ज़ेर-ए-बहस साम्प्रदायिकता का प्रश्न और दलित स्त्री कविताबजरंग बिहारी तिवारीNovember 3, 2019November 4, 2019 by बजरंग बिहारी तिवारीNovember 3, 2019November 4, 201904096 राजनीति से दलित साहित्य की दूरी कभी नहीं रही| धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में वर्णवादी जकड़न से जूझते हुए दलित साहित्य ने राजनीति के...
ज़ेर-ए-बहस साम्प्रदायिक मनोवृत्ति से मुक्ति की तलाशसमकालीन जनमतSeptember 10, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 10, 201802891 समाज में बढ़ते साम्प्रदायिक मनोवृत्ति को कैसे रोका जाये? कैसे नई पीढ़ी में भरी जा रही हिन्दू-मुस्लिम विभाजन, नफरत और भेद-भाव को कम किया जाये,...
जनमत सत्ता पाने का औजार है साम्प्रदायिकतासमकालीन जनमतSeptember 3, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 3, 201802934 लखनऊ में शीरोज बतकही की दसवीं कड़ी लखनऊ. हर रविवार आयोजित होने वाले शीरोज बतकही की दसवीं कड़ी में साम्प्रदायिक राजनीति के वर्तमान निहितार्थ पर...
कहानीसाहित्य-संस्कृति गांव की साझी सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन गति और उसके संकट को केन्द्र में रखती है हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’समकालीन जनमतAugust 23, 2018 by समकालीन जनमतAugust 23, 20182 2616 (हाल ही में ‘पल-प्रतिपल’ में प्रकाशित हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’ को हमने समकालीन जनमत पोर्टल पर प्रकाशित किया , जिस पर पिछले दिनों...
कहानीज़ेर-ए-बहससाहित्य-संस्कृति समाज का सच सामने लाती है हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’समकालीन जनमतAugust 5, 2018August 6, 2018 by समकालीन जनमतAugust 5, 2018August 6, 201802201 (कथाकार हेमंत कुमार की कहानी ‘ रज्जब अली ’ पत्रिका ‘ पल-प्रतिपल ’ में प्रकाशित हुई है. इस कहानी की विषयवस्तु, शिल्प और भाषा को...