सिने दुनिया सिने दुनिया: पैरसाइट (दक्षिण कोरियाई) और द प्लैटफॉर्म (स्पैनिश): अमीरों के लिए जो मौसम सुहाना, गरीबों की वह त्रासदी है..फ़िरोज़ ख़ानAugust 15, 2021August 15, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानAugust 15, 2021August 15, 202101098 दक्षिण कोरिया में कई अमीर लोगों ने ऐसे घर बना रखे हैं कि जहां अगर ऐटमी हमला हो, तो उनके तहखानों में कुछ समय तक...
सिने दुनिया सिने दुनिया: बिफोर ट्रायलॉजी (बिफोर सनराइज, बिफोर सनसेट, बिफोर मिडनाइट) (अमेरिकन): तमाम उम्र सताती है उस एक रात की याद…फ़िरोज़ ख़ानAugust 1, 2021August 1, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानAugust 1, 2021August 1, 202101094 ट्रेन हंगरी के शहर बुडापेस्ट से पेरिस जा रही है। एक अमेरिकन लड़का जेसी अपनी प्रेमिका से रिश्ता खत्म करके अमेरिका लौट रहा है...
सिने दुनिया सिने दुनिया: ब्रोकबैक माउंटेन (अमेरिकन) : आग, चूल्हा, समलैंगिकता और सेक्सफ़िरोज़ ख़ानJuly 11, 2021July 11, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानJuly 11, 2021July 11, 20210667 यूं तो समलैंगिक रिश्तों पर तमाम फिल्में बनी हैं। लेस्बियन संबंधों पर भी कुछ बहुत खूबसूरत फिल्में हैं, लेकिन आज हम गे संबंधों पर बनी...
सिने दुनिया महारानी (वेब सीरिज) : आप एजेंडा वाला सिनेमा बना सकते हैं, चला नहीं सकते..फ़िरोज़ ख़ानJune 27, 2021July 2, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानJune 27, 2021July 2, 202101378 वह एक ऐसी उत्तराधिकारी थी, जो राजनीति की बारहखड़ी तो छोड़ दीजिए, ओलम भी नहीं जानती थी। बिहार का एक मुख्यमंत्री उसे सिर्फ इसलिए अपना...
सिने दुनिया सिने दुनिया: कैफ़रनॉम (लैबनीज, अरबी): इन बच्चों की हँसी किसने चुराई है…फ़िरोज़ ख़ानJune 13, 2021June 13, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानJune 13, 2021June 13, 202101165 आपको एलन कुर्दी याद है। नाम भूल गए होंगे शायद, लेकिन उसकी सूरत और वह हादसा कोई कैसे भूल सकता है। 2 सितंबर, 2015 की...
सिने दुनिया सिने दुनिया: परफ़्यूम(जर्मन): एक मरा हुआ पैगंबर..फ़िरोज़ ख़ानMay 30, 2021June 1, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 30, 2021June 1, 202101362 नायक-खलनायक, देवता-राक्षस, पैगंबर और शैतान, जीवन के सिर्फ दो ही शेड नहीं होते। किसी पैगंबर या देवता या ईश्वर का कोई ऐसा शेड भी हो...
स्मृति शक़ील अहमद ख़ान: होठों पर हँसी, आँखों में प्यार बसा था जिसके…फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 202104935 शक़ील अहमद ख़ान को सुपुर्द-ए-आग कर दिया गया। जी हाँ, ठीक सुना- सुपुर्द-ए-ख़ाक नहीं। लखनऊ के इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में उनकी करीब 30...
कविता फ़िरोज़ की कविताएँ इस राजनीतिक सन्निपात में एक सचेत बड़बड़ाहट हैंसमकालीन जनमतMay 23, 2021May 23, 2021 by समकालीन जनमतMay 23, 2021May 23, 202101340 प्रभात मिलिंद फ़िरोज़ खान की ये कविताएँ फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ आक्रोश की कविताएँ है। काव्य-वक्रोक्ति की अनुपस्थिति में ये अपने लहज़े में थोड़ी खुली हुई...
सिने दुनिया सिने दुनिया: सिंडलर्स लिस्ट (अमेरिकन): उसकी क़ब्र पर मुहब्बत के गुल दहकते हैंसमकालीन जनमतMay 2, 2021May 2, 2021 by समकालीन जनमतMay 2, 2021May 2, 202101646 सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद हिंदुस्तान ही नहीं, दुनिया के तमाम देश आजाद हुए। हिटलर की सनक के चलते फ्रांस और ब्रिटेन ने जर्मनी...
सिने दुनिया सिने दुनिया: द ग्रेट इंडियन किचन (मलयालम): किचन में मर्द आर्टिस्ट और स्त्री धावक होती हैफ़िरोज़ ख़ानApril 18, 2021April 18, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानApril 18, 2021April 18, 202102432 सेक्स में प्लेजर अमूमन पुरुषों का एकाधिकार रहा है। ‘द ग्रेट इंडियन किचन’ देखते हुए आप महसूस करेंगे कि पारंपरिक और रूढ़िवादी पुरुष के...
सिने दुनिया सिने दुनिया : क्रूरतम ग़ैरबराबरी का रूपक है ‘इन टाइम’फ़िरोज़ ख़ानApril 4, 2021April 4, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानApril 4, 2021April 4, 202101689 पिछले दिनों मित्र और फिल्मकार व पटकथा लेखक अविनाश दास के बाबूजी (पिता) और हमारे बाऊजी नहीं रहे। हम लोग मिले। हमने अविनाश से कहा...
स्मृति सिनेमा के बाज़ार में सागर सरहदी का होना…फ़िरोज़ ख़ानMarch 23, 2021March 24, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMarch 23, 2021March 24, 202102553 सन् 1980 या 81 के किसी एक रोज एक अखबार में खबर छपती है कि गल्फ देशों के उम्रदराज़, लेकिन अमीर शेख हैदराबाद आते हैं...
सिने दुनिया दूब : प्रेम और दैहिक इच्छाओं की एक उदास धुन..फ़िरोज़ ख़ानMarch 21, 2021March 21, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMarch 21, 2021March 21, 202101819 आज की फिल्म: दूब (नो बेड ऑफ रोज़ेज़) (बांग्लादेशी) इरफान खान की अदायगी वाली बांग्लादेशी फिल्म दूब (नो बेड ऑफ रोज़ेज़) अंतत: नेटफ्लिक्स पर...
सिने दुनिया ‘ इंटू द वाइल्ड ’ : अंतहीन यात्राओं के मुसाफ़िर भी लौटते हैं एक रोज़…..फ़िरोज़ ख़ानMarch 7, 2021March 7, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMarch 7, 2021March 7, 202101394 वह इस समाज को घटिया समाज मानता था और कहता था कि दुनिया का हर शख्स एकदूसरे से इतनी बुरी तरह पेश क्यों आता है।...