समकालीन जनमत

Month : May 2018

जनमतज़ेर-ए-बहसशख्सियत

माँ तुझे सलाम !

कविता कृष्णन
(माँ केवल ममता का ही खज़ाना नहीं है बल्कि समझदारी का भी स्रोत होती है.  समाज के बारे में, नैतिकता, यौनिकता, सही और गलत के...
ख़बर

इंसेफेलाइटिस (एईएस /जेई) से चार महीनों में यूपी में 58 की मौत

इंसेफेलाइटिस (एईएस /जेई) से इस वर्ष के चार महीनों में देश में 68 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 58 यूपी के थे। देश...
कवितासाहित्य-संस्कृति

प्रदीप कुमार सिंह की कविताएँ : विह्वल करने से ज़्यादा विचार-विकल करती हैं

उमा राग
नदी समुद्र में जाकर गिरती है, यह तो सब जानते हैं. लेकिन यह सच्चाई तो प्रदीप की कविता को पता है कि नदी अपना दुःख...
जनमत

पहली जंगे आज़ादी और मार्क्स

भारतीय संदर्भ में मार्क्सवाद के बारे में चर्चा करते हुए आम तौर पर यह कहा जाता है कि मार्क्स तो भारत को नहीं समझते थे,...
ख़बर

यूपी में बढ़ते सांप्रदायिक और जातिवादी हमले के खिलाफ वाराणसी में प्रदर्शन

समकालीन जनमत
भीम आर्मी के नेता सचिन वालिया के हत्यारों को जेल भेजने, स्लाटर हाउस तत्काल चालू करने, मीट कारोबारियों का पुलिसिया उत्पीड़न व उगाही पर रोक...
स्मृति

काल से होड़ लेता प्रेम और मुक्ति का कवि

शमशेर जी की एक कविता है 'काल तुझसे होड़ है मेरी'। जिन्हें यह यकीन हो कि मनुष्य अपने श्रम और संघर्ष से काल के प्रवाह...
कवितासाहित्य-संस्कृति

एक कविता: चोरी-चुप्पे [प्रकाश उदय]

मृत्युंजय
कविता 'चुप्पे-चोरी', जो एक लड़की की बहक है। यह लड़की गाँव की है, नटखट है। उसने उड़ने के लिए चिड़िया के पंख और गोता लगाने...
स्मृति

जब वो ख़ाली बोतल फेंक के कहता है दुनिया तेरा हुस्न यही बद-सूरती है

समकालीन जनमत
मंटो ने समाज की गंदगी और घिलोनेपन को अनुभाव किया और ज़िन्दगी के जहर को इस प्रकार चखा की ये जहर उनके अंदर तक उतर...
स्मृति

ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…

समकालीन जनमत
मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...
कहानीस्मृति

मंटो को याद करने का मतलब

समकालीन जनमत
अभी तक भारतीय साहित्य का व्यवस्थित और विश्वसनीय इतिहास नहीं लिखा गया है। जब कभी इसका इतिहास लिखा जाएगा उर्दू अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का...
ख़बर

लाल किला की नीलामी के खिलाफ लेखकों, बुद्धिजीवियों , संस्कृतिकर्मियों ने प्रतिरोध मार्च निकाला

राम नरेश राम
इस प्रतिरोध मार्च में आइसा, अमन बैरदारी, सेंटर फॉर दलित लिटरेचर एंड आर्ट, दलित लेखक संघ, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट, डी.टी.आई, इप्टा, जन संस्कृति मंच, जनवादी...
इतिहास

क्यों डरती रही हैं भारत की सरकारें 1857 से

समकालीन जनमत
1857 ने जिस राष्ट्रवाद का आगाज किया था, उसकी विरोधी शक्तियां आजाद भारत में सत्ता के शिखर पर पहुंच चुकी हैं. यानी पहली जंग-ए-आजादी ने...
ख़बर

भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या के विरोध में माले का लखनऊ, इलाहाबाद, गाजीपुर, मऊ और जालौन में प्रदर्शन

समकालीन जनमत
लखनऊ. नौ मई को सहारनपुर में सामंती ठाकुरों द्वारा महाराणा प्रताप जयंती मनाने के मौके पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के...
जनमत

आज़ादी के बाद के भारत की तस्वीर देखनी है, तो कैफ़ी आज़मी की शायरी से बेहतर कुछ नहीं

समकालीन जनमत
आज कैफ़ी आज़मी की पुण्यतिथि है. यह महज़ संयोग ही है कि आज ही के दिन ‘1857’ में बगावत का बिगुल बजा था. लेकिन अगर...
मल्टीमीडिया

रिमझिम बरसे रे बदरिया….

सुधीर सुमन
भाकपा-माले की ओर से संचालित जन-अधिकार पदयात्राओं और गांधी मैदान में 1 मई, मजदूर दिवस को आयोजित महासम्मेलन ने साहित्य-संस्कृति की दुनिया को भी नई...
ख़बर

सहारनपुर में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के भाई की गोली मारकर हत्या, माले का प्रदेशव्यापी विरोध का एलान

समकालीन जनमत
सहारनपुर में आज भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना महाराणा प्रताप जयंती...
ख़बर

मनुवादियों द्वारा विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने की कोशिश है एएमयू प्रकरण : आईएसजे

एएमयू का हालिया प्रकरण हिन्दू-मुस्लिम या जिन्ना विवाद नहीं बल्कि मनुवादियों द्वारा विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने की कोशिश है. क्योंकि यही वो जगहें हैं जहाँ...
जनमतज़ेर-ए-बहस

दलितों के घर भोजन: मकसद क्या है, वोट या कुछ और?

जिस समय दलितों के घर भोजन की यह नौटंकी चल रही है उसी समय एससी/एसटी एक्ट को कमजोर किया जा रहा है।उसी समय विश्वविद्यालयों के...
मीडिया

पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ना होगा: पंकज बिष्ट

सुधीर सुमन
प्रगतिशील-जनवादी साहित्यिक-सांस्कृतिक संगठनों ने ‘ मीडिया की संस्कृति और वर्तमान परिदृश्य ’ पर संगोष्ठी आयोजित की  कठुआ गैंगरेप के खिलाफ लिखी गई कविताओं की पुस्तिका...
कविताज़ेर-ए-बहस

हरम सरा नहीं कविता चाहिए

‘ जेंडर बाइनरिज़्म ’ दोनों ध्रुवों के बीच पड़ने वाली सारी चीज़ों को परिधि पर फेंक देता है. यह स्थापित करता है कि स्याह और...
Fearlessly expressing peoples opinion