समकालीन जनमत

Category : कविता

कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

वेदों से लेकर लेनिन तक विस्तृत था महादेवी का ज्ञान संसार

इलाहाबाद, 11 सितम्बर स्त्रियों की सांस्कृतिक संस्था कोरस द्वारा महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर हर वर्ष आयोजित की जाने वाली व्याख्यानमाला की दूसरी कड़ी में...
कविताजनमत

ईमानदार जवाबों की तलाश में : ऐश्वर्या की कविता

समकालीन जनमत
अपराजिता शर्मा ‘जानने की क्रिया प्रत्यक्ष और एकतरफ़ा नहीं हो सकती!’ पहचान और परिचय से आगे बढ़ने के लिए जानने की इस क्रिया से गुज़रना...
कविताजनभाषाजनमत

अपने समय से सार्थक संवाद हैं सुस्मिता पाठक की कविताएँ

समकालीन जनमत
रमण कुमार सिंह समकालीन मैथिली कविता में सुस्मिता पाठक एक सुपरिचित और सम्मानित नाम है। मैथिली में स्त्री लेखन को आधुनिक चेतना और नया तेवर...
कवितासाहित्य-संस्कृति

उमेश पंकज का कविता पाठ: ‘मेहतर से नहीं कोई इंसान बेहतर’

कौशल किशोर
लखनऊ, 25 अगस्त। ‘वह पेड़ पर चढ़ कर/हरा बन गयी…..पेड़ से वह गिर गयी/रोप दी गयी मिट्टी में/वह फिर से उग रही है/उस तरह जिस...
कविताजनमत

अंधेरे की घुसपैठ के प्रतिरोध में रोशनी की सुरंग बनाते नवगीत

समकालीन जनमत
डॉ. दीपक सिंह डॉ. राजेंद्र गौतम  कवि, समीक्षक और शिक्षाविद के रूप में एक जाना-पहचाना नाम है | बरगद जलते हैं (1997), पंख होते हैं...
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‘सफ़र है कि ख़त्म नहीं होता’ : सोनी पाण्डेय की कविताएँ

समकालीन जनमत
मदन कश्यप हिन्दी में स्त्री कवयित्रियों की सांकेतिक उपस्थिति तो आदिकाल से रही है। लेकिन 1990 की दशक में जो बदलाव आया उसका एक सकारात्माक...
कविता

विजय राही की कविताएँ वर्तमान के साथ अंतःक्रिया करती हैं

समकालीन जनमत
अलोक रंजन  एक कवि का विस्तार असीमित होता है और यदि कवि अपने उस विस्तार का सक्षम उपयोग करते हुए अपनी आंतरिक व्याकुलता को समय...
कविता

अजय सिंह की कविताएँ अकेले पड़ जाने का खतरा उठा कर भी अपनी बात कहती हैं

उषा राय लखनऊ. शिरोज हैंग आऊट कैफे , गोमतीनगर में प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कवि और राजनीतिक विश्लेषक अजय सिंह ने अपनी...
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स्मृति और प्रेम का कवि कुंदन सिद्धार्थ

समकालीन जनमत
जैसे पूरा गांव ही कमरे में समा गया हो! जब भी कोई शहर से लौटकर गाँव आता तो सारे लोग उसे घेरकर घण्टों शहर की...
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प्रतिरोध का रसायन तैयार करती उस्मान ख़ान की कविताएँ

समकालीन जनमत
खुशियाँ अच्छी हैं बहुत, मगर  इसमें भी अतिश्योक्ति है! उस्मान की कविताओं का संसार, एक ऐसा संघन संसार है जहाँ एक हाथ को नहीं सूझता दूसरा...
कविताशख्सियत

यथार्थ के अन्तर्विरोधों को उदघाटित करते कवि राजेन्द्र कुमार

कौशल किशोर
( जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कवि और आलोचक राजेन्द्र कुमार (24/7/1943) आज  76 साल के हो गए. एक शिक्षक, कवि, आलोचक और एक ...
कविताजनमत

अरमान आनंद की कविताएँ भावुक बयान ही नहीं प्रतिबद्धता और बदलाव की छटपटाहट भी हैं

डॉ रामायन राम
कविता के क्षेत्र में आये हर युवतर और नए कवि का मौलिक स्वर रोमांस होता है।रुमानियत उनकी संवेदना का मूल सेंसर होता है।अपने समय की...
कविताजनमत

विनोद विट्ठल की कविताएँ: स्मृति के कोलाज में समय का चेहरा

उमा राग
लीना मल्होत्रा प्रथम दृष्टया विनोद विट्ठल की कविताएँ सूचनाओं से भरपूर दिखती हैं, किन्तु गहरे उतरने पर उन सूचनाओं से लिपटी स्मृतियाँ, स्मृतियों में छिपे...
कविताजनमत

‘जीवन की सरलता का प्रतिनिधित्व करती हैं रविंदर की कविताएँ’

समकालीन जनमत
आलोक रंजन रविंदर कौर सचदेवा की कविताएँ सरलता को स्थापित करने के संघर्ष की कविताएँ हैं जो पहचान , प्रेम और दुनियादारी के अलग अलग...
कविताजनमत

जीने की जगह तलाशतीं सविता भार्गव की कविताएँ

समकालीन जनमत
अनुपम सिंह आजकल जब भी समय मिलता है ,कविताएँ लिखने से अधिक कविताओं के विषय में सोचती हूँ. कोई कविता क्यों अच्छी लगती हैं और...
कविता

केदार सम्मान से सम्मानित हुए कवि शंभु बादल

उमाशंकर सिंह परमार लखनऊ/बांदा। मशहूर जनकवि केदारनाथ अग्रवाल के निर्वाण दिवस के अवसर पर 22 जून को ‘जनकवि केदारनाथ अग्रवाल सम्मान’, विमोचन और कविता पाठ...
कवितास्मृति

क्रांति के कवि, कहानीकार एवं एक्टिविस्ट नवारुण

समकालीन जनमत
मीता दास  नवारुण दा क्रांति के कवि, कहानीकार एवं एक्टिविस्ट थे, विशेषकर नवारुण दा उस घराने के कवि हैं जो लोग मनुष्य के बीच या उनके...
कविता

बच्चों की मृत्यु पर प्रतिरोध की कविताएँ

समकालीन जनमत
1. मरते हुए बच्चों के देश में जन्म दिन – देवेंद्र आर्य मेरे अनाम अपरिचित बच्चों कितना त्रासद है यह जन्मदिन इधर मर रहा है बचपन...
कविताजनमत

संघर्ष और जीवट का कवि प्रभात

समकालीन जनमत
चरण सिंह पथिक हिंदी कविता की युवा पीढ़ी में कुछ ऐसे नाम हैं जो अपनी अलग कहन के लिए जाने जाते हैं। उनमें से प्रभात...
कविता

शोभा सिंह की कविताएं गहन जीवन अनुभूति से युक्त, सघन बिम्बधर्मी और बहुरंगी हैं

लखनऊ. कवि, संस्कृतिकर्मी व सोशल एक्टिविस्ट शोभा सिंह की कर्म भूमि लखनऊ है लेकिन अब ज्यादातर उनका समय दिल्ली में गुजर रहा है। लेकिन एक...
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