समकालीन जनमत

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ज़ेर-ए-बहस

प्रेमचंद का उपन्यास ‘प्रेमा’ और सामाजिक सुधार का प्रश्न

समकालीन जनमत
निकिता सामाजिक तथा राजनीतिक उलटफेर को यथार्थ रूप से लिखने में यदि किसी का नाम पहले आता है, तो वह प्रेमचंद हैं । खासकर, बात...
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