समकालीन जनमत

Tag : जन संस्कृति मंच

ख़बर

मार्क्स का चिंतन सिर्फ आर्थिक नहीं सम्पूर्ण मनुष्यता का चिंतन है: रामजी राय

समकालीन जनमत
मार्क्स ने मुनष्य को एक समुच्चय में नहीं एक सम्पूर्ण इकाई के रूप में समझा और कहा कि वह एक ही समय में आर्थिक, राजनीतिक,...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ चन्द्रेश्वर की कविताएं सरल पर लिखना उतना ही कठिन ’

समकालीन जनमत
चन्द्रेश्वर प्रेम और प्रतिरोध के कवि हैं. ऐसी कविताओं की जरूरत थी. ये अपनी रचना प्रक्रिया और कन्टेन्ट में समकालीन कविताएं हैं. यहां व्यंग्य चित्र...
साहित्य-संस्कृति

‘कुच्ची का कानून’ के मंचन के साथ ‘कोरस’ का ‘आज़ाद वतन-आज़ाद जुबाँ’ नाट्योत्सव प्रारंभ

मृत्युंजय
आसिफ़ा की याद में ‘कोरस’ नाट्य समूह द्वारा ‘आज़ाद वतन-आज़ाद जुबाँ’ नाट्योत्सव की शुरुआत आज से महिलाओं का सवाल सिर्फ़ महिलाओं का नहीं, वरन पुरुषों का भी है, पूरे समाज का: प्रो. डेजी नारायण अभिव्यक्ति की...
ख़बर

उदय प्रकाश और उनके परिवार को पूर्ण सुरक्षा मिले, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो-जसम

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच ने मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के सीतापुर गांव में खनन माफिया द्वारा हिंदी के शीर्षस्थ कथाकार, कवि उदयप्रकाश और उनके परिवार को...
ख़बर

पटना म्यूजियम के निदेशक और मशहूर चित्रकार यूसुफ खान पर हमले की भर्त्सना

समकालीन जनमत
पटना, 30 मई. जन संस्कृति मंच, बिहार ने नवनिर्मित पटना म्यूजियम के निदेशक और समकालीन भारतीय कला के प्रमुख चित्रकार यूसुफ खान के साथ मारपीट...
कविता

‘ मृत्युंजय की कविताएं आम अवाम की बेचैनी, क्षोभ, अवसाद, दुख, पीड़ा और गुस्से का इजहार हैं ’

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच की ओर से छज्जूबाग, पटना में युवा कवि मृत्युंजय के काव्यपाठ और बातचीत का आयोजन हुआ. मृत्युंजय ने ‘यां’, ‘नश्वर-सी सुंदरता’, ‘...
जनमत

त्रासदी बनते इतिहास का आख्यानः मदन कश्यप का काव्य

समकालीन जनमत
प्रणय कृष्ण (कवि मदन कश्यप को जनमत टीम की ओर से जन्मदिन की हार्दिक बधाई। इस अवसर पर पढ़िए ‘नीम रोशनी में’ संग्रह पर लिखा...
जनमत

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को क्या स्वतंत्र चेतना से डर लगने लगा है

समकालीन जनमत
यह मसला सिर्फ एक व्यक्ति के अपमान का नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को क्या स्वतंत्र चेतना...
मल्टीमीडिया

रिमझिम बरसे रे बदरिया….

सुधीर सुमन
भाकपा-माले की ओर से संचालित जन-अधिकार पदयात्राओं और गांधी मैदान में 1 मई, मजदूर दिवस को आयोजित महासम्मेलन ने साहित्य-संस्कृति की दुनिया को भी नई...
जनमत

अभिव्यकित की आज़ादी पर हमला कर चुनाव पूर्व साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास है अलीगढ़ वि वि की घटना–जसम

लखनऊ. जन संस्कृति मंच की उत्तर प्रदेश इकाई ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छत्रसंघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी होने के नाम...
ख़बर

जसम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामनिहाल गुंजन को पुत्र शोक

लखनऊ, 2 मई। पत्रकार व आकाशवाणी पटना में समाचार वाचक रहे आनन्द कुमार का बीते 29 अप्रैल को लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई)...
ख़बर

जन संस्कृति मंच ने दैनिक जागरण के ‘ बिहार संवादी ’ आयोजन के बहिष्कार की अपील की

समकालीन जनमत
पटना. कठुआ गैंगरेप और नृशंस हत्या के बारे में फर्जी खबर छापने के विरोध में जन संस्कृति मंच ने साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों से दैनिक जागरण...
स्मृति

कर्मकर्ता और कवि रजनी तिलक ने पूरी ज़िंदगी मेहनतकशों की शोषण मुक्ति और सम्मान के नाम कर दिया- जसम

समकालीन जनमत
गंगाधर पान तावड़े का जाना प्रतिरोध के एक महत्वपूर्ण स्तंभ का जाना है- जसम सामाजिक कार्यकर्ता और प्रख्यात साहित्यकार रजनी तिलक का 30 मार्च 2018...
जनमत

पटना में दिखाई गई फ्रेंच मानवविज्ञानी निकोलस जाउल की दलित संघर्ष पर केंद्रित फिल्म ‘संघर्ष ’

सुधीर सुमन
  पटना में दो दिवसीय ‘समय का गीत और प्रतिरोध का सिनेमा’ आयोजन दलित उत्पीड़न और सरकार के जनविरोधी कार्रवाइयों के प्रतिरोध में गीत गाये ...
साहित्य-संस्कृति

केदारनाथ सिंह के काव्य वैशिष्टय का अनुकरण नहीं किया जा सकता: प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

समकालीन जनमत
साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों, संस्कृतिकर्मियों ने प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गोरखपुर, 21 मार्च। प्रेमचन्द पार्क में आज दोपहर बड़ी संख्या में जुटे साहित्यकारों,...
स्मृति

‘ संस्कृति खरगोश की तरह है, जो आने वाले खतरे का आभास देती है ’

समकालीन जनमत
कौशल किशोर   यह कैसा समय है कि साथ के लोग साथ छोड़े जा रहे हैं. कुंवर जी और दूधनाथ सिंह को हम ठीक से...
स्मृति

‘आदमी के उठे हुए हाथों की तरह’ हिन्दुस्तानी अवाम के संघर्षों को थामे रहेगी केदारनाथ सिंह की कविता : जसम

समकालीन जनमत
कवि केदारनाथ सिंह को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि जनतांत्रिक मूल्यों की अकाल-वेला में केदारनाथ सिंह की कविता जनप्रतिरोध के सारसों की अप्रत्याशित आवाज़ थी....
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ’

कौशल किशोर
लखनऊ में ‘ब याद: मीर तकी मीर’ का आयोजन ‘रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब/कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था’. ...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

लेखक-पत्रकार अनिल सिन्हा का व्यक्तित्व अनुकरणीय : सीबी सिंह

समकालीन जनमत
  अनिल सिन्हा की सातवीं पुण्यतिथि पर जन संस्कृति मंच ने लखनऊ में आयोजित किया कार्यक्रम लखनऊ.  जाने-माने पत्रकार अनिल सिन्हा जनवादी और प्रगतिशील व्यक्तित्व...
स्मृति

अनिल सिन्हा : बाहर से शान्त, भीतर धधकती आग

समकालीन जनमत
 ( क्रांतिकारी वाम राजनीति और संस्कृति -कर्म के अथक योद्धा एवं जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य अनिल सिन्हा की आज पुण्य तिथि है. उनके...
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