समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

कवितासाहित्य-संस्कृति

जनपक्षधरता से लैस हैं कौशल किशोर की कविताएं

समकालीन जनमत
  लखनऊ में वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी कौशल किशोर का एकल काव्य पाठ और परिचर्चा का आयोजन संदीप कुमार सिंह नागरिक परिषद्, लखनऊ द्वारा इंडियन...
कवितासाहित्य-संस्कृति

फ़ैज़ की पूरी शायरी लोकतांत्रिक भावनाओं की मिसाल है : प्रणय कृष्ण

समकालीन जनमत
  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जसम द्वारा ‘जश्न-ए-फ़ैज़ ‘का आयोजन  अम्बरीन आफ़ताब अलीगढ (उत्तर प्रदेश) . जन संस्कृति मंच की अलीगढ़ इकाई ने 14 फरवरी...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

अपनी कथाओं में बाहरी दर्शक नहीं, खुद भी सम्मिलित हैं अमरकांत : प्रो राजेन्द्र कुमार

विष्णु प्रभाकर
कथाकार अमरकान्त की स्मृति में सेंट जोसेफ़ में कार्यक्रम इलाहाबाद,  17 फरवरी. आज सेंट जोसेफ़ स्कूल के होगेन हॉल में जसम, जलेस, प्रलेस, परिवेश और...
साहित्य-संस्कृति

उन श्रोताओं के लिए जिन्होंने अपने रेडियो सेट देर से खोले हों

समकालीन जनमत
अनुराग शुक्ला वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे जो इश्क़ को काम समझते थे या काम से आशिकी करते थे हम जीते जी मसरूफ रहे कुछ...
साहित्य-संस्कृति

अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह एक तरह से राजनीतिक वक्तव्य होते हैं- योगेंद्र आहूजा

समकालीन जनमत
विजय नगर साहित्यिक सोसायटी के उद्घाटन कार्यक्रम में अंतर्जातीय और अन्तरधार्मिक विवाह किये जोड़ों को सम्मानित किया गया नई दिल्ली. 11 फरवरी को विजय नगर...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ प्रेमकथा एहि भाँति बिचारहु ’

समकालीन जनमत
  (संत वैलेन्टाइन की तरह प्रेम के पक्षधर मगर कई मामलों में उनसे भिन्न संत रविदास थे। उनकी  रचना जगत में प्रेम एक विराट भाव...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

तमाम सीमाओं को तोड़ती वरुण मौर्य की कलाकृति

राकेश कुमार दिवाकर 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में नयी- नयी तकनीकी अनुसंधान और विकास ने कला के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन किया। 21...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गंगा-जमुनी तहजीब और आज़ादी के पक्ष में है संजय कुमार कुंदन की शायरी : प्रो. इम्तयाज़ अहमद

समकालीन जनमत
  शायर संजय कुमार कुंदन के संग्रह ‘भले, तुम नाराज हो जाओ’ पर बातचीत   पटना. ‘‘हटा के रोटियां बातें परोस देता है/ इस सफ़ाई...
चित्रकला

गाजीपुर में कला प्रदर्शनी के 11 चित्र

समकालीन जनमत
  उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सम्भावना कला मंच और महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 4 और 5 फरवरी को कला प्रदर्शनी उद‍्भव का...
कवितासाहित्य-संस्कृति

अकबर अलाहाबादी बनाम मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम

समकालीन जनमत
  मेंहदी हुसैन तन्ज़, मज़ाह और ज़राफत की शायरी का मैदान कोई आसान मैदान नहीं है। इस मैदान में सिर्फ एक साहबे नज़र, साहबे मुशाहेदा,...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘जश्ने फैज़’ ने अभियान का रूप लिया, आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, दरभंगा में हो रहा है आयोजन

समकालीन जनमत
आगरा में 13 फरवरी को होने जा रहा ‘जश्ने फैज़’ का आयोजन ऐतिहासिक रूप लेने जा रहा है. किसी एक लेखक या रचनाकार को लेकर...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

गाजीपुर में कला प्रदर्शनी में 100 चित्रकारों के चित्र, मूर्ति शिल्प, स्टालेशन आर्ट का प्रदर्शन

समकालीन जनमत
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आज सम्भावना कला मंच और महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में महिला महाविद्यालय के सभागार में उद‍्भव शीर्षक दो दिवसीय...
कविता

लोक गीतों में चौरी चौरा विद्रोह -‘ माई रहबू ना गुलाम, न बहइबू अंसुआ ’

समकालीन जनमत
( ये लोकगीत कथाकार -लेखक सुभाष कुश्वाहा की पुस्तक  ‘चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन ’ से लिए गए हैं )   दोहा गोरखपुर में...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’

समकालीन जनमत
तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...
साहित्य-संस्कृति

जयपुर में जन साहित्य पर्व

हिमांशु पंड्या
बीती 24 और 25 जनवरी को राजस्थान यूनिवर्सिटी के कैंपस के अंदर थोड़ी छिपी जगह यानि शिक्षक संघ के हाल देरा श्री भवन के लान...
कवितासाहित्य-संस्कृति

युग की नब्ज़ धरने वाली गोरख की कविता मुक्ति स्वप्न की कविता है- अवधेश

समकालीन जनमत
इलाहाबाद में गोरख स्मृति दिवस  इलाहाबाद, 29 जनवरी. परिवेश और जन संस्कृति मंच की ओर से 29 जनवरी को इलाहाबाद छात्र संघ भवन में जनकवि गोरख पांडेय की पुण्यतिथि के मौक़े पर ‘ गोरख स्मृति दिवस ’ का आयोजन हुआ। आयोजन दो सत्रों में बँटा हुआ था। पहला...
कवितानाटकसाहित्य-संस्कृति

‘हमारे वतन की नयी ज़िन्दगी हो’

समकालीन जनमत
कोरस ने पटना में ‘एक शाम गोरख के नाम’ अयोजित किया पटना , 28 जनवरी. कोरस द्वारा जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति दिवस के पूर्व...
साहित्य-संस्कृति

कविता शब्दों की इंजीनियरिंग है: प्रो. तरुण कुमार

सुधीर सुमन
गोरख पांडेय स्मृति आयोजन के दूसरे दिन प्रो. संतोष कुमार के कविता संग्रह ‘ढिबरी’ का लोकार्पण और बातचीत पटना, 29 जनवरी. हिरावल द्वारा आयोजित दो...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गोरख के गीतों के साथ देश-दुनिया और समाज को बेहतर बनाया जा सकता है: अरुण कमल

सुधीर सुमन
क्रांतिकारी जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में हिरावल ने किया आयोजन गोरख के हिंदी-भोजपुरी के जनगीतों और गजलों का गायन हुआ पटना: 28 जनवरी. ‘गोरख...
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