समकालीन जनमत

Tag : तश्ना आलमी

साहित्य-संस्कृति

तश्ना आलमी की शायरी में श्रम का सौंदर्य – कौशल किशोर

तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में हुआ कार्यक्रम लखनऊ। तश्ना आलमी की शायरी प्रेम, संघर्ष व श्रम से मिलकर बनी है। इसमें श्रम का...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’

समकालीन जनमत
तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...
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