समकालीन जनमत

Tag : संध्या नवोदिता

कविता

आयुष पाण्डेय की कविताएँ मनुष्यता की बेहद सरल सतह पर जीती हैं

समकालीन जनमत
संध्या नवोदिता ये ताज़गी भरी कविताएँ हैं. प्रेम में गले गले तक डूबी. विछोह में साँस रोकती. हज़ार तरह के सवाल पूछती. दुनिया के बुनियादी...
कविता

संध्या नवोदिता की कविताओं में जिजीविषा और यथार्थ की कड़वाहट के स्वर प्रमुख हैं

निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री संध्या नवोदिता की ये कविताएँ थिर तापमान की हैं। उनकी कविताओं में अमूर्तता, रागात्मकता, राजनीतिक चेतना और जनसंघर्ष के स्वर स्पष्ट...
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