समकालीन जनमत

Category : स्मृति

स्मृति

मोहन भारद्वाज ने मैथिली साहित्य में आधुनिक-प्रगतिवादी दृष्टिबोध स्थापित किया: जसम

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच ने मैथिली के वरिष्ठ आलोचक मोहन भारद्वाज के निधन पर शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा है कि उनका निधन भारतीय साहित्य...
कवितास्मृति

वह पीड़ा का राजकुंवर था

समकालीन जनमत
नीरज प्यार की अहमियत और अपरिहार्यता पर बराबर इसरार करते रहे और वास्तविक जीवन में उसे असंभव जानकर उसकी करुणा से भी आप्लावित रहे. यथार्थ...
स्मृति

कबूतरी देवीः पहाड़ी बेगम अख़्तर का मज़दूर चेहरा

समकालीन जनमत
बुलन्द आवाज़ और खनकदार गले की मलिका स्वर कोकिला लोक गायिका कबूतरी देवी 7 जुलाई की सुबह दुनिया से विदा हो गईं और फ़िज़ाओं में...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

प्रो तुलसीराम का चिन्तन अम्बेडकरवाद और मार्क्सवाद के बीच पुल – वीरेन्द्र यादव

समकालीन जनमत
प्रो तुलसी राम ने जहां मार्क्सवाद के रास्ते दलित आंदोलन का क्रिटिक रचा, वहीं उन्होंने वामपंथ के अन्दर मौजूद जातिवादी प्रवृतियों का भी विरोध किया....
शख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

पठनीयता का संबंध वास्तविकता से होता है

समकालीन जनमत
(प्रेमचंद की परंपरा को नये संदर्भ और आयाम देने वाले हिंदी भाषा के कहानीकारों में अमरकांत अव्वल हैं। अमरकांत से शोध के सिलसिले में सन्...
शख्सियतस्मृति

भुलाए नहीं भूलेगा यह दिन

समकालीन जनमत
कमरे में चौकी पर बैठे थे नागार्जुन. पीठ के पीछे खुली खिड़की से जाड़े की गुनगुनी धूप आ रही थी. बाहर गौरैया चहचहा रही थी....
स्मृति

विष्णु प्रभाकर : उनके पैरों में गति और कंठ में संगीत था

समकालीन जनमत
एक बार किसी ने पूछा था--‘ विष्णु जी, तुम्हें दो वरदान मांगने का अवसर मिले तो क्या मांगोगे ? ’ तुरन्त उत्तर दिया उन्होंने--‘ पैरों...
स्मृति

………तो क्या कामरेड जफ़र हुसैन की हत्या किसी ने नहीं की ?

समकालीन जनमत
कामरेड जफ़र हुसैन की हत्या को आज एक साल हो गया. पिछले वर्ष 16 जून को उनकी हत्या कमिश्नर अशोक जैन के नेतृत्व में नगरपालिका...
स्मृति

मेरी स्वतंत्रता किसके पास है

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राजकिशोर एक प्रखर आधुनिक चिंतक थे. मनुष्य मात्र की स्वतंत्रता का अधिकार उनका सबसे प्यारा सरोकार था. स्वतंत्रता की उनकी अवधारणा व्यापक और मूलगामी थी....
स्मृति

हम तो क्या भूलते उन्हें ‘हसरत’, दिल से वो भी हमें भुला न सके

समकालीन जनमत
जंगे-आज़ादी के एक मजबूत सिपाही होने के साथ-साथ एक अज़ीम शायर रहे हसरत मोहानी 13 मई 1951 को इस दुनिया से रुखसत कर गए. ‘...
स्मृति

काल से होड़ लेता प्रेम और मुक्ति का कवि

शमशेर जी की एक कविता है 'काल तुझसे होड़ है मेरी'। जिन्हें यह यकीन हो कि मनुष्य अपने श्रम और संघर्ष से काल के प्रवाह...
स्मृति

जब वो ख़ाली बोतल फेंक के कहता है दुनिया तेरा हुस्न यही बद-सूरती है

समकालीन जनमत
मंटो ने समाज की गंदगी और घिलोनेपन को अनुभाव किया और ज़िन्दगी के जहर को इस प्रकार चखा की ये जहर उनके अंदर तक उतर...
स्मृति

ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…

समकालीन जनमत
मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...
कहानीस्मृति

मंटो को याद करने का मतलब

समकालीन जनमत
अभी तक भारतीय साहित्य का व्यवस्थित और विश्वसनीय इतिहास नहीं लिखा गया है। जब कभी इसका इतिहास लिखा जाएगा उर्दू अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का...
जनमतदुनियाशख्सियतस्मृति

कार्ल मार्क्स : एक जीवन परिचय

दुनिया के मजदूरों के, सिद्धांत और कर्म दोनों मामलों में, सबसे बड़े नेता कार्ल मार्क्स (1818-1883) का जन्म 5 मई को त्रिएर नगर में हुआ...
दुनियाशख्सियतस्मृति

मार्क्स ने खुद के दर्शन को निर्मम और सतत आलोचना के रूप में विकसित किया : दीपंकर भट्टाचार्य

मार्क्स के दबे हुए लोग और अंबेडकर के बहिष्कृत लोग एक ही हैं। इसी तरह मार्क्स ने भारत में जिसे जड़ समाज कहा, अंबेडकर ने...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

भारतीय समाज के बदलते वर्गीय एवं जातीय चरित्र को बारीकी से व्यक्त करने वाले कथाकार हैं मार्कण्डेय

मार्कंडेय ने भारतीय समाज के बदलते वर्गीय एवं जातीय चरित्र को बहुत ही बारीकी से अपनी कथाओं में व्यक्त किया है. सामाजिक ताने-बाने एवं राजनीतिक...
स्मृति

न्याय के लिए आजीवन लड़ने वाले शख्स के रूप में पहचाने जाएंगे सच्चर साहेब : एनएपीएम

समकालीन जनमत
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) की जस्टिस राजेन्द्र सच्चर को श्रद्धांजलि   नई दिल्ली.  आज न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर जी पंचतत्व में विलीन हुए. सच्चर साहेब  न्याय...
शख्सियतस्मृति

‘ राष्ट्रीय खलनायक ’ राजिंदर सच्चर

आशुतोष कुमार
  राजघाट पर वह सन दो हज़ार बारह के मार्च की एक सुबह थी. सोरी सोनी के पुलिसिया उत्पीड़न का विरोध करने के लिए वहाँ...
तस्वीरनामास्मृति

तीन शोक चित्र

अशोक भौमिक
( प्रख्यात चित्रकार रामकुमार का  14 अप्रैल को निधन हो गया. उन्होंने मृत्यु शैया पर मुक्तिबोध का एक चित्र बनाया था. उनको नमन करते हुए...
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