कविता सुंदर चंद ठाकुर की कविताएँ मर्मभेदी यथार्थ को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 2022 by समकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 20220199 कुमार मुकुल फौजी, संपादक और मैराथन दौड़ाक सुंदर चंद ठाकुर के भीतर इतना संवेदनशील कवि निवास करता है यह नहीं जान पाता अगर उनकी ‘चयनित...
कविता सुधा उपाध्याय की कविताएँ सत्ता के क्रूर प्रपंचों को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 2022 by समकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 20220147 अंशु चौधरी समकालीन हिंदी कविता परिदृश्य में सुधा उपाध्याय परिचित नाम हैं। वे अपनी रचनाओं में अपनी विशिष्ट रचनात्मक तेवर, भाषा, और नवीन एवं सूक्ष्म...
कविता महेश वर्मा की कविताएँ अनेक अबूझ, बिखरे दृश्यों से संवाद करती हैंसमकालीन जनमतNovember 27, 2022November 27, 2022 by समकालीन जनमतNovember 27, 2022November 27, 20220210 वसु गंधर्व पाठक बड़ी तन्मयता से, कविताओं के आवरणों से होकर कवि के हृदय की निशीथ तहों को आँकता है। कविता की अपनी अर्थ-भाव-भूमि से इतर,...
कविता शशिभूषण बडोनी की कविताएँ बड़ी सरलता से दिल पर दस्तक देती हैंसमकालीन जनमतNovember 20, 2022November 20, 2022 by समकालीन जनमतNovember 20, 2022November 20, 2022087 कल्पना पंत शशिभूषण बडोनी की कविताएँ बड़ी सरलता और ख़ामोशी से दिल पर दस्तक देती हैं. पहली बार इन कविताओं को पढ़ने पर शिल्प की...
जनमत ‘प्रेम’ नवीन रांगियाल की कविताओं का अर्क हैसमकालीन जनमतNovember 13, 2022November 13, 2022 by समकालीन जनमतNovember 13, 2022November 13, 2022049 गीत चतुर्वेदी नवीन रांगियाल की कविताएँ पढ़ते हुए प्राचीन संस्कृत काव्यशास्त्र की सहज स्मृति हो जाती है। नवीन अपनी कविता में हर अक्षर, हर शब्द...
कविता बाबुषा की कविताएँ जीवन को तप करके पत्थर के बरक्स पानी बना देने की हिमायती हैंसमकालीन जनमतOctober 30, 2022October 30, 2022 by समकालीन जनमतOctober 30, 2022October 30, 20220195 दीपक जायसवाल मेरे ज़माने की ऐसी लेखिका जिसे पानी पर लिखी तहरीरें पढ़ना आता है, बारिशें जिनकी पुरखिन हैं, जिनके यहाँ सूरज पर लगा ग्रहण,...
कविता सुभाष यादव की कविताएँ संभावनाओं की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 2022 by समकालीन जनमतOctober 23, 2022October 23, 20220113 विनय सौरभ सुभाष यादव की कविताएँ आपको चौंकाएँगी नहीं। न ही किसी विस्मय से भरेंगी ! ये कविताएँ वैसी ही हैं जैसे किसी निर्जन...
कविता आशीष त्रिपाठी की कविताएँ विषाक्त दौर में प्रकृति की दरियादिली को ज़ाहिर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 16, 2022October 16, 2022 by समकालीन जनमतOctober 16, 2022October 16, 20220352 विपिन चौधरी रचनात्मक और जिज्ञासु संचेतना देर-सवेर अपनी भाषा विकसित कर लेती है. यह भाषा कवि की आत्मा की भाषा है. अपने भीतर के...
कविता अखिल कत्याल की कविताएँ दोस्त की तरह हैंसमकालीन जनमतOctober 9, 2022October 9, 2022 by समकालीन जनमतOctober 9, 2022October 9, 2022096 शुभम श्री अखिल की कविताओं को कैसे पढ़ें सबसे पहले इन पाँच सौ शब्दों के चिट्ठे को नज़रअंदाज करें और तेज गति से स्क्रोल कर...
कविता जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताएँ मनुष्यता का संधान करती हैंसमकालीन जनमतSeptember 25, 2022September 25, 2022 by समकालीन जनमतSeptember 25, 2022September 25, 20220107 देवेश पथ सारिया वरिष्ठ कवि जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताओं से गुज़रते हुए लगता है कि यह कवि मनुष्य एवं प्रकृति के बीच तादात्म्य की...
