समकालीन जनमत

Month : December 2022

स्मृति

केपी ससी : अद्भुत रचनात्मक अभिव्यक्ति, बेजोड़ प्रतिबद्धता

राम पुनियानी
सन् 1970 का दशक भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रतिरोध के आंदोलनों के उभार के लिए जाना जाता है। इस दशक में मजदूरों और कृषकों के...
जनमत

बेतिया में पर्चाधारी महिलाओं पर गोलीबारी की घटना के दोषियों पर कठोर कार्रवाई करे सरकार-एनएपीएम 

समकालीन जनमत
पटना। जन आंदोलनो का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने 24 दिसम्बर को बेतिया जिले के नौतन प्रखण्ड, थाना जगदीशपुर के नकटी पटेरवा में पर्चाधारी  महिलाओं पर...
ख़बर

छत्तीसगढ़ में धर्म के नाम पर आदिवासियों के बीच मतभेद भड़काने वालों पर कार्यवाही हो -एआईपीएफ

समकालीन जनमत
रायपुर। ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम ( ए आई पी एफ ) छत्तीसगढ़ तथा ऑल इंडिया लायर एसोसिएशन फॉर जस्टिस (आइलाज ) छत्तीसगढ़ की एक संयुक्त जांच...
कविता

‘ कविता, जीवन का उत्सव है/कविता थकने का नहीं/ लड़ने का नाम है ‘

आशाराम जागरथ, उमेश पंकज और भगवान स्वरूप कटियार का कविता पाठ  लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम), लखनऊ की ओर से ‘सृजन हमारे समय में’ श्रृंखला...
कविता

रवित यादव की कविताएँ प्रश्नाकुल और उर्वर भावभूमि से उपजती हैं

उमा राग
आलोक रंजन हाल में रवित यादव की कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला । उनकी कविताओं में युवतर जीवन की समाज की...
शिक्षा

एक दीवार पत्रिका का सफर

समकालीन जनमत
प्रकाश चन्द नानकमत्ता पब्लिक स्कूल   दीवार पत्रिका उस वक़्त नन्हीं सी थी। उसका जन्म हुए कुछ दिन ही हुए थे। समझदार भी नहीं थी।...
जनमत

मौलाना आजाद फैलोशिप बंद : शिक्षा में पहले से ही पिछड़े मुसलमानों के लिए नई मुसीबत

राम पुनियानी
यूपीए-1 सरकार द्वारा 2005 में नियुक्त सच्चर समिति की रपट सन् 2006 में जारी हुई थी. इस रपट के अनुसार देश में मुसलमान, सामाजिक और राजनैतिक जीवन के हर क्षेत्र में...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-29

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
सिनेमा

शासकवर्गीय प्रचार के विपरीत जनसामान्य के जीवन की वास्तविक तस्वीर दिखा गया पटना फिल्मोत्सव

समकालीन जनमत
‘ मट्टों की साइकिल’ के प्रदर्शन के साथ तेरहवें पटना फिल्मोत्सव का पर्दा गिरा पटना। ‘प्रतिरोध का सिनेमा : पटना फिल्मोत्सव’ फिल्म के क्षेत्र में सक्रिय...
सिनेमा

पटना फिल्मोत्सव : फिल्मों ने मानवीय सौहार्द, संवेदना और जीवन रक्षा के गंभीर सवालों को उठाया

समकालीन जनमत
पटना। सवालों से घिरे हुए हमारे समाज और देश में सत्ताधारी राजनीति प्रायः उनके हल नहीं तलाशती, बल्कि उन्हें और उलझाती है। समस्याओं को और...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

हिंदी जातीयता के निर्माण का सवाल और निराला

दुर्गा सिंह
निराला बंगाली जातीयता से प्रभावित थे। ब्रह्म समाज, रामकृष्ण परमहंस, देवेन्द्र नाथ टैगोर, रवीन्द्र नाथ  टैगोर, विवेकानंद  के अलावा बंगाल के इस जागरण में जितने...
सिनेमा

फासीवादी ताकतों को हराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए : लाल्टू

समकालीन जनमत
रेणु की फिल्म ‘संवदिया’ से उठा 13वें पटना फिल्मोत्सव का पर्दा पटना। ‘‘हमारे मुल्क में जब नफरत के लंबरदार नंगा नाच रहे हैं, हर कहीं...
कविता

सुंदर चंद ठाकुर की कविताएँ मर्मभेदी यथार्थ को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल फौजी, संपादक और मैराथन दौड़ाक सुंदर चंद ठाकुर के भीतर इतना संवेदनशील कवि निवास करता है यह नहीं जान पाता अगर उनकी ‘चयनित...
ख़बर

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने 400% फीस वृद्धि, छात्रसंघ बहाली को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का घेराव किया

नई दिल्ली। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में छात्रसंघ बहाली,कुलपति की अवैध नियुक्ति तथा 400% बढ़े हुए शुल्क के विरोध में पिछले 97 दिनों से आमरण अनशन...
पुस्तक

सुरेश काँटक की कहानियाँ : बर्बर होती व्यवस्था का “आनावरण ”

समकालीन जनमत
  भोजपुर की धरती सामंतवाद विरोधी किसान आंदोलन के लिए ख्यात है। वहीं, यह हिंदी कथा जगत में अपनी त्रयी के लिए भी जानी जाती...
कविता

सुधा उपाध्याय की कविताएँ सत्ता के क्रूर प्रपंचों को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
अंशु चौधरी समकालीन हिंदी कविता परिदृश्य में सुधा उपाध्याय परिचित नाम हैं। वे अपनी रचनाओं में अपनी विशिष्ट रचनात्मक तेवर, भाषा, और नवीन एवं सूक्ष्म...
ज़ेर-ए-बहस

गुजरात आम चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के परिणाम के मायने

जयप्रकाश नारायण 
जयप्रकाश नारायण  7 दिसंबर को दिल्ली एमसीडी और 8 दिसंबर को गुजरात, हिमाचल  विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों के उपचुनाव के परिणाम आए। समाचार माध्यमों...
पुस्तक

संस्थाओं की स्वायत्तता और लोकतंत्र

गोपाल प्रधान
सभी जानते हैं कि हमारे देश में जो भी लोकतंत्र है उसके पीछे संस्थाओं की स्वायत्तता की प्रमुख भूमिका है । न केवल न्यायपालिका, कार्यपालिका...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-28

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
साहित्य-संस्कृति

उपन्यास ‘कर्बला दर कर्बला’ पूरे देश की कथा है

पटना। कालिदास रंगालय में नौ दिसम्बर को 1980 के दशक के भागलपुर पर केंद्रित गौरीनाथ के उपन्यास ‘कर्बला दर कर्बला’ पर हिरावल की ओर से...
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