समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

कवितासाहित्य-संस्कृति

अकबर अलाहाबादी बनाम मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम

समकालीन जनमत
  मेंहदी हुसैन तन्ज़, मज़ाह और ज़राफत की शायरी का मैदान कोई आसान मैदान नहीं है। इस मैदान में सिर्फ एक साहबे नज़र, साहबे मुशाहेदा,...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘जश्ने फैज़’ ने अभियान का रूप लिया, आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, दरभंगा में हो रहा है आयोजन

समकालीन जनमत
आगरा में 13 फरवरी को होने जा रहा ‘जश्ने फैज़’ का आयोजन ऐतिहासिक रूप लेने जा रहा है. किसी एक लेखक या रचनाकार को लेकर...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

गाजीपुर में कला प्रदर्शनी में 100 चित्रकारों के चित्र, मूर्ति शिल्प, स्टालेशन आर्ट का प्रदर्शन

समकालीन जनमत
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आज सम्भावना कला मंच और महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में महिला महाविद्यालय के सभागार में उद‍्भव शीर्षक दो दिवसीय...
कविता

लोक गीतों में चौरी चौरा विद्रोह -‘ माई रहबू ना गुलाम, न बहइबू अंसुआ ’

समकालीन जनमत
( ये लोकगीत कथाकार -लेखक सुभाष कुश्वाहा की पुस्तक  ‘चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन ’ से लिए गए हैं )   दोहा गोरखपुर में...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’

समकालीन जनमत
तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...
साहित्य-संस्कृति

जयपुर में जन साहित्य पर्व

हिमांशु पंड्या
बीती 24 और 25 जनवरी को राजस्थान यूनिवर्सिटी के कैंपस के अंदर थोड़ी छिपी जगह यानि शिक्षक संघ के हाल देरा श्री भवन के लान...
कवितासाहित्य-संस्कृति

युग की नब्ज़ धरने वाली गोरख की कविता मुक्ति स्वप्न की कविता है- अवधेश

समकालीन जनमत
इलाहाबाद में गोरख स्मृति दिवस  इलाहाबाद, 29 जनवरी. परिवेश और जन संस्कृति मंच की ओर से 29 जनवरी को इलाहाबाद छात्र संघ भवन में जनकवि गोरख पांडेय की पुण्यतिथि के मौक़े पर ‘ गोरख स्मृति दिवस ’ का आयोजन हुआ। आयोजन दो सत्रों में बँटा हुआ था। पहला...
कवितानाटकसाहित्य-संस्कृति

‘हमारे वतन की नयी ज़िन्दगी हो’

समकालीन जनमत
कोरस ने पटना में ‘एक शाम गोरख के नाम’ अयोजित किया पटना , 28 जनवरी. कोरस द्वारा जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति दिवस के पूर्व...
साहित्य-संस्कृति

कविता शब्दों की इंजीनियरिंग है: प्रो. तरुण कुमार

सुधीर सुमन
गोरख पांडेय स्मृति आयोजन के दूसरे दिन प्रो. संतोष कुमार के कविता संग्रह ‘ढिबरी’ का लोकार्पण और बातचीत पटना, 29 जनवरी. हिरावल द्वारा आयोजित दो...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गोरख के गीतों के साथ देश-दुनिया और समाज को बेहतर बनाया जा सकता है: अरुण कमल

सुधीर सुमन
क्रांतिकारी जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में हिरावल ने किया आयोजन गोरख के हिंदी-भोजपुरी के जनगीतों और गजलों का गायन हुआ पटना: 28 जनवरी. ‘गोरख...
Fearlessly expressing peoples opinion