कविता विमल भाई की कविताएँ क्वीयर कविता के संघर्ष और सौंदर्यबोध की बानगी हैंसमकालीन जनमतAugust 21, 2022August 21, 2022 by समकालीन जनमतAugust 21, 2022August 21, 2022056 अखिल कत्याल विमल भाई, अलविदा! कुछ एक साल पहले की बात है। अपनी मित्र अदिति अंगिरस के साथ मैं एक ‘क्वीयर कविताओं’ के संग्रह का...
कविता भरत प्रसाद की कविताएँ: यह शरीर जो कारागृह है घोंट रहा मेरा पक्षीपनसमकालीन जनमतAugust 14, 2022August 14, 2022 by समकालीन जनमतAugust 14, 2022August 14, 2022086 आशीष त्रिपाठी भरत प्रसाद कवि हैं । कवि होने की सभी शर्तों को पूरा करते कवि । उनकी कविताओं की दुनिया घर से बाहर,...
कविता नरेश गुर्जर की कविता दृश्य की पृष्ठभूमि पर ठहरी हुई निगाह हैसमकालीन जनमतAugust 7, 2022August 9, 2022 by समकालीन जनमतAugust 7, 2022August 9, 20220158 बबली गुर्जर कविताओं की सरलता उनकी ख़ूबसूरती का पैमाना होती है। कुछ कविताएँ किसी पदबंध के अधीन नहीं होती। उन्हें सुनते पढ़ते समय जिया भी...
कविता वसु गन्धर्व की कविताएँ मन्द्र उपस्थिति के मुखर स्वर हैंसमकालीन जनमतJuly 31, 2022July 31, 2022 by समकालीन जनमतJuly 31, 2022July 31, 20220113 रंजना मिश्र कुछ स्वर अपनी मन्द्र उपस्थिति में अधिक सुन्दर, अधिक मुखर होते हैं। वे कोमल, गझिन और एकान्तिक होते हुए भी अपनी ज़मीन पर...
कविता प्रवीण परिमल की कविताओं में प्रेम है तो अन्याय का प्रतिकार भीसमकालीन जनमतJuly 17, 2022July 17, 2022 by समकालीन जनमतJuly 17, 2022July 17, 2022067 कौशल किशोर प्रवीण परिमल की कविताओं पर आलोचक प्रो रविभूषण का कहना है ‘जो प्रेम नहीं करता, वह मनुष्य ही नहीं है।…..प्रेम ही जीवन है।...
कविता मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ उम्मीद का हाथ थामे रास्ता दिखाएंगीसमकालीन जनमतJuly 3, 2022July 3, 2022 by समकालीन जनमतJuly 3, 2022July 3, 2022093 मेहजबीं मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ अपने वर्तमान समय की राजनीतिक सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों का दस्तावेज़ हैं। समाज का कोई कोना उनकी सूक्ष्म दृष्टि...
कविता नेहा नरुका की कविताएँ समझ और साहस के संतुलन की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतJune 26, 2022June 26, 2022 by समकालीन जनमतJune 26, 2022June 26, 20220213 मदन कश्यप युवा कवि नेहा नरूका का यथार्थ को देखने का दृष्टिकोण इतना अलग और मौलिक है कि वह आकर्षित ही नहीं करता, बल्कि कई...
कविता मनीष आज़ाद की कविताएँ क्रांति की कामना को बचाए रखती हैंसमकालीन जनमतJune 19, 2022June 19, 2022 by समकालीन जनमतJune 19, 2022June 19, 20220179 प्रियदर्शन मूलतः अपनी सामाजिक सक्रियता और मानवाधिकारों के पक्ष में अपनी लड़ाई की वजह से सत्ता की आंखों की किरकिरी बने और जेल तक जा...
कविता पंखुरी सिन्हा की कविताएँ: तबाही के बरख़िलाफ़ स्मृतियों की पुकारसमकालीन जनमतMay 29, 2022May 29, 2022 by समकालीन जनमतMay 29, 2022May 29, 2022024 विपिन चौधरी जब कोई कविता, संसार के किसी भी शहर के भीतर बसी सामूहिक स्मृतियों के साथ उस शहर के इतिहास और वहाँ के सामाजिक...
कविता हम सभी के घर में गणित के जादूगर हैं: ऊषा दशोरा की कविताएँसमकालीन जनमतMay 15, 2022May 15, 2022 by समकालीन जनमतMay 15, 2022May 15, 20220148 अरुण शीतांश स्त्री जीवन की विडंबनाओं पर बहुत सारी कविताएँ हमने पढ़ी हैं और उनके माध्यम से उस जीवन की तमाम कही अनकही जटिलताओं से...