समकालीन जनमत

Author : कौशल किशोर

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कौशल किशोर, कवि, समीक्षक, संस्कृतिकर्मी व पत्रकार हैं। वे जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति

‘ जनता का अर्थशास्त्र ’ : एक जरूरी किताब

कौशल किशोर
  भगवान स्वरूप कटियार की नयी किताब ‘जनता का अर्थशास्त्र’ ऐसे समय में आयी है जब देश आर्थिक मंदी की चपेट में है। विकास का...
साहित्य-संस्कृति

विस्थापन के दर्द को उकेरती हैं उमेश पंकज की कविताएं

कौशल किशोर
लखनऊ, 6 अक्टूबर। कवि उमेश पंकज  के पहले कविता संग्रह ‘एक धरती मेरे अन्दर’ का आज यहां स्थानीय कैफ़ी आज़मी एकेडमी में लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम...
कवितासाहित्य-संस्कृति

उमेश पंकज का कविता पाठ: ‘मेहतर से नहीं कोई इंसान बेहतर’

कौशल किशोर
लखनऊ, 25 अगस्त। ‘वह पेड़ पर चढ़ कर/हरा बन गयी…..पेड़ से वह गिर गयी/रोप दी गयी मिट्टी में/वह फिर से उग रही है/उस तरह जिस...
कविताशख्सियत

यथार्थ के अन्तर्विरोधों को उदघाटित करते कवि राजेन्द्र कुमार

कौशल किशोर
( जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कवि और आलोचक राजेन्द्र कुमार (24/7/1943) आज  76 साल के हो गए. एक शिक्षक, कवि, आलोचक और एक ...
ख़बर

कवि रामेश्वर प्रशान्त नहीं रहे

कौशल किशोर
क्रान्तिकारी कवि व एक्टिविस्ट रामेश्वर प्रशान्त का निधन आज 6 जून को सुबह साढ़े दस बजे बेगूसराय के गढ़हरा में हो गया। काफी अरसे से...
ख़बरसिनेमा

प्रतिरोध का सिनेमा ने की दीपा धनराज की फिल्म ‘वी हैव नॉट कम हियर टु डाई’ की स्क्रीनिंग

कौशल किशोर
लखनऊ, 18 फरवरी। ‘प्रतिरोध का सिनेमा’ के सिलसिले का आरम्भ करते हुए 17 फरवरी को लखनऊ में डाक्यूमेन्ट्री फिल्म ‘वी हैव नाॅट कम हियर टू...
साहित्य-संस्कृति

जसम की ओर से रचना पाठ ‘पंख खोलूं और उड़ चलूं आसमान में’

कौशल किशोर
लखनऊ: रचनाकार समय और समाज को अपने सृजन का विषय बनाता है। आम आदमी की पीड़ा व संघर्ष की अभिव्यक्ति आज की रचनाओं की विशेषता...
नाटकशख्सियत

हम सब सफ़दर, हमको मारो

कौशल किशोर
कौशल किशोर नये साल का पहला दिन, चारों तरफ कोहरा फेैला था। हाड़ कंपाती ठंडी हवा हड्डियों को छेद रही थी।लखनऊ के गोमती नदी के...
कविता

शंभु बादल का कवि कर्म

कौशल किशोर
हरेक कवि की अपनी जमीन होती है जिस पर वह सृजन करता है और उसी से उसकी पहचान बनती है। निराला, पंत, प्रसाद, महादेवी समकालीन...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ’

कौशल किशोर
लखनऊ में ‘ब याद: मीर तकी मीर’ का आयोजन ‘रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब/कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था’. ...
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