समकालीन जनमत

Category : शख्सियत

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एक बेटे की कलम से कुछ यादें

( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ आज अपने जीवन के सौ साल पूरे कर रहे हैं....
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दास्तान-ए-ख़लीफ़ा

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(आज़ादी के बाद उम्मीद की जाती थी कि लोककलाओं का विकास होगा लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। 60 और 70 का दशक आते-आते जो लोक...
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सुमिरन कर ले मेरे मना: भारतीय शास्त्रीय संगीत का ‘जस’ हैं पंडित जसराज

समस्त राग-रागिनियाँ भी मानो इस भजन गायन से उस परमब्रह्म में लीन होने को तत्पर हो जाती हैं। पता नहीं गुरु नानक देवजी के शब्दों...
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शम्भु बादल : जितने सहृदय उतने ही प्रतिबद्ध कवि

बलभद्र
शम्भु बादल हिन्दी के एक वरिष्ठ जनधर्मी कवि हैं। उनकी एक काव्य पुस्तक है ‘पैदल चलने वाले पूछते हैं’। कविता की यह उनकी पहली किताब...
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याद रखना भी हुनर है उसको

दीपक रूहानी अक्सर किसी कवि, लेखक या शायर की प्रासंगिकता पर सवाल उठाये जाते हैं। मेरे ख़याल में प्रासंगिकता किसी व्यक्ति विशेष की नहीं होती...
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भीष्म साहनी का लेखन और ज़िन्दगी के नए फ़लक : डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव

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(आज हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार भीष्म साहनी का जन्मदिन है अपने उपन्यास और टेलीविजन पटकथा ‘तमस’ के लिए उन्हें विश्व स्तर की ख्याति मिली, जो...
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ये हमने कैसा समाज रच डाला है?

प्रेमशंकर सिंह
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
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बहुत हो गया…मैं जल्दी बरेली आऊंगा…अब जो होगा वहीं होगा

शालिनी बाजपेयी
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
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वीरेनदा की कहानी तो मल्टी डायमेंशनल है

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( 28  सितंबर 2015  की सुबह  वीरेन डंगवाल  की मृत्यु के बाद  अमर उजाला के बरेली संस्करण के स्टाफ़ फ़ोटोग्राफ़र ने अच्छी कवरेज के लिए...
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वीरेन दा की पत्रकारिता

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( 5 अगस्त को हिंदी के फक्कड़ कवि वीरेन डंगवाल का जन्म दिन होता है. अगर वे जीवित होते तो आज 73 वर्ष के होते....
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वीरेन डंगवाल की कविता: बृजराज

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(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
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वीरेन डंगवाल की कविता और स्त्रियाँ

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(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
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वीरेन डंगवाल: आधुनिकता का लोककवि

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हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
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‘कोरस’ द्वारा प्रेमचंद की कहानी ‘मनोवृत्ति’ का नाट्य रूपांतरण

प्रेमचंद एक ऐसे रचनाकार हैं जो हर समय-समाज में समकालीन रहे हैं। उनकी कहानियां भारतीय समाज का एक जीता-जागता चित्र हैं। प्रेमचन्द की एक कहानी...
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आज भी किसान जीवन का यथार्थ है ‘पूस की रात’

समकालीन जनमत के आयोजन ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ में पीयूष कुमार की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’...
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एक अभिनेता की नज़र में रंगभूमि

31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत दो दिवसीय ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के लिए मुंबई...
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जश्न-ए-प्रेमचंद: फ़रज़ाना महदी की आवाज़ में ‘बड़े भाई साहब’

समकालीन जनमत
31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत दो दिवसीय ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के लिए फ़रज़ाना...
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स्मृति-संदर्भ नहीं, जीवित प्रसंग हैं प्रेमचंद : रामजी राय

समकालीन जनमत
रामजी राय (31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर...
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1936 में ‘साहित्य का उद्देश्य’ शीर्षक से प्रेमचंद द्वारा दिए गए ऐतिहासिक भाषण की ऑडियो वीडियो प्रस्तुति

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31 जुलाई 2020 प्रेमचंद की 140 वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत ने दो दिवसीय ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन किया। इस अवसर पर  समकालीन जनमत...
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