समकालीन जनमत

Tag : स्त्री

समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-24

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-23

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

श्यामा: औपनिवेशिक भूमि-व्यवस्था, वर्णवाद के बीच अंतरजातीय प्रेम की कहानी

दुर्गा सिंह
निराला की कहानी ‘श्यामा’, हिंदी की एक महत्वपूर्ण कहानी है। यह कहानी  एक ब्राह्मण  लड़के और लोध जाति की लड़की के प्रेम की कहानी है।...
पुस्तक

गुलामी के प्रतिरोध में स्त्री

गोपाल प्रधान
2020 में वर्सो से स्टेला दाज़्दी की किताब ‘ए किक इन द बेली: वीमेन, स्लेवरी ऐंड रेजिस्टेन्स’ का प्रकाशन हुआ । लेखिका ने नौ साल...
ज़ेर-ए-बहस

प्रेमचंद का उपन्यास ‘प्रेमा’ और सामाजिक सुधार का प्रश्न

समकालीन जनमत
निकिता सामाजिक तथा राजनीतिक उलटफेर को यथार्थ रूप से लिखने में यदि किसी का नाम पहले आता है, तो वह प्रेमचंद हैं । खासकर, बात...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता और स्त्रियाँ

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
साहित्य-संस्कृति

प्रो. गरिमा श्रीवास्तव से ‘स्त्री आत्मकथा के विविध पक्ष’ पर डॉ. कामिनी की बातचीत

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव ‘स्त्री संघर्ष का कोरस’ में बीते रविवार डॉ. कामिनी ने प्रो. गरिमा श्रीवास्तव से “स्त्री आत्मकथा के विविध पक्ष” पर बातचीत...
साहित्य-संस्कृति

आदिवासी स्त्री को ग़र सही मायनों में समझना है तो हमें अपने पैमाने बदलने होंगे : डॉ. स्नेहलता नेगी

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव ‘स्त्री-संघर्ष का कोरस’ में बीते रविवार 5 जुलाई को डॉ. स्नेहलता नेगी ने ‘स्त्री स्वतन्त्रता के संबंध में आदिवासी समाज’ विषय...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद का स्त्रीधर्म

समकालीन जनमत
आशीष मिश्र भारतीय नवजागरण और राष्ट्रीय आन्दोलन को स्त्री-अस्मिता की जमीन से देखते हुए पार्थ चटर्जी प्रभृत चिंतकों ने राष्ट्रीय आन्दोलन और स्त्रीवादी संघर्ष में...
कवितासाहित्य-संस्कृति

प्रदीप कुमार सिंह की कविताएँ : विह्वल करने से ज़्यादा विचार-विकल करती हैं

उमा राग
नदी समुद्र में जाकर गिरती है, यह तो सब जानते हैं. लेकिन यह सच्चाई तो प्रदीप की कविता को पता है कि नदी अपना दुःख...
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