समकालीन जनमत

Month : July 2019

जनमतशख्सियतस्मृति

रेलवे स्टेशन पर प्रेमचन्द

समकालीन जनमत
डॉ. रेखा सेठी अभी हाल ही में नयी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर मुझे प्रेमचन्द की लोकप्रियता का नया अनुभव हुआ। स्टेशन के लगभग हर...
कविताजनमत

प्रतिरोध का रसायन तैयार करती उस्मान ख़ान की कविताएँ

समकालीन जनमत
खुशियाँ अच्छी हैं बहुत, मगर  इसमें भी अतिश्योक्ति है! उस्मान की कविताओं का संसार, एक ऐसा संघन संसार है जहाँ एक हाथ को नहीं सूझता दूसरा...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

महाजनी सभ्यता : प्रेमचंद

समकालीन जनमत
महाजनी सभ्यता मुज़द: ए दिल कि मसीहा नफ़से मी आयद; कि जे़ अनफ़ास खुशश बूए कसे मी आयद। ( हृदय तू प्रसन्न हो कि पीयूषपाणि...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

‘जीवन और साहित्य में घृणा का स्थान’ से कुछ अंश: प्रेमचंद

समकालीन जनमत
निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह...
जनमतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

साहित्य का उद्देश्य: प्रेमचंद

समकालीन जनमत
[1936 में प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेशन लखनऊ में प्रेमचंद द्वारा दिया गया अध्यक्षीय भाषण] यह सम्मेलन हमारे साहित्य के इतिहास में स्मरणीय घटना है।...
जनमतस्मृति

प्रेमचंद के फटे जूते: हरिशंकर परसाई

समकालीन जनमत
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने...
जनमतज़ेर-ए-बहसस्मृति

प्रेमचंद साहित्य में दलित विमर्श: प्रो. चमनलाल

समकालीन जनमत
प्रो. चमनलाल प्रेमचंद के दलित विमर्श को लेकर हिन्दी लेखकों में काफी विवाद है। प्रेमचंद के जीवनकाल के दौरान भी उनके साहित्य को लेकर विवाद...
साहित्य-संस्कृति

किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘गोदान’

गोपाल प्रधान
सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की...
ख़बर

प्रदेश में जंगल राज के खिलाफ लखनऊ में जन संगठनों, नागरिक समाज का विरोध मार्च-सभा

समकालीन जनमत
25जुलाई, लखनऊ  भय मुक्त प्रदेश का नारा देकर सत्ता में आई योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को हिंसा का प्रदेश बना दिया है । उत्तर...
जनमतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

प्रेमचंद जी:  महादेवी वर्मा

समकालीन जनमत
प्रेमचंदजी से मेरा प्रथम परिचय पत्र के द्वारा हुआ. तब मैं आठवीं कक्षा की विद्यार्थिनी थी. मेरी “दीपक” शीर्षक एक कविता शायद “चाँद” में प्रकाशित...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

‘सांप्रदायिकता और संस्‍कृति’ : प्रेमचंद (प्रेमचंद पर शृंखला की शुरुआत)

समकालीन जनमत
31 जुलाई को कथाकार प्रेमचंद का जन्‍मदिन है। समकालीन जनमत अपने पाठकों के लिए आज से 31 जुलाई तक प्रेमचंद पर एक विशेष शृंखला की शुरुआत...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

व्यक्तित्व में सरल और विचार में दृढ़: राजेन्द्र कुमार

समकालीन जनमत
विनोद तिवारी पचहत्तर पार : राजेंद्र कुमार राजेंद्र सर हमारे प्रिय अध्यापकों में रहे हैं । वह अपने व्यक्तित्व में नितांत सहज, सरल और साधारण...
जनमतपुस्तक

आक्सफ़ोर्ड की मार्क्स सहायिका

गोपाल प्रधान
2019 में आक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से मैट विडाल, टोनी स्मिथ, तोमास रोट्टा और पाल प्रेव के संपादन में ‘द आक्सफ़ोर्ड हैंडबुक आफ़ कार्ल मार्क्स’ का...
ज़ेर-ए-बहस

अत्यंत कम जानकारी वाले समाज में स्मार्टफोन क्रांति

21वीं सदी में मनुष्यों का मानसिक संहार बड़े पैमाने पर हुआ है. इस सदी में टेक्नोलॉजी ने व्यापक रूप से मनुष्यों के जीवन पर प्रभाव...
ख़बर

कश्मीर एक द्विपक्षीय मसला हैः ट्रम्प के बयान पर अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की सफाई

स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता का कहना है कि ‘‘हमें विश्वास है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी सफल वार्ता की बुनियाद यह है कि...
कविताशख्सियत

यथार्थ के अन्तर्विरोधों को उदघाटित करते कवि राजेन्द्र कुमार

कौशल किशोर
( जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कवि और आलोचक राजेन्द्र कुमार (24/7/1943) आज  76 साल के हो गए. एक शिक्षक, कवि, आलोचक और एक ...
जनमत

मनीष और अमिता : ‘ नक्सली दम्पत्ति ’ की कहानी मेरी जुबानी

सीमा आज़ाद
यह सरकार अपनी अल्पसंख्यक, दलित, महिला, आदिवासी, पर्यावरण विरोधी सत्ता को कायम रखने के लिए दो तरह के काम कर रही है। एक ओर तो...
साहित्य-संस्कृति

एका : किसान आन्दोलन और आजादी की लड़ाई में वर्ग हितों की टकराहट का दस्तावेज

1920 से 1928 के बीच अवध के दो महान किसान नेताओं बाबा रामचंद्र और मदारी पासी के नेतृत्व में चले किसान संघर्षों के बारे में...
जनमत

बैंक राष्ट्रीयकरण का स्वर्ण जयन्ती वर्ष : बैंकों के निजीकरण का मुखर और सक्रिय विरोध जरूरी

19 जुलाई 2019 को बैंक राष्ट्रीयकरण का स्वर्ण जयंती दिवस था। 1969 के पहले केवल स्टेट बैंक आफ इंडिया राष्ट्रीयकृत बैंक था। 1 जुलाई 1955...
ख़बरशख्सियत

कॉमरेड एके रॉय को लाल सलाम

सीपीआईएमएल मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) के वयोवृद्ध संस्थापक कामरेड एके रॉय को लाल सलाम करती है, जिन्होंने आज 21 जुलाई, 2019 को धनबाद में 84...
Fearlessly expressing peoples opinion