभिवृद्धि के...