समकालीन जनमत

Author : उमा राग

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उमा राग दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं और समकालीन जनमत के सम्पादक मण्डल की सदस्य हैं।
कविता

ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ सिस्टम की मार सहते नागरिक की आवाज़ हैं

उमा राग
मेहजबीं ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ अपने वर्तमान समय का दस्तावेज़ हैं। उनकी कविता के केन्द्र में आम लोग हैं, मतदाता हैं, बूढ़े हैं, बच्चे हैं,...
पुस्तक

न्यूटन भौंचक्का था: अपने समय को ध्वनित करती कविताएँ

उमा राग
सुरेन्द्र रघुवंशी ड्यूरेल ने कहा है-” विज्ञान बौद्धिक काव्य है और काव्य भावनात्मक विज्ञान ।” वरिष्ठ कवि निरंजन श्रोत्रिय विज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं और हिन्दी...
कविता

रवित यादव की कविताएँ प्रश्नाकुल और उर्वर भावभूमि से उपजती हैं

उमा राग
आलोक रंजन हाल में रवित यादव की कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला । उनकी कविताओं में युवतर जीवन की समाज की...
पुस्तक

समकाल की आवाज़ – कुछ कवि, कुछ नोट्स

उमा राग
कुमार मुकुल   आँखें आशंकित थीं हाथों ने कर दिखाया अजेय की कविताएँ ठोस ढंग से विवेक की ताकत को अभिव्‍यक्‍त करती श्रम की संस्‍कृति...
स्मृति

महिला आंदोलन की अगुआ के रूप में हमारी स्मृतियों में हमेशा रहेंगी कमला भसीन

उमा राग
कमला भसीन का जाना समूचे नारीवादी आंदोलन और मानवाधिकार आंदोलन के लिए एक कभी न भरे जा पाने वाले वैक्यूम की तरह है। कमला भसीन...
कविता

‘ तेरह साल के लड़के ’

उमा राग
समकालीन जनमत पर प्रस्तुत है कवयित्री देवयानी भारद्वाज की कविता ‘तेरह साल के लड़के’। 12 मार्च को गाज़ियाबाद उत्तरप्रदेश में 13 वर्षीय आसिफ़ नामक एक...
ख़बर

दिल्ली आशा कामगार यूनियन (ऐक्टू) ने दिल्ली के कई डिस्पेंसरियों में किया विरोध प्रदर्शन

उमा राग
श्वेता राज ऐक्टू के देशव्यापी अभियान के तहत दिल्ली व देश के विभिन्न हिस्सों में आशा व अन्य कर्मियों ने किया ज़ोरदार प्रदर्शन : केंद्र...
कविताजनमत

विनोद विट्ठल की कविताएँ: स्मृति के कोलाज में समय का चेहरा

उमा राग
लीना मल्होत्रा प्रथम दृष्टया विनोद विट्ठल की कविताएँ सूचनाओं से भरपूर दिखती हैं, किन्तु गहरे उतरने पर उन सूचनाओं से लिपटी स्मृतियाँ, स्मृतियों में छिपे...
कविताजनमत

स्त्री की खुली दुनिया का वृत्त हमारे समक्ष प्रस्तुत करतीं कविताएँ

उमा राग
अच्युतानंद मिश्र निर्मला गर्ग की कविताओं में मौजूद सहजता ध्यान आकृष्ट करती है. सहजता से यहाँ तात्पर्य सरलीकरण नहीं है, बल्कि सहजता का अर्थ है...
कविताजनमत

घर की सांकल खोलता हुआ कवि हरपाल

उमा राग
बजरंग बिहारी   कविता जीवन का सृजनात्मक पुनर्कथन है। इस सृजन में यथार्थ, कल्पना, आकांक्षा, आशंका और संघर्ष के तत्व शामिल रहते हैं। रचनाकार अपनी प्रवृत्ति,...
कविता

मामूली दृश्यों से जीवन का विचलित करने वाला वृत्तान्त तैयार करतीं शुभा की कविताएँ

उमा राग
मंगलेश डबराल   शुभा शायद हिंदी की पहली कवि हैं, जो अभी तक कोई भी संग्रह न छपवाने के बावजूद काफ़ी पहले विलक्षण  कवि के...
कविताजनमत

प्रेम के बहाने एक अलग तरह का सामाजिक विमर्श रचती पल्लवी त्रिवेदी की कविताएँ

उमा राग
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं को महज़ ‘प्रेम कविताएँ’ या रागात्मकता की कविताएँ कहने में मुझे ऐतराज़ है। पल्लवी की विलक्षण काव्य-प्रतिभा...
ख़बर

डीटीसी कर्मचारियों की हड़ताल को कई संगठनों का समर्थन मिला

उमा राग
नई दिल्ली.  डीटीसी कर्मचारियों की 29 अक्टूबर को होने वाली हड़ताल को हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों के साथ -साथ कई ट्रेड यूनियनों, शिक्षक संगठनों ,...
कविताजनमत

नित्यानंद गायेन की कविताओं में प्रेम अपनी सच्ची ज़िद के साथ अभिव्यक्त होता है

उमा राग
कुमार मुकुल   नित्यानंद जब मिलते हैं तो लगातार बोलते हैं, तब मुझे अपने पुराने दिन याद आते हैं। कवियों की बातें , ‘कांट का...
ग्राउन्ड रिपोर्टजनमतशख्सियतस्मृति

निराला की कविताएँ अपने समय के अंधेरे को पहचानने में हमारी मदद करती हैं: प्रो. विजय बहादुर सिंह

उमा राग
विवेक निराला    निराला की 57 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘छायावाद और निराला :कुछ पुनर्विचार’ विषय पर ‘निराला के निमित्त’ की ओर से आयोजित गोष्ठी...
स्मृति

निराला की कविता मनुष्य की मुक्ति की कविता है

उमा राग
(महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (21 फ़रवरी-15 अक्टूबर) की पुण्यतिथि पर अपने लेख के माध्यम से उन्हें याद कर रहें हैं विवेक निराला)  निराला को अपने...
कविताजनमत

अपने समय की आहट को कविता में व्यक्त करता कवि विवेक निराला

उमा राग
युवा कवि विवेक निराला की इन कविताओं को पढ़ कर लगता है मानो कविता उनके लिए एक संस्कार की तरह है-एकदम नैसर्गिक और स्वस्फूर्त! इन...
कविताजनमत

रेतीले टिब्बों पर खड़े होकर काले बादलों की उम्मीद ओढ़ता कवि : अमित ओहलाण

उमा राग
कविता जब खुद आगे बढ़कर कवि का परिचय देने में सक्षम हो तो फिर उस कवि के लिए किसी परिचय की प्रस्तावना गढ़ने की ज़रुरत...
कविताजनमत

युवा कविता की एक सजग, सक्रिय और संवेदनशील बानगी है निशांत की कविताएँ

उमा राग
जब भी कोई नई पीढ़ी कविता में आती है तो उसके समक्ष सबसे बड़ा प्रश्न होता है कि वह अपने से ठीक पहले की पीढ़ी...
कविताजनमतस्मृति

चार आयामों का एक कवि विष्णु खरे

उमा राग
मंगलेश डबराल   यह बात आम तौर पर मुहावरे में कही जाती है कि अमुक व्यक्ति के न रहने से जो अभाव पैदा हुआ है...
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