कविता देवव्रत डंगवाल की कविताएँ प्रतिरोध और उम्मीद की खोज हैंसमकालीन जनमतMay 21, 2023May 21, 2023 by समकालीन जनमतMay 21, 2023May 21, 2023063 विपिन चौधरी युवावस्था मनुष्य के जीवन की सबसे बेचैन अवस्था है. इसी दौर में भी प्रतिरोध के स्वर अधिक तेज़ होने लगते हैं और नकार...
कविता दीपेश कुमार की कविताएँ सामाजिक विषमताओं की थाह लेती हैंसमकालीन जनमतJanuary 15, 2023January 15, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 15, 2023January 15, 20230112 विपिन चौधरी युवा कवि दिपेश कुमार की कलम अभी नई है इन्होंने अपनी इन चारों कविताओं में भारतीय समाज के उस हिस्से को केंद्र बनाया...
कविता आयुष पाण्डेय की कविताएँ मनुष्यता की बेहद सरल सतह पर जीती हैंसमकालीन जनमतSeptember 11, 2022September 11, 2022 by समकालीन जनमतSeptember 11, 2022September 11, 2022066 संध्या नवोदिता ये ताज़गी भरी कविताएँ हैं. प्रेम में गले गले तक डूबी. विछोह में साँस रोकती. हज़ार तरह के सवाल पूछती. दुनिया के बुनियादी...
कविता शुभम नेगी की कविताएँ इंद्रधनुषी चेतना का प्रसार एवं मनुष्यता की फिसलन की चिंता हैंसमकालीन जनमतJuly 24, 2022July 24, 2022 by समकालीन जनमतJuly 24, 2022July 24, 2022064 देवेश पथ सारिया युवा कवि शुभम नेगी की कलम नई है, शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के लिए कुछ सकारात्मक रचना चाहते हैं।...
कविता हमारी दुनिया की परतें उघाड़ती हैं अविनाश की कविताएँ समकालीन जनमतFebruary 28, 2021February 28, 2021 by समकालीन जनमतFebruary 28, 2021February 28, 202101771 अंचित कविता का एक काम यह है कि वह हमारे भीतर के तनावों को, हमारी निराशाओं को जगह दे, वह सब कहने का माध्यम बने...
कविता सुधाकर रवि की कविता अपने समय से जुड़ने की एक ईमानदार कोशिश हैसमकालीन जनमतFebruary 7, 2021February 7, 2021 by समकालीन जनमतFebruary 7, 2021February 7, 202102341 अंचित अच्छी कविताओं की निर्मिति में तीन चीज़ें लगती हैं – विचारधारा, भाषा, और जीवन दृष्टि. अच्छी कविताएँ हमेशा वैसी होती हैं, जिनसे अपना दुःख,...
कविता प्रदीपिका की कविताएँ मानवीय आकांक्षाओं की तरफ़ खुली हुई खिड़कियाँ हैंसमकालीन जनमतJanuary 10, 2021January 10, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 10, 2021January 10, 202101841 सिद्धार्थ गिगू प्रदीपिका की कविताएँ किसी एक सांचे-ढांचे में नहीं बंधती. दूसरे शब्दों में कहें तो यहां उनकी भावनाओं में पर्याप्त विविधता और उतना ही...
कविता रोज़ी कामेई की कविताएँ सभ्यता को स्त्री की नज़र से देखने का प्रस्ताव हैंसमकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 202102330 बसंत त्रिपाठी रोज़ी की कविताओं का संसार एक स्त्री की असंख्य उलझनों, सपनों और उम्मीदों में डूबते-उतराते निर्मित हुआ है. प्रेम इन कविताओं के केन्द्र...
कविता हर्ष की कविताएँ रचनात्मक आश्वस्ति देती हैंसमकालीन जनमतNovember 22, 2020November 27, 2020 by समकालीन जनमतNovember 22, 2020November 27, 202002319 हर्ष अपनी कविताओं के जरिए एक रचनात्मक आश्वस्ति देते हैं बेहतर भविष्य को बुनने का. उनका दखल केवल विषयों के सटीक चयन तक ही नहीं...
कविता जोराम यालाम नाबाम की कविताएँ जीवन की आदिम सुंदरता में शामिल होने का आमंत्रण हैंसमकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 2020 by समकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 202002984 बसन्त त्रिपाठी जोराम यालाम नाबाम की कविताओं में आतंक, भय, राजनीतिक दाँव-पेंच, खून-खराबे से त्रस्त जीवन को आदिम प्रकृति की ओर आने का आत्मीय आमंत्रण...
कविता गौरव भारती की कविताएँ अपने समय और सियासत की जटिलताओं की शिनाख़्त हैंसमकालीन जनमतAugust 9, 2020August 9, 2020 by समकालीन जनमतAugust 9, 2020August 9, 202003320 निशांत कोई कवि या कविता तब हमारा ध्यान खींचती है, जब वो हमारे भीतर के तारों को धीरे से छू दे । हमारे भावलोक में...
कविताजनमत स्त्री और प्रकृति की नूतन अस्तित्वमानता को स्वर देतीं ऋतु मेहरा की कविताएँसमकालीन जनमतDecember 29, 2019December 29, 2019 by समकालीन जनमतDecember 29, 2019December 29, 20192 3152 कुमार मुकुल ऋतु मेहरा की कविताएँ आपाधापी भरे जीवन और प्रकृति के विस्तृत वितान के मध्य एक तालमेल बिठाने का प्रयास करती कविताएं हैं।...
कविताजनमत बबली गुज्जर की कविताएँ ‘औरत के मन की राह’ को एसर्ट करती हैंसमकालीन जनमतNovember 24, 2019November 24, 2019 by समकालीन जनमतNovember 24, 2019November 24, 20193 4518 अमरेंद्रनाथ त्रिपाठी प्रेम इन कविताओं में आवर्ती विषयवस्तु की तरह है। इसी के जरिये रचनाकार अन्य जरूरी संवेदनात्मक पक्षों पर भी मुखर हुआ है। एक...
कविता अर्पिता राठौर की कविताएँ लघुता की महत्ता की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतNovember 17, 2019November 20, 2019 by समकालीन जनमतNovember 17, 2019November 20, 20193 4613 साक्षी सिंह अर्पिता की कलम एकदम नई है और ख़ुद को अभिव्यक्त करने की बेचैनी से ज़्यादा जो अभिव्यक्त है उसके हर सम्भव आयाम को...