साहित्य-संस्कृति तश्ना आलमी की शायरी में श्रम का सौंदर्य – कौशल किशोरसमकालीन जनमतSeptember 19, 2019 by समकालीन जनमतSeptember 19, 201902956 तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में हुआ कार्यक्रम लखनऊ। तश्ना आलमी की शायरी प्रेम, संघर्ष व श्रम से मिलकर बनी है। इसमें श्रम का...
कवितासाहित्य-संस्कृति ‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 3, 2018May 31, 20206 2948 तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...