कविता अरविंद पासवान की कविताएँ साफगोई का सौंदर्य हैंसमकालीन जनमतDecember 31, 2023December 31, 2023 by समकालीन जनमतDecember 31, 2023December 31, 202301016 श्रीधर करुणानिधि सरलता का अपना सौंदर्य होता है। निश्छल हृदय की बातें और भोली उन्मुक्त हँसी बरबस ध्यान खींच लेती हैं। जब चारों ओर कोलाहल...
कविता संध्या यादव की कविताएँ समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों से एक स्त्री की बहसें हैंसमकालीन जनमतSeptember 24, 2023September 24, 2023 by समकालीन जनमतSeptember 24, 2023September 24, 20230183 अमरजीत कौंके फेसबुक पर जिन कवियों की कविता मुझे बहुत पसंद है और मैं जिन्हें ढूंढ कर पढ़ता हूँ, संध्या यादव उन चंद कवियों में...
कविता योगेंद्र गौतम की कविताएँ अंधेरे के अज्ञात बिन्दु से प्रकाश की खोज में निकली यात्री हैंसमकालीन जनमतSeptember 10, 2023September 10, 2023 by समकालीन जनमतSeptember 10, 2023September 10, 20230202 प्रिया वर्मा यह कवि रात्रि के किसी अज्ञात बिंदु पर खड़ा हुआ है और अंधेरे के उस अज्ञात बिंदु में प्रकाश को खोजते हुए कविता...
कविता लीना मल्होत्रा की कविताएँ स्त्रीस्वर का स्थापित मुहावरा हैंसमकालीन जनमतOctober 2, 2022October 2, 2022 by समकालीन जनमतOctober 2, 2022October 2, 2022083 प्रिया वर्मा महत्वाकांक्षाओं की चिड़िया औरत की मुंडेर पर आ बैठी है दम साध शिकारी ने तान ली है बन्दूक निशाने पर है चिड़िया अगर...
कविता प्रिया वर्मा की कविताएँ शुचितावादी धारणाओं को धता बताती हैंसमकालीन जनमतJune 12, 2022June 12, 2022 by समकालीन जनमतJune 12, 2022June 12, 20220136 जोशना बैनर्जी आडवानी “आम्रपाली की कथा बांचो परिव्राजक! और अब कहो कि तुम्हारे डर को मिट जाना चाहिए। उस गलफंद को कहूँ मैं धन्यवाद? मुझे...
कविता प्रेम नन्दन की कविताएँ लोकजीवन और उसके संघर्ष की कविताएँ हैंसमकालीन जनमतJune 5, 2022June 5, 2022 by समकालीन जनमतJune 5, 2022June 5, 2022080 कौशल किशोर प्रेम नन्दन की कविताओं से गुजरते हुए लगता है कि लोकजीवन और उसका संघर्ष अपनी गरिमा के साथ उपस्थित है। यहां ‘पथराई...
कविता शुक्ला चौधुरी : मैं लिखूँ कविता पेड़ों की/चिड़ियों की/ ख़ौफ़ नहीं/प्रेम की…..समकालीन जनमतMay 22, 2022May 22, 2022 by समकालीन जनमतMay 22, 2022May 22, 2022057 कौशल किशोर शुक्ला चौधुरी ऐसी कवयित्री हैं जिन्हें आकाश की ऊँचाई का पता है। वे जानती हैं कि हाथ से आकाश को नहीं छू सकती...
कविता संध्या नवोदिता की कविताओं में जिजीविषा और यथार्थ की कड़वाहट के स्वर प्रमुख हैंसमकालीन जनमतMay 1, 2022May 1, 2022 by समकालीन जनमतMay 1, 2022May 1, 20220167 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री संध्या नवोदिता की ये कविताएँ थिर तापमान की हैं। उनकी कविताओं में अमूर्तता, रागात्मकता, राजनीतिक चेतना और जनसंघर्ष के स्वर स्पष्ट...
कविता प्रियंवदा की कविताएँ हिंदी कविता के आँचल में ग़ज़ल के फूल टाँकने का फ़न हैंसमकालीन जनमतApril 10, 2022April 10, 2022 by समकालीन जनमतApril 10, 2022April 10, 20220166 अजमल सिद्दीक़ी प्रियंवदा के अब तक के साहित्यिक सफ़र को मैं ने बहुत क़रीब से देखा है , मैं इस सफ़र के हर उतार चढ़ाव...
