समकालीन जनमत

Month : February 2021

कविता

हमारी दुनिया की परतें उघाड़ती हैं अविनाश की कविताएँ 

समकालीन जनमत
अंचित कविता का एक काम यह है कि वह हमारे भीतर के तनावों को, हमारी निराशाओं को जगह दे, वह सब कहने का माध्यम बने...
साहित्य-संस्कृति

बाहर से शांत, दिमाग के भीतर धधकती आग थे अनिल सिन्हा- अजय कुमार

लखनऊ। लेखक और पत्रकार अनिल सिन्हा के दसवें स्मृति दिवस के मौके पर जन संस्कृति मंच ने स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया। यह 25 फरवरी...
ख़बर

वामपंथी दलों और संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन का समर्थन वाले कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने पर प्रतिवाद किया

नई दिल्ली। दिल्ली की वामपंथी पार्टियों ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को संयुक्त ज्ञापन भेज कर दिल्ली पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने पर कड़ा...
सिनेमा

क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स- वैवाहिक रिश्ते में अपराध की कथा

दुर्गा सिंह
क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स, डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर प्रसारित हुई  वेब श्रृंखला है। यह पूर्व में प्रसारित क्रिमिनल जस्टिस का सीक्वेल है। इसमें एक...
ख़बर

रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट आने तक बागमती तटबंध पर रोक लगाने के लिए गायघाट प्रखंड कार्यालय पर धरना

समकालीन जनमत
मुजफ्फरपुर। चास-वास-जीवन बचाओ बागमती संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में गायघाट प्रखंड कार्यालय पर आज सैकड़ों लोगों ने धरना देकर बागमती तटबंध के लिए सरकार द्वारा गठित...
चित्रकला

कोयले की कालिमा और प्रभाकर पाचपुते की कला

राकेश कुमार दिवाकर
प्रभाकर पांडुरंग पाचपुते एक ऐसे प्रतिभाशाली युवा कलाकार हैं जिसमें समकालीन कला को समृद्ध करने की प्रतिभा भी है और सार्थक दिशा देने की दृष्टि...
पुस्तक

मार्क्सवाद और उत्तर-मार्क्सवाद

गोपाल प्रधान
2021 में रटलेज से अलेक्स कलीनिकोस, स्तातिस कूवेलाकिस और लुचिया प्रादेला के संपादन में ‘ रटलेज हैंडबुक आफ़ मार्क्सिज्म ऐंड पोस्ट-मार्क्सिज्म’ का प्रकाशन हुआ ।...
सिनेमा

12वां पटना फिल्मोत्सव : आखिरी दिन फिल्म ‘तीसरी कसम’ दिखाई गई, नाटक ‘सुखिया मर गया भूख से’ का मंचन

समकालीन जनमत
पटना। हिरावल-जन संस्कृति मंच द्वारा स्थानीय कालिदास रंगालय में आयोजित तीन दिवसीय 12वें ‘ पटना फिल्मोत्सव: प्रतिरोध का सिनेमा’ के आखिरी दिन आज महान कथाकार...
सिने दुनिया

‘ न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड ’ : …..तब भी उम्मीद है कि मरती नहीं

फ़िरोज़ ख़ान
जंग का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होता है, जो बंदूक खरीदते हैं, जंग का बिगुल बजाते हैं और फिर अपने सुरक्षित बंकर में...
कविता

स्मिता सिन्हा की कविताएँ जिजीविषा का जीवंत दस्तावेज है

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय स्मिता सिन्हा की इन कविताओं से गुजरना अपने उदास समय को गहराई से देखने, महसूसने और अंततः उससे जूझने की प्रक्रिया है। इस...
ख़बर

भाकपा माले की जांच रिपोर्ट : हिरासत में पुलिस पिटाई से हुई थी किशन की मौत

समकालीन जनमत
लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने जौनपुर के बक्सा थाने की हिरासत में किशन यादव (25 वर्ष) की मौत की अपनी चार सदस्यीय टीम...
सिनेमा

12वां पटना फिल्मोत्सव : दलितों, किसानों, बच्चों, आदिवासियों, बुद्धिजीवियों और संस्कृतिकर्मियों के जीवन के सवालों से रूबरू हुए दर्शक

पटना। 12वें पटना फिल्मोत्सव के दूसरे दिन प्रदर्शित फिल्मों ने भारतीय समाज और व्यवस्था के बुनियादी अंतविर्रोधों को दिखाते हुए विषमता के लिए जिम्मेवार विकास...
सिनेमा

फैज की नज्म ‘इंतेसाब’ के गायन से शुरू हुआ पटना फिल्मोत्सव

पटना। मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म ‘इंतेसाब’  के गायन से 12 वें  पटना फिल्मोत्सव की शुरुआत हुई। हिरावल के कलाकारों ने इसे गाया। इस...
ख़बर

जितनी पाबंदी अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने पर आज है उतनी पहले कभी नहीं थी : अरुण कमल

समकालीन जनमत
वरिष्ठ कवि अरुण कवि के उद्घाटन वक्तव्य के वीडियो से 12वें पटना फिल्मोत्सव : प्रतिरोध का सिनेमा की शुरुआत हुई पटना।  ‘‘ सिनेमा ने शुरू...
ख़बर

रिंकू शर्मा हत्या की निष्पक्ष जांच हो, इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिशों पर रोक लगे

समकालीन जनमत
वामपंथी पार्टियों और मंगोलपुरी इलाक़े के नागरिकों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस से मिलकर रिंकू शर्मा हत्याकांड के बहाने इलाके में साम्प्रदायिक तनाव बनाने...
ज़ेर-ए-बहस

आपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं, इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…क्यों?

समकालीन जनमत
रूपाली सिन्हा उनके पाँव….. आपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं….इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…मैले हो जाएँगे…नायिका कागज़ के पुर्ज़े की लिखाई को बार-बार पढ़ती, सुर्ख़ होकर...
चित्रकला

यूसुफ : वैयक्तिक स्वतंत्रता के स्वप्नदर्शी कलाकार

राकेश कुमार दिवाकर
समकालीन कला के परिप्रेक्ष्य में यूसुफ की रचनाएं एक जरुरी तत्व की तरह हैं। उनकी रचनात्मक उपस्थिति समकालीन कला जगत में मौजूद उद्दाम स्वतंत्रता की...
कविता

विशाखा मुलमुळे की कविताएँ स्त्री मुक्ति के सवालों को बारीक़ी से रेखांकित करती हैं

समकालीन जनमत
सोनी पाण्डेय स्त्री जीवन का सबसे कठिन सवाल है “मुक्ति”, उसे मुक्ति चाहिए बेमानी वर्जनाओं से, पितृसत्तात्मक समाज के दोहरे मापदंड से, उसके रास्ते में...
स्मृति

प्रोफेसर डी.एन. झा : तथ्यात्मक इतिहास लेखन से साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद की चुनौती से मुकाबला

राम पुनियानी
झा उन विद्वानों में से थे जिन्होंने सक्रिय रूप से एक बेहतर समाज के निर्माण के संघर्ष में अपना योगदान दिया - एक ऐसे समाज...
ख़बर

‘ क्या इस देश से इंसाफ़ का जनाज़ा उठ गया है ’

मैं उनके लिये लड़ रही हूँ क्योंकि मैं जानती हूँ कि वह निर्दोष हैं। और जो भी पत्रकार उनके साथ खड़े हैं वे भी जानते...
Fearlessly expressing peoples opinion