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आउट सोर्सिंग व ठेका प्रथा खत्म करने के लिए संगठित आंदोलन की जरूरत -विजय विद्रोही

 प्रयागराज। सफाई मजदूर एकता मंच संबद्ध ऐक्टू का जिला सम्मेलन बारूद खाना तेलियरगंज में 29 जनवरी को आयोजित किया गया। सम्मेलन को मुख्य वक्ता के बतौर कामरेड विजय विद्रोही ने संबोधित करते हुए कहा कि समान काम का समान वेतन के अधिकार के तहत सभी सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 26000 की गारंटी की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में ऐक्टू से जुड़ी यूनियन के संगठित संघर्ष से आउट सोर्सिंग व ठेका प्रथा खत्म कर सभी को परमानेंट नौकरी की लड़ाई जीत ली गई। यहां भी आउट सोर्सिंग व ठेका प्रथा खत्म करने के लिए संगठित आंदोलन को तेज करके लड़ाई जीती जा सकती है।

ऐक्टू के राज्य सचिव अनिल वर्मा ने कहा कि 2019 कुंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिन सफाई कर्मचारियों का पैर धोकर खूब प्रचारित किया गया और चुनाव में उसका लाभ लिया गया, उनको भी कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन मांगने पर 12 सफाई कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि सफाई का काम परमानेंट काम है लिहाजा सफाई कर्मचारियों को परमानेंट किया जाना जरूरी है।

सम्मेलन के दूसरे सत्र में सचिव संतोष कुमार ने कामकाज की रिपोर्ट पढ़ी और 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। कार्यकारिणी द्वारा रामसिया (अध्यक्ष), प्रेमचंद, वीरेंद्र रावत,अक्षय कुमार (उपाध्यक्ष), संतोष कुमार (सचिव), रूपा देवी, अशोक कुमार (सहसचिव), अनिल बाल्मिकी (कोषाध्यक्ष ) चुने गए।

सम्मेलन को इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, रामसिया, वीरेंद्र रावत, रूपा देवी, अक्षय कुमार, प्रेमचंद, अर्जुन लाल ने संबोधित किया।

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