कविता महेश पुनेठा की कविताएँ जीवन, प्रकृति और परिवेशगत विडंबनाओं को धारदार रूप में अभिव्यक्त करती हैंसमकालीन जनमतApril 3, 2022April 3, 2022 by समकालीन जनमतApril 3, 2022April 3, 20220102 कल्पना पंत ’भवानी प्रसाद मिश्र” की ’कवि’ शीर्षक कविता की आरंभिक पंक्तियाँ हैं “जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख और इसके बाद...
कविता अरुण शीतांश की कविताएँ: विषयों के अनंत में अपने कवि की खोजसमकालीन जनमतFebruary 20, 2022February 20, 2022 by समकालीन जनमतFebruary 20, 2022February 20, 2022039 भरत प्रसाद यदि दृष्टि की दिशाएं बहुदिशात्मक हों, यदि भावनाओं की गति अनेक आयामी हो, यदि हम व्यक्तित्वांतरण कर पाने के साहस से परिपूर्ण हों,...
कविता रोशनी वर्मा की कविताएँ चीज़ों के पार देखने की उत्सुकता से भरपूर हैंसमकालीन जनमतFebruary 13, 2022March 1, 2022 by समकालीन जनमतFebruary 13, 2022March 1, 2022044 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री रोशनी वर्मा की कविताएँ सधे हाथों से लिखी ऐसी कविताएँ हैं जो एक हौले स्वर में पाठकों से संवाद करती हैं।...
कविता हेमंत देवलेकर की कविताएँ बदल रहे समय पर गहन दृष्टि से उपजे सवाल हैंसमकालीन जनमतJanuary 2, 2022January 2, 2022 by समकालीन जनमतJanuary 2, 2022January 2, 20220203 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि हेमंत देवलेकर की कविताओं से गुजरना वह सुखद अहसास है जो मौसम की बारीकियों को समझने, समय को बीतते हुए महसूसने...
कविता सौम्या सुमन की कविताएँ अनसुने-अनकहे के दरमियान प्रेम के सहज सौन्दर्य की बानगी हैंसमकालीन जनमतDecember 26, 2021December 26, 2021 by समकालीन जनमतDecember 26, 2021December 26, 20210107 प्रभात मिलिंद मेरे विचार में कविताओं को पानी की शांत सतह पर गिरते हुए एक सूखे पत्ते की तरह होना चाहिए– दृश्य में एकदम स्पंदनहीन...
कविता ज्योति की कविताएँ चुप्पी का सौंदर्य बयां करती हैंअनुपम सिंहDecember 19, 2021December 19, 2021 by अनुपम सिंहDecember 19, 2021December 19, 20210197 ज्योति तिवारी को मैं पिछले लगभग पाँच वर्षों से जानती हूँ। ज्योति भी मुझे जानती हों ज़रूरी नहीं। वैसे तो वह ज़्यादातर निष्क्रिय ही दिखाई...
कविता प्रियंका दुबे की कविताएँ भारत की नई स्त्री की प्रेमाभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतDecember 12, 2021December 13, 2021 by समकालीन जनमतDecember 12, 2021December 13, 2021074 देवेश पथ सारिया इक्कीसवीं सदी के इक्कीस वर्षों में भारत के आम जनजीवन में बहुत फ़र्क़ आया है। इसका सबसे अधिक असर भारतीय मध्यमवर्ग पर...
कविता उमेश पंकज की कविताएँ जनता की अदम्य शक्ति और साहस की बानगी हैंसमकालीन जनमतDecember 5, 2021December 12, 2021 by समकालीन जनमतDecember 5, 2021December 12, 2021053 कौशल किशोर ‘बिजलियों की गड़गड़ाहट/और बारिश की बूंदों में/परिलक्षित होता है मालिक का शोर/और मजदूरों का मार्मिक विलाप/न जाने यह कैसी विडंबना है/उषा काल...
कविता राहुल द्विवेदी की कविताएँ: एक पुरुष का आत्मसंघर्षसमकालीन जनमतJuly 18, 2021July 18, 2021 by समकालीन जनमतJuly 18, 2021July 18, 202101184 सोनी पाण्डेय कविता मनुष्य की संवेदनात्मक अभिव्यक्ति है। वह संसार के दुःख को महसूस करता है और कभी गीत, कभी ग़ज़ल तो कभी किस्से, कहानी...