कविता जा रहे हैं हमसमकालीन जनमतMarch 31, 2020March 31, 2020 by समकालीन जनमतMarch 31, 2020March 31, 20200983 कविता: संजय कुंदन आवाज़: दिलीप गुप्ता वीडियो: अजित अंजुम...
कविता अपने ढंग से जीने के हौसले का कवि राजेश कमलसमकालीन जनमतMarch 29, 2020April 2, 2020 by समकालीन जनमतMarch 29, 2020April 2, 202004027 सुधीर सुमन राजेश कमल लगभग ढाई दशक से अधिक समय से कविताएं लिख रहे हैं, लेकिन कविता पाठ और प्रकाशन से आम तौर पर बचते...
कवितासाहित्य-संस्कृति स्त्री की व्यथा और सामर्थ्य के कवि विवेक चतुर्वेदीसमकालीन जनमतMarch 22, 2020March 27, 2020 by समकालीन जनमतMarch 22, 2020March 27, 202003846 जसवीर त्यागी विवेक चतुर्वेदी समकालीन हिन्दी कविता के एक बेहतरीन कवि हैं। उनकी बड़ी खूबी यह है कि उनके स्वभाव और उनकी कविता में उतावलापन...
कविता दौरे हाजि़र पर एक गहरी नज़र हैं ग़ज़ाला की ग़ज़लेंसमकालीन जनमतMarch 8, 2020March 27, 2020 by समकालीन जनमतMarch 8, 2020March 27, 20202 4254 नवनीत शर्मा ग़ज़ाला की ग़ज़लों में सबके अहसास अपनी लिखी कहानी को ही जी रही हूँ अब इक जैसा ही तो है मेरा किरदार ,और...
कविताजनमत विनय कुमार की कविताएँ ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से संवलित हैंसमकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 20204 2218 कुमार मुकुल यक्षिणी की भूमिका में विनय लिखते हैं – ‘…अतीत का बोध मुझे न तो गौरवान्वित करता है, न दुखी और न ही असहाय;...
कविताजनमत ‘रंजना के नवगीत और ग़ज़लें सृजन की धरती पर एक विराट संवेदना बो रहे हैं’समकालीन जनमतFebruary 23, 2020February 23, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 23, 2020February 23, 202002194 कल्पना मनोरमा वर्तमान के खुरदरे जीवन व्यापारों के यथार्थ से जूझती एक अकेली स्त्री का गरिमा पूर्ण आत्म परिचय इन पंक्तियों से बेहतर क्या होगा? ...
कविताजनमत नवनीत की ग़ज़लें यथास्थितिवाद का प्रतिकार हैंसमकालीन जनमतFebruary 16, 2020February 16, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 16, 2020February 16, 20206 4299 प्रभात मिलिंद मेरी नज़र में एक ग़ज़लगो होना और एक शायर होना दो मुख़्तलिफ़ इल्म हैं. ग़ज़लगोई एक हुनर (स्किल) है और शायरी एक तेवर...
कविताजनमत मौन में जीवन की साधना करता कवि जगतारजीत सिंहसमकालीन जनमतFebruary 9, 2020February 9, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 9, 2020February 9, 202002791 संजीव कौशल जिस तरह पेड़ साल भर सारे मौसम सोखकर अगले साल फूल और फल देता है, कविता भी उसी तरह न जाने कितना जीवन...
कविताजनमत सुषमा की कविताएँ प्रेम के विविध शेड्स को उभारती हैंसमकालीन जनमतFebruary 2, 2020February 2, 2020 by समकालीन जनमतFebruary 2, 2020February 2, 202003570 रत्नेश विश्वकसेन सुषमा गुप्ता की कविताएँ जिन्हें वह क्षणिकाएँ कहती हैं अनुभूतियों की कौंध है जिसे ठीक ठीक पकड़ कर अभिव्यक्त करने में सुषमा सफल...
कविताजनमत देव नाथ द्विवेदी की गज़लें जीवन के यथार्थ से जुड़ने की आग्रही हैंसमकालीन जनमतJanuary 26, 2020January 26, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 26, 2020January 26, 202002219 कौशल किशोर देव नाथ द्विवेदी की शायरी रंग, नस्ल, स्थान, जाति के अधार पर मनुष्यता को खण्डित करने के चल रहे कुचक्र के बरक्स...
