समकालीन जनमत

Month : July 2022

कविता

वसु गन्धर्व की कविताएँ मन्द्र उपस्थिति के मुखर स्वर हैं

समकालीन जनमत
रंजना मिश्र कुछ स्वर अपनी मन्द्र उपस्थिति में अधिक सुन्दर, अधिक मुखर होते हैं। वे कोमल, गझिन और एकान्तिक होते हुए भी अपनी ज़मीन पर...
कविता

शुभम नेगी की कविताएँ इंद्रधनुषी चेतना का प्रसार एवं मनुष्यता की फिसलन की चिंता हैं

समकालीन जनमत
देवेश पथ सारिया युवा कवि शुभम नेगी की कलम नई है, शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के लिए कुछ सकारात्मक रचना चाहते हैं।...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-18

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
ख़बर

 नागरिकों ने प्रतिवाद मार्च निकाल कर कहा-भाजपा के इशारे पर पुलिस फुलवारीशरीफ को कर रही बदनाम

समकालीन जनमत
पटना/फुलवारी। फुलवारीशरीफ को आतंक का केंद्र बताकर उसे बदनाम करने, मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करने, गिरफ्तार संदिग्धों के आतंकी कनेक्शन के कोई ठोस सबूत अब तक...
पुस्तक

अमेरिका में अहिंसक प्रतिरोध

गोपाल प्रधान
2019 में सिटी लाइट्स बुक्स से माइकेल जी लांग के संपादन में ‘वी द रेजिस्टेन्स: डाकुमेंटिंग ए हिस्ट्री आफ़ नानवायलेन्ट प्रोटेस्ट इन द यूनाइटेड स्टेट्स’...
ख़बर

भीषण गर्मी में झुलसता यूरोप और सामूहिक आत्महत्या की ओर बढ़ती दुनिया : आखिर चिंता किसे है ?

आनंद प्रधान
यूरोप में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान बेकाबू है. गर्मी रोज नए रिकार्ड बना रही है. ऐसे आसार हैं कि ब्रिटेन में तापमान अब...
कविता

देवेंद्र आर्य का कविता पाठ : ‘भाषा को माचिस होना होगा’

लखनऊ। ‘ लिखावट ‘ की ओर से हमारे समय के महत्वपूर्ण कवि देवेंद्र आर्य के एकल कविता पाठ के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह 19...
सिनेमा

शांतिलाल और तितली का रहस्य

समकालीन जनमत
प्रशांत विप्लवी प्रतिम डी गुप्त उभरते बांग्ला फिल्मकार हैं। ठीक तीन साल पहले उनकी एक फ़िल्म बंगाल के सिनेमाघरों में हाउसफुल का बोर्ड लटकवाने में...
कविता

प्रवीण परिमल की कविताओं में प्रेम है तो अन्याय का प्रतिकार भी

समकालीन जनमत
कौशल किशोर प्रवीण परिमल की कविताओं पर आलोचक प्रो रविभूषण का कहना है ‘जो प्रेम नहीं करता, वह मनुष्य ही नहीं है।…..प्रेम ही जीवन है।...
कविता

अदनान कफ़ील दरवेश के संग्रह ‘ठिठुरते लैम्प पोस्ट’ का काव्यपाठ एवं समीक्षा गोष्ठी

समकालीन जनमत
जसम दिल्ली की ओर से घरेलू गोष्ठी श्रृंखला में भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित युवा कवि अदनान कफ़ील दरवेश के पहले काव्य-संग्रह ‘ठिठुरते लैम्प...
साहित्य-संस्कृति

‘ गूंगी रुलाई का कोरस ’ हिन्दुस्तानी तहजीब की रक्षा के लिए लिखा गया उपन्यास है: रविभूषण

सुधीर सुमन
एक दीये से काम नहीं चलेगा, सबके हाथों में दीया होना चाहिए:  रणेंद्र ‘‘गूंगी रुलाई का कोरस’ हिन्दी आलोचकों के लिए एक चुनौती की तरह...
जनमत

क्या श्रीलंका पत्रकार लसांथा विक्रमतुंगे की चेतावनियों को अनसुना करने की कीमत चुका रहा है ?

आनंद प्रधान
संभव है कि आपमें से बहुत कम लोगों ने श्रीलंकाई पत्रकार-संपादक लसांथा विक्रमतुंगे का नाम सुना होगा. वे ‘द संडे लीडर’ के संपादक और संस्थापक...
स्मृति

ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी   ( उर्दू के महान हास्य-व्यंग्य लेखक मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी द्वारा लिखित यह लेख (संस्मरण) उनकी अंतिम किताब “शाम-ए-शेर-ए-याराँ (1914) से लिया...
ख़बर

जनसुनवाई में बिहार में 20 आरटीआई कार्यकर्ता की हत्याओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग की मांग

पटना। आरटीआई कार्यकर्ताओं की मौत के विषय पर अपनी तरह का पहली जनसुनवाई का आयोजन आज पटना में किया गया। जन सुनवाई की अध्यक्षता प्रख्यात...
पुस्तक

‘कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र’ की लेखन प्रक्रिया

गोपाल प्रधान
इसके लेखकद्वय घोषणापत्र के लेखन से पहले ही क्रांतिकारियों के बीच चर्चित हो चुके थे । इसके कारण ही लीग ने उन्हें यह दायित्व सौंपा...
कविता

प्रकृति प्रेमी और अन्याय के विरुद्ध  संकल्पबद्ध कवि चंद्रकुँवर बर्त्वाल

समकालीन जनमत
कल्पना पंत ‘प्राची से झरने वाली आशा का तो अंत नहीं’ एक पूरा दिन चंद्रकुँवर बर्त्वाल से संबंधित क्षेत्रों के भ्रमण में बीता. वह स्थान...
ज़ेर-ए-बहस

गोटाबाया राजपक्षे के स्वीमिंग पूल से निकलता लोकतांत्रिक श्रीलंका

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण आज गोटाबाया राजपक्षे का स्विमिंग पूल देखा । उछलते कूदते किलकारियां मारते नौजवानों के हुजूम को स्विमिंग पूल से लेकर राजमहल के शयन...
कविता

देश और कविता : संदर्भ गोरख पाण्डेय की कविता ‘उठो मेरे देश’

स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कविता और जनांदोलनों की जब भी बात उठती है तो गोरख पांडेय का नाम अनिवार्य रूप से जुड़ जाता है, पर यह दुर्भाग्य...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-17

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
स्मृति

“ मैं जिन्दा हूँ, जिन्दा रहूँगा/भेष बदल सकता हूँ/उद्देश्य नहीं/चित्र बदल सकता हूँ,/चरित्र नहीं ”

कौशल किशोर
पांच जुलाई को जब लखनऊ के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता चिन्हट क्षेत्र में एकत्र होकर 1857 में अवध खासतौर से लखनऊ की जनता के बहादुराना संघर्ष...
Fearlessly expressing peoples opinion