समकालीन जनमत

Month : July 2021

ज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-सात

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  किसान आन्दोलन का नया मोर्चा- गाजीपुर बार्डर  किसान धीरे-धीरे दिल्ली की सीमा पर जम रहे थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में  मजबूत जनाधार वाली...
ज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-छह

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  पंजाब और हरियाणा की किसान एकता 26 और 27 नवम्बर  की  रात को किसान सिंघु, टीकरी  बॉर्डर की सड़कों पर बैठकर व्यतीत किये।...
शख्सियत

प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन 

प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
शख्सियत

हिंदुत्व की राजनीति और प्रेमचंद: डाॅ. अवधेश प्रधान

समकालीन जनमत
(आजादी के पचास साल पूरा होने के बाद डाॅ. अवधेश प्रधान ने यह लेख लिखा था, जो समकालीन जनमत, अप्रैल-जून 1998 में छपा था। 2016...
ख़बर

देवरिया में युवती की हत्या पर ऐपवा का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाने के अंतर्गत आने वाले शबरी जी खर्ग गाँव की नेहा पासवान का जींस पहनना परिवार के लोगों...
ज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-पाँच

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  दिल्ली की सीमा पर किसान  26‌-27 नवंबर, 2020 इस दिन दिल्ली को कुछ और ही देखना था। 26-27 नवंबर को रामलीला मैदान में...
ज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-चार

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  दिल्ली किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि किसान आंदोलन के प्रति केन्द्र की सरकार हो या राज्यों की सरकारें, किसानों के सवाल पर उनका रुख...
ज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-तीन

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  मोदी सरकार जब 2014 के मई में भारत के सत्ता पर काबिज होने के लिए कारपोरेट समर्थन के अदृश्य सहयोग और हिंदुत्व  राष्ट्रवादी...
जनमतज़ेर-ए-बहस

किसान आन्दोलनः आठ महीने का गतिपथ और उसका भविष्य-दो

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  कृषि संकट का चक्रीय स्वरूप और सत्ता की  प्रतिक्रिया ‌ साठ के दशक के मध्य में कृषि  में संकट के संकेत आने लगे...
ज़ेर-ए-बहस

किसान आंदोलनः आठ महीने का गति पथ और उसका भविष्य-एक

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  आठ महीने से किसान दिल्ली की तीन सीमाओं पर और हरियाणा-राजस्थान की सीमा शाहजहांपुर पर डेरा डाल कर बैठे हैं। किसानों ने इस...
कहानी

जाति-वर्ण का प्रश्न और चतुरी चमार 

दुर्गा सिंह
बतौर नैरेटर/नायक निराला अपनी कहानियों में सकर्मक भूमिका में रहते हैं। सामाजिक परिवर्तन का विचार उनकी कहानियों में स्वाधीनता संघर्ष के विचार के साथ मिलकर...
कविता

शुभम श्री की कविताएँ: मामूली से दिखने वाले बेहद ज़रूरी सवाल

समकालीन जनमत
दीपशिखा शुभम की कविताएँ हमारे समय और समाज में मौजूद रोज़मर्रा के उन तमाम दृश्यों और ज़रूरतों की भावनात्मक अभिव्यक्ति हैं, जिन्हें आमतौर पर देखते...
कविता

बरसात की आस और वसंत की आगवानी का कवि नरेंद्र

बलभद्र
10 मार्च 1989 को बिहार के कोने-कोने से आए हजारों-हजार गरीब-गुरबों से पटना का गाँधी मैदान सुसज्जित था। लाल-लाल झंडे लहरा रहे थे और ‘आई....
पुस्तक

जंग के बीच प्रेम और शांति की तलाश का आख्यान है ‘अजनबी जज़ीरा’

जनार्दन
आग में खिलता गुलाब? अपने अंतिम दिनों में सद्दाम हुसैन जिन सैनिकों की निगरानी में रहते रहे उन सैनिकों को ‘सुपर ट्वेल्व’ कहा जाता था।...
ख़बर

धर्मान्तरण को लेकर सर्कलुर जारी करने वाले एसपी सुकमा पर कार्रवाई की मांग

रायपुर। आल इंडिया पीपुल्स फोरम सहित आधा दर्जन जन संगठनों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर सुकुमा के एसपी द्वारा धर्मान्तरण के बारे में...
कहानी

वास्को डी गामा की साइकिलः लोकतंत्र में उम्मीद और छल की कहानी

समकालीन जनमत
कुँवर प्रांजल सिंह सामान्यतः “आम और ख़ास” बनने की बीमारी और खूबी प्रत्येक भारतीय में लगभग- लगभग पायी जाती है l इस पूरी अवधारणा का...
ख़बर

कोशी नव निर्माण मंच ने सीएम को पत्र लिखा -कोशी पीड़ित विकास प्राधिकरण को खोजिए और सक्रिय करिए

सुपौल (बिहार)। कोशी नव निर्माण मंच ने मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, विधायकों, विपक्षी नेताओं को पत्र लिख कर कोशी तटबन्ध के बीच के लोग बाढ़...
पुस्तक

मानव विकास का भौतिकवादी नजरिया

गोपाल प्रधान
हिंदी भाषा में कुछ भी वैचारिक लिखने की कोशिश खतरनाक हो सकती है । देहात के विद्यार्थियों के लिए कुंजी लिखना ही इस भाषा का...
ख़बर

छात्र-युवा रोजगार अधिकार मोर्चा की बैठक में यूपी में रिक्त पड़े 25 लाख पदों को भरने की मांग उठी

समकालीन जनमत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अंदर रोजगार के सवाल पर एक संगठित आंदोलन खड़ा करने के लिए गठित छात्र -युवा रोजगार अधिकार मोर्चा की बैठक विधानसभा के...
ज़ेर-ए-बहस

कर्ज की फांस, किसान जीवन और बुंदेलखंड

समकालीन जनमत
मयंक बांदा बुंदेलखंड पिछले 30 वर्षों से लगातार सूखा, अतिवृष्टि अनावृष्टि का शिकार होता चला आ रहा है। बुंदेलखंड का 75% भूभाग पठारी है, एक...
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