कविताजनमत आरती की कविताएँ सवालों को बुनती हुई स्त्री का चित्र हैंसमकालीन जनमतJanuary 19, 2020January 19, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 19, 2020January 19, 202003869 संजीव कौशल समाज तमाम तरह की राजनीतिक गतिविधियों का रणक्षेत्र है। यहां कोई न कोई अपनी राजनीतिक चाल चलता रहता है। ऐसे में कवि की...
कविताजनमत अपूर्णता से उपजे तनाव की कवयित्री हैं ज्योति शोभासमकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 202004416 आशीष मिश्र छुपने के लिए साँस भर जगह.. ज्योति शोभा की कविताओं में उतरने के लिए धैर्य अपेक्षित है। थोड़ी सी भी हड़बड़ी इसके सौंदर्य...
कविताजनमत समय के छद्म को उसकी बहुस्तरियता में उद्घाटित करतीं कल्पना मनोरमासमकालीन जनमतJanuary 5, 2020January 5, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 5, 2020January 5, 202003440 कुमार मुकुल लालसा सन्यास के पद गुनगुनाये चाटुकारी जब रचे उपसर्ग प्रत्यय तुष्ट होकर अहम सजधज मुस्कुराये। वर्तमान समय की राजनीतिक उलटबांसी और उससे पैदा...
कविताजनमत स्त्री और प्रकृति की नूतन अस्तित्वमानता को स्वर देतीं ऋतु मेहरा की कविताएँसमकालीन जनमतDecember 29, 2019December 29, 2019 by समकालीन जनमतDecember 29, 2019December 29, 20192 3157 कुमार मुकुल ऋतु मेहरा की कविताएँ आपाधापी भरे जीवन और प्रकृति के विस्तृत वितान के मध्य एक तालमेल बिठाने का प्रयास करती कविताएं हैं।...
कविताजनमत भगवान स्वरूप कटियार की कविताएँ : जीवन को बचाने के लिए ज़रूरी है प्रेमसमकालीन जनमतDecember 15, 2019December 15, 2019 by समकालीन जनमतDecember 15, 2019December 15, 201902237 कौशल किशोर ‘आज हम सब/हो गए हैं/अपनी-अपनी सरहदों में जी रहे हैं छोटे-छोटे उपनिवेश और एक-दूसरे के लिए/पैदा कर रहे हैं भय, आतंक, दहशत/और गुलामी...
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति बरेली में वीरेन डंगवाल के स्मारक का लोकार्पणसमकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 201902543 साहित्य अकादेमी सम्मान से पुरस्कृत विख्यात हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल की स्मृति में बरेली में एक स्मारक का लोकार्पण आज किया गया. हिन्दी के जाने-माने...
कविताजनमत सुघोष मिश्र की कविता वर्तमान की जटिलताओं से उपजे द्वंद्व की अभिव्यक्ति हैसमकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 20192 3261 आलोक रंजन सुघोष मिश्र की कविताओं को पढ़कर लगा कि उनकी कविताओं से परिचय कराना सरल कार्य नहीं है । इसके पीछे का एक सीधा...
कविताजनमत भाषा के अनोखे बर्ताव के साथ कविता के मोर्चे पर चाक चौबंद कवि कुमार विजय गुप्तसमकालीन जनमतDecember 1, 2019December 1, 2019 by समकालीन जनमतDecember 1, 2019December 1, 201913295 नवनीत शर्मा इस कवि के यहां अनाज की बोरियों का दर्द के मारे फटा करेजा नुमायां होता है…। यह उन शब्दों की तलाश में है...
कविताजनमत बबली गुज्जर की कविताएँ ‘औरत के मन की राह’ को एसर्ट करती हैंसमकालीन जनमतNovember 24, 2019November 24, 2019 by समकालीन जनमतNovember 24, 2019November 24, 20193 4520 अमरेंद्रनाथ त्रिपाठी प्रेम इन कविताओं में आवर्ती विषयवस्तु की तरह है। इसी के जरिये रचनाकार अन्य जरूरी संवेदनात्मक पक्षों पर भी मुखर हुआ है। एक...
कविता अर्पिता राठौर की कविताएँ लघुता की महत्ता की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतNovember 17, 2019November 20, 2019 by समकालीन जनमतNovember 17, 2019November 20, 20193 4625 साक्षी सिंह अर्पिता की कलम एकदम नई है और ख़ुद को अभिव्यक्त करने की बेचैनी से ज़्यादा जो अभिव्यक्त है उसके हर सम्भव आयाम को...