समकालीन जनमत

Month : January 2023

ज़ेर-ए-बहस

हमारा समय और उसकी चुनौतियां

गोपाल प्रधान
समय एक प्रवाहमान धारा है फिर भी उसके अलग अलग खंड किये जाते हैं ताकि उसे पहचाना जा सके। इसके लिए उसकी विशेषता को लक्षित...
साहित्य-संस्कृति

प्रतिरोध के बिना कोई कविता समकालीन नहीं हो सकती : डॉ. राकेश शर्मा

सातवें गोरख स्मृति आयोजन में कविताओं और गीतों का पाठ पटना। ‘‘जो कविता सत्ता और व्यवस्था से तथा अंधेरे से समझौता करके चलती है, वह प्रतिरोध...
साहित्य-संस्कृति

संगम नगरी में ‘ सिरजन ’

समकालीन जनमत
माही  बच्चों के समाजीकरण में तमाम संगठनों, संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यूं तो ये जिम्मा स्कूल नामक शैक्षणिक संस्थाओं का सबसे अधिक माना...
ख़बर

आउट सोर्सिंग व ठेका प्रथा खत्म करने के लिए संगठित आंदोलन की जरूरत -विजय विद्रोही

 प्रयागराज। सफाई मजदूर एकता मंच संबद्ध ऐक्टू का जिला सम्मेलन बारूद खाना तेलियरगंज में 29 जनवरी को आयोजित किया गया। सम्मेलन को मुख्य वक्ता के...
साहित्य-संस्कृति

“ मन के बाग में आजादी के फूलों के कवि हैं गोरख पाण्डेय ”

समकालीन जनमत
गिरिडीह (झारखंड)। जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में 29 जनवरी को रमा कॉम्प्लेक्स, मकतपुर, गिरिडीह के स्मार्ट ड्रीम एकेडमी में काव्यपाठ सह परिचर्चा का आयोजन...
स्मृति

गोरख स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर हैदराबाद विश्वविद्यालय में कार्यक्रम

समकालीन जनमत
कल 28 जनवरी गोरख स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर हैदराबाद विश्वविद्यालय में गोरख को उनकी कविताओं एवं गीतों के माध्यम से याद किया गया।...
कविता

रमेश ऋतंभर की कविताओं में सामूहिकता की भावना शिद्दत से अभिव्यक्त होती है

समकालीन जनमत
पंकज चौधरी समकालीन हिन्दी कविता में दो तरह की कविताएँ अधिक प्रामाणिक और विश्वसनीय कही जा सकती हैं। एक तो वे कविताएँ, जिन्हें लिखने वाले...
स्मृति

फूल और उम्मीद के कवि हैं गोरख पाण्डेय

कौशल किशोर
29 जनवरी गोरख पांडेय का स्मृति दिवस है। यह उनकी 34 वीं पुण्यतिथि है। उनका जन्म 1945 (पंडित के मुंडेरवा, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश) में...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

जोशीमठ संकट : नदियों, पहाड़ों और उसकी गोद में बसे मनुष्यों की पुकार की अनदेखी का नतीजा

के के पांडेय
कोई ढूंढता है रहे 'आपदा में अवसर' लेकिन जोशीमठ के नागरिक इस आपदा में भी हमें नदियों- पहाड़ों- वनस्पतियों के साथ, पशु- पक्षियों के साथ...
ख़बर

बकाए वेतन भुगतान और परमानेंट की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन ने प्रदर्शन किया

समकालीन जनमत
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन संबद्ध ऐक्टू ने वर्ष 2001 की अवशेष राशि के साथ इस वर्ष 2022 की अब तक की आशा व आशा...
जनमत

ब्राजील में लूला की जीत के मायने

जयप्रकाश नारायण  लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े मुल्क ब्राजील में एक जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में लूला डिसिल्वा ने शपथ ली। उनकी विजय  सैन्य...
ज़ेर-ए-बहस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हिन्दूवादी दुष्प्रचार

जयप्रकाश नारायण बात 1984 के सितंबर की है। इंडियन पीपुल्स फ्रंट का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन कोलकाता में होना तय हुआ था। सम्मेलन की तैयारी चल...
साहित्य-संस्कृति

“ सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फ़ौज ”  पुस्तक का लोकार्पण

समकालीन जनमत
दिल्ली। आईटीओ स्थित सुरजीत भवन सभागार में 23 जनवरी की शाम सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अशोक तिवारी...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

संकट में जोशीमठ

इन्द्रेश मैखुरी
आधा महीना से अधिक बीत चुका, जबकि जोशीमठ का संकट पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. देश दुनिया के पत्रकारों का जमावड़ा...
कविता

श्याम अविनाश की कविता: अदृश्य से जन्मता है दृश्य

समकालीन जनमत
आनंद बहादुर   …दूर नीम का एक पेड़ भींग रहा है या नहीं दूर से दिखता नहीं है किसी का भींगना… मांदल की आवाज के...
स्मृति

रामकृष्ण का पूरा जीवन न्याय, समानता और मानवीय गरिमा के लिये संघर्षों को समर्पित था

समकालीन जनमत
लखनऊ। नागरिक परिषद व राज-समाज के संयुक्त तत्वावधान में प्रसिद्ध सोशल एक्टिविस्ट रामकृष्ण की स्मृति में श्रध्दांजलि सभा का आयोजन 21 जनवरी को मवैया पार्क,...
साहित्य-संस्कृति

‘ शैक्षिक दखल ’ का ‘मेरे जीवन में पुस्तकालय ’ : पुस्तकालयों से आत्मीय संवाद

समकालीन जनमत
पवन चौहान ‘शैक्षिक दखल’-उस पत्रिका का नाम है जो शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर बहुत ही सुंदर तरीके के साथ बेबाकी से बात करती है।...
कविता

दीपेश कुमार की कविताएँ सामाजिक विषमताओं की थाह लेती हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी युवा कवि दिपेश कुमार की कलम अभी नई है इन्होंने अपनी इन चारों कविताओं में भारतीय समाज के उस हिस्से को केंद्र बनाया...
कविता

अरुण आदित्य वक्र उक्ति के सहज कवि हैं

समकालीन जनमत
बोधिसत्व कवि अरुण आदित्य की कविता हिंदी में कहाँ उपस्थित है इस बात का आकलन इन पंद्रह कविताओं से नहीं किया जा सकता। वे स्थापित...
जनमत

शीतयुद्ध की वापसी

गोपाल प्रधान
हाल में ही खबर आयी कि इंडोनेशिया में मार्क्सवाद को गैरकानूनी बना दिया गया है। सरकार के इस कदम के विरोध में वाम प्रकाशकों ने...
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