समकालीन जनमत

Category : ज़ेर-ए-बहस

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दलितों का भारत बंद : दलित आन्दोलन का नया दौर और नया रूप

  पिछले चार सालों में भारत में दलित आन्दोलन नए रूप में विकसित होना प्रारम्भ कर चुका है.रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या,गुजरात का ऊना आन्दोलन,सहारनपुर में...
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देश विरोधी व्यावसायिक मंसूबा है लाल किला को डालमिया समूह की गोद में देना

राम नरेश राम
हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित करना न केवल सरकार की संस्थाओं की जिम्मेदारी है बल्कि हम नागरिकों का भी दायित्व है। सरकार के...
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लाल किला को नीलाम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती : दीपंकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
भाजपा को देश व बिहार से भगाना कितना जरूरी हो गया है, यह इससे भी साबित हो रहा है कि इस सरकार ने लाल किला...
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एससी /एसटी एक्ट : दुरुपयोग की चिंता या कानून की जड़ ही खोदने की कोशिश

उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989  के संदर्भ में फैसला दिए जाने के बाद पूरे देश में इस फैसले के पक्ष और विपक्ष...
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उदारमना संस्कृति का सामर्थ्य

समकालीन जनमत
  पंकज चतुर्वेदी: मशहूर कथन है कि ”Interpretation depends on intention.” यानी व्याख्या इरादे पर निर्भर है। अगर आपकी नीयत नफ़रत और हिंसा फैलानेे की...
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यूनिवर्सिटी और हाज़िरनामा

समकालीन जनमत
चिंटू कुमारी हाल ही में देश के सबसे बेहतरीन शैक्षणिक संस्थानों में से एक जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में 80 प्रतिशत हाज़िरी को अनिवार्य करने का...
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मातृभाषा की नागरिकता

समकालीन जनमत
  सदानन्द शाही   जाने कब से लोकमन कहता चला आ रहा है-कोस कोस पर पानी बदले नौ कोस पर बानी. जैसे धरती के भीतर...
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देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अच्छे दिन कब आएंगे ?

समकालीन जनमत
जाहिद खान ‘‘देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए हमलों की भरोसेमंद जांच कराने या उन्हें रोकने में मोदी सरकार पूरी तरह से नाकाम रही...
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भारतीय राजनीति का हिंदुत्व काल

जावेद अनीस
  2014 के बाद से भारत की राजनीति में बड़ा शिफ्ट हुआ है जिसके बाद से यह लगभग तय सा हो गया है कि देश...
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चार लाख पद ख़त्म और ‘ माननीयों ’ की वेतन वृद्धि

इन्द्रेश मैखुरी
बजट से ठीक एक दिन पहले अखबारों में खबर छपी कि केंद्र सरकार लगभग 4 लाख ऐसे पद खत्म करने जा रही है,जो पांच सालों...
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