कविताजनमत भगवान स्वरूप कटियार की कविताएँ : जीवन को बचाने के लिए ज़रूरी है प्रेमसमकालीन जनमतDecember 15, 2019December 15, 2019 by समकालीन जनमतDecember 15, 2019December 15, 201902239 कौशल किशोर ‘आज हम सब/हो गए हैं/अपनी-अपनी सरहदों में जी रहे हैं छोटे-छोटे उपनिवेश और एक-दूसरे के लिए/पैदा कर रहे हैं भय, आतंक, दहशत/और गुलामी...
कवितासाहित्य-संस्कृति उमेश पंकज का कविता पाठ: ‘मेहतर से नहीं कोई इंसान बेहतर’कौशल किशोरAugust 25, 2019August 25, 2019 by कौशल किशोरAugust 25, 2019August 25, 201903690 लखनऊ, 25 अगस्त। ‘वह पेड़ पर चढ़ कर/हरा बन गयी…..पेड़ से वह गिर गयी/रोप दी गयी मिट्टी में/वह फिर से उग रही है/उस तरह जिस...
कविताशख्सियत यथार्थ के अन्तर्विरोधों को उदघाटित करते कवि राजेन्द्र कुमारकौशल किशोरJuly 24, 2019July 24, 2019 by कौशल किशोरJuly 24, 2019July 24, 201902480 ( जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कवि और आलोचक राजेन्द्र कुमार (24/7/1943) आज 76 साल के हो गए. एक शिक्षक, कवि, आलोचक और एक ...
कविता नयी धुन और नया गीत रचती हैं उषा राय की कविताएँसमकालीन जनमतMarch 17, 2019March 17, 2019 by समकालीन जनमतMarch 17, 2019March 17, 20195 3558 कविताओं में सब कविताएँ नहीं होतीं। जिसे हम कविता कहते हैं, वह भी समूची कविता नहीं होती। कविता किसी शब्द संरचना के भीतर खुद को...
ख़बरसाहित्य-संस्कृति अनामिका को दिया गया रेवांत मुक्तिबोध सम्मानसमकालीन जनमतJanuary 31, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 31, 201902676 (स्त्री संघर्ष पुरुषों के विरुद्ध नहीं विपरीत विचारधारा के खिलाफ है।) रोली शंकर ‘उन्होंने चिट्ठी मरोड़ी/और मुझे कोंच दिया काल-कोठरी में/अपनी कलम से मैं लगातार/खोद रही...
कविता प्रतिरोध को बयां करती है कवि कौशल किशोर की “नयी शुरुआत”समकालीन जनमतDecember 2, 2018December 4, 2018 by समकालीन जनमतDecember 2, 2018December 4, 201813750 आशीष मिश्र जब हम जवानी के दौर में परवाज़ भर रहे होते हैं तो उस वक्त देश और समाज को लेकर उसके भीतर मौजूद तमाम हलचलों...
स्मृति महाद्वीप के अवाम की एकता की आवाज थीं फहमीदा रियाजसमकालीन जनमतNovember 24, 2018 by समकालीन जनमतNovember 24, 20185 2754 लखनऊ, 24 नवम्बर। ‘ स्मरण फहमीदा रियाज ’ में लखनऊ के साहित्यकारों व संस्कृतिकर्मियों ने फहमीदा को याद किया तथा उनके साथ बिताए दिनों को...
कविता ‘ आज की कविताएं आत्मचेतस व्यक्ति की प्रतिक्रिया है ’समकालीन जनमतAugust 29, 2018 by समकालीन जनमतAugust 29, 201802810 अनिमेष फाउंडेशन लखनऊ की ओर से फ्लाइंग ऑफिसर अनिमेष श्रीवास्तव की स्मृति में ‘आज की कविता के स्वर’ एवम कविता पाठ का आयोजन किया गया....
कविता कौशल किशोर का कविता संग्रह ‘ नयी शुरुआत ‘ : ‘ स्वप्न अभी अधूरा है ‘ को पूरा करने के संकल्प के साथसमकालीन जनमतAugust 9, 2018 by समकालीन जनमतAugust 9, 201803434 शैलेन्द्र शांत “नयी शुरुआत’ साठ पार कवि कौशल किशोर की कविता की दूसरी किताब है । सांस्कृतिक , सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में...
जनमत स्वामी अग्निवेश पर हमले के विरोध में लखनऊ, रांची, गोरखपुर में विरोध प्रदर्शनसमकालीन जनमतJuly 21, 2018July 21, 2018 by समकालीन जनमतJuly 21, 2018July 21, 201802448 जन आंदोलनों के सम्मानित नेता स्वामी अग्निवेश पर झारखण्ड में हुए प्राणघातक हमले का जगह-जगह प्रतिरोध हो रहा है. विभिन्न संगठनों ने लखनऊ, रांची और...
जनमत नफरत के खिलाफ अदब का प्रोटेस्ट है ‘मै मुहाजिर नहीं हूं ’ – शारिब रुदौलवीसमकालीन जनमतJune 10, 2018June 10, 2018 by समकालीन जनमतJune 10, 2018June 10, 201802613 कथाकार-उपन्यासकार बादशाह हुसैन रिजवी के उपन्यास ‘मै मुहाजिर नहीं हूं’ के उर्दू संस्करण का 9 जून को यूपी प्रेस क्लब में विमोचन हुआ. इस उपन्यास...
साहित्य-संस्कृति इप्टा के 75 साल , पूरे साल चलेंगे आयोजनसमकालीन जनमतMay 26, 2018May 26, 2018 by समकालीन जनमतMay 26, 2018May 26, 201803210 भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) लखनऊ ने इप्टा के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्थापना दिवस जनगीतों एवं नाटक ‘हवालात’ की प्रस्तुति के...
तस्वीरनामा सत्ता का प्रतिपक्ष रचती हैं कौशल किशोर की कविताएंसमकालीन जनमतMay 8, 2018May 8, 2018 by समकालीन जनमतMay 8, 2018May 8, 20182 2328 ‘वह औरत नहीं महानद थी’ तथा ‘प्रतिरोध की संस्कृति’ का हुआ विमोचन लखनऊ. ‘हंसो, इसलिए कि रो नहीं सकते इस देश में/हंसो, खिलखिलाकर/अपनी पूरी...
ख़बर लूट और झूठ की व्यवस्था है पूंजीवाद : कौशल किशोरसमकालीन जनमतFebruary 24, 2018February 24, 2018 by समकालीन जनमतFebruary 24, 2018February 24, 201813165 निर्माण मजदूर यूनियन (असंगठित क्षेत्र) लखनऊ का 20 वां जिला सम्मेलन सम्पन्न लखनऊ, 23 फरवरी। पूंजीवाद लूट और झूठ की व्यवस्था है . इस निज़ाम को...
कवितासाहित्य-संस्कृति जनपक्षधरता से लैस हैं कौशल किशोर की कविताएंसमकालीन जनमतFebruary 20, 2018February 26, 2018 by समकालीन जनमतFebruary 20, 2018February 26, 201812630 लखनऊ में वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी कौशल किशोर का एकल काव्य पाठ और परिचर्चा का आयोजन संदीप कुमार सिंह नागरिक परिषद्, लखनऊ द्वारा इंडियन...
कवितासाहित्य-संस्कृति ‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 20206 2962 तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...