समकालीन जनमत

Category : पुस्तक

पुस्तक

अशोक चन्द्र की किताब ‘ स्वर्ग की यातना ’ : जन्नत के ज़ख़्म पर जिरह करती एक किताब

समकालीन जनमत
लखनऊ। ‘ कश्मीर जो कभी धरती का स्वर्ग माना जाता था, वह आज यातना शिविर में बदल चुका है। उसे अंग भंग कर लहूलुहान किया...
पुस्तक

नागरिकता बनाम मनुष्यता का अप्रतिहत आख्यान : अमर देसवा

समकालीन जनमत
कार्तिक राय चर्चित कहानियाँ ‘ छबीला रंगबाज़ का शहर ’ और ‘ वास्को डी गामा की साईकिल ’ से अपनी पहचान बना चुके प्रवीण कुमार...
पुस्तक

सुरेश काँटक की कहानियाँ : बर्बर होती व्यवस्था का “आनावरण ”

समकालीन जनमत
  भोजपुर की धरती सामंतवाद विरोधी किसान आंदोलन के लिए ख्यात है। वहीं, यह हिंदी कथा जगत में अपनी त्रयी के लिए भी जानी जाती...
पुस्तक

संस्थाओं की स्वायत्तता और लोकतंत्र

गोपाल प्रधान
सभी जानते हैं कि हमारे देश में जो भी लोकतंत्र है उसके पीछे संस्थाओं की स्वायत्तता की प्रमुख भूमिका है । न केवल न्यायपालिका, कार्यपालिका...
पुस्तक

भगत सिंह के साथी: यह किताब क्रांतिकारियों को तथ्यात्मक विवेचना की आधार भूमि पर परखते हुए नए रूप में सामने लाती है

समकालीन जनमत
अश्रुत परमानंद   किसी कवि, (शायद शैलेंद्र) की पंक्तियाँ थीं, “भगतसिंह इस बार न काया, लेना   भारत वासी की. मातृभूमि के लिए अभी भी, सजा ...
पुस्तक

अंबेडकर का वैचारिक निर्माण

गोपाल प्रधान
अंबेडकर की जीवनी लिखने की उलझन का जिक्र करते हुए वी गीता 2021 में पालग्रेव मैकमिलन से प्रकाशित अपनी किताब ‘भीमराव रामजी अंबेडकर ऐंड द...
पुस्तक

सांदीनो की बेटियाँ : समाज की मुक्ति के लिए लड़ी स्त्रियों की संघर्ष गाथा

  अरविंद शेखर   स्त्रियां मानव इतिहास का निर्माण कैसे करती हैं। ‘सांदीनो की बेटियां’ किताब इसी का अहम दस्तावेज है। मारग्रेट रांडाल की इस...
पुस्तक

तरक़्क़ीपसंद तहरीक की रहगुज़र

दुर्गा सिंह
भारत में प्रगतिशील धारा प्रारंभ से ही मौजूद रही है। यह कोई हाशिये की धारा न होकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति के निर्माण में प्रमुख...
पुस्तक

‘उम्मीद चिनगारी की तरह’ संग्रह की कविताएँ अपने समय को रचतीं, अभिव्यक्ति के ख़तरों को धता बताती हैं

समकालीन जनमत
दिविक रमेश कौशल किशोर प्रारम्भ से ही एक सजग और ज़िम्मेदार कवि के रूप में अपनी राह बनाते हुए आज उम्मीद से लबालब भरी चिंगारी...
पुस्तक

‘दबी-दूब का रूपक’ कालजयी ही नहीं, कालजीवी भी है

दबी-दूब का रूपक पुस्तक पर चर्चा कृष्ण कुमार दरभंगा, साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था अभिव्यक्ति के तत्त्वावधान में रामबाग में आयोजित एक सारस्वत समारोह में कमलानंद झा की...
पुस्तक

रेत समाधि: मृत्यु भी जीवन का हिस्सा है! 

जनार्दन
“बरसात का पानी बूँद-बँद बढ़ता हुआ दरार के आखिरी मुकाम पर पहुँचकर ठहर जाता, बूँद की एक थैली बना पीछे से बढ़ती आती बूँदों को...
पुस्तक

 गांधी की सोच : हिंद स्वराज के बहाने

गोपाल प्रधान
आजादी के पचहत्तर साल पूरे होने पर उचित होगा कि भारत की स्वाधीनता के साथ जुड़े प्रसंगों और व्यक्तियों तथा विचारों की जांच परख नये...
पुस्तक

अमेरिका में अहिंसक प्रतिरोध

गोपाल प्रधान
2019 में सिटी लाइट्स बुक्स से माइकेल जी लांग के संपादन में ‘वी द रेजिस्टेन्स: डाकुमेंटिंग ए हिस्ट्री आफ़ नानवायलेन्ट प्रोटेस्ट इन द यूनाइटेड स्टेट्स’...
पुस्तक

‘कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र’ की लेखन प्रक्रिया

गोपाल प्रधान
इसके लेखकद्वय घोषणापत्र के लेखन से पहले ही क्रांतिकारियों के बीच चर्चित हो चुके थे । इसके कारण ही लीग ने उन्हें यह दायित्व सौंपा...
पुस्तक

कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र की कहानी

गोपाल प्रधान
2022 में हेड आफ़ जीयस से चाइना मेविल की किताब ‘ए स्पेक्टर, हांटिंग: चाइना मेविल आन द कम्युनिस्ट मेनिफ़ेस्टो’ का प्रकाशन हुआ। उन्नीसवीं सदी के...
पुस्तक

अंबेडकर और समाजवाद

गोपाल प्रधान
2021 में पालग्रेव मैकमिलन से वी गीता की किताब ‘भीमराव रामजी अंबेडकर ऐंड द क्वेश्चन आफ़ सोशलिज्म इन इंडिया’ का प्रकाशन हुआ। लेखिका अंबेडकर के...
पुस्तक

पीटर ग्रे की दृष्टि में शिक्षा का प्रतिदर्श

समकालीन जनमत
राम विनय शर्मा शिक्षा मनुष्य के चहुँमुखी विकास का सबसे प्रमुख माध्यम है। विद्वानों ने शिक्षा को तरह-तरह से परिभाषित करने का प्रयास किया है।...
पुस्तक

समकाल की आवाज़ – कुछ कवि, कुछ नोट्स

उमा राग
कुमार मुकुल   आँखें आशंकित थीं हाथों ने कर दिखाया अजेय की कविताएँ ठोस ढंग से विवेक की ताकत को अभिव्‍यक्‍त करती श्रम की संस्‍कृति...
पुस्तक

आधुनिक स्त्री जीवन का दस्तावेज : मिट्टी का दुःख

समकालीन जनमत
डॉ. वंशीधर उपाध्याय बीसवीं सदी के अंतिम दशक में हिंदी काव्य परम्परा के भीतर जो स्वर उभरे उनमें स्त्री रचनाकारों की लेखनी का स्वर मुकम्मल...
पुस्तक

इंजीकरी: सहेली सा संवाद करतीं, समय की भाषा गढ़तीं बिल्ब पत्र सरीखी कविताएँ

समकालीन जनमत
अर्चना लार्क कवि अनामिका अनु का कविता संग्रह ‘इंजीकरी’। बिल्वपत्र’ सरीखी इस संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं कि पाठक का...
Fearlessly expressing peoples opinion