कविताशख्सियत अदनान को ‘क़िबला’ कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कारउमा रागAugust 1, 2018August 1, 2018 by उमा रागAugust 1, 2018August 1, 20184 3721 युवा कवि अदनान कफ़ील ‘ दरवेश ‘ को वर्ष 2018 के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है. 30 जुलाई...
कविताजनभाषा अमरेंद्र की अवधी कविताएँ: लोकभाषा में संभव राजनीतिक और समसामयिक अभिव्यक्तियाँउमा रागJuly 29, 2018July 29, 2018 by उमा रागJuly 29, 2018July 29, 201803303 ( कवि-कथन : अवधी में कविता क्यों ? मुझसे मुखातिब शायद यही, किसी का भी, पहला सवाल हो। जवाब में कई बातें हैं लेकिन पहला...
कवितास्मृति वह पीड़ा का राजकुंवर थासमकालीन जनमतJuly 20, 2018July 20, 2018 by समकालीन जनमतJuly 20, 2018July 20, 201802857 नीरज प्यार की अहमियत और अपरिहार्यता पर बराबर इसरार करते रहे और वास्तविक जीवन में उसे असंभव जानकर उसकी करुणा से भी आप्लावित रहे. यथार्थ...
कवितापुस्तक आसिफ़ाओं के लिएसमकालीन जनमतJuly 16, 2018July 16, 2018 by समकालीन जनमतJuly 16, 2018July 16, 201802300 पिछले पाँच सालों से देश में जो धर्म-ध्वजा फहर रही है, और सांप्रदायिकता का जो उन्माद लोगों की नसों में घुल रहा है, उसी का...
कविता आधुनिक जीवन की विसंगतियों के मध्य मानवीय संवेदना की पहचान की कवितायेंसमकालीन जनमतJuly 15, 2018July 15, 2018 by समकालीन जनमतJuly 15, 2018July 15, 201802490 विनय दुबे की कविताओं में सहजता और दृश्य की जटिलताओं का जो सहभाव नज़र आता है, वह उन्हें अपनी पीढ़ी का अप्रतिम कवि बनाता है....
कविता एक कविता: हिंग्लिश [शुभम श्री]मृत्युंजयJuly 14, 2018July 14, 2018 by मृत्युंजयJuly 14, 2018July 14, 201803270 शुभम श्री हमारे साथ की ऐसी युवा कवि हैं जिनकी कविताओं में बाँकपन की छब है। एक ख़ास तंज़ भरी नज़र और भाषा को बरतने...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति प्रेम के निजी उचाट से लौटती स्त्री की कविता : विपिन चौधरी की कवितायेँउमा रागJuly 8, 2018July 8, 2018 by उमा रागJuly 8, 2018July 8, 20182 3292 विपिन की कवितायेँ लगातार बाहर-भीतर यात्रा करती हुईं एक ऐसी आंतरिकता को खोज निकालती हैं जो स्त्री का अपना निजी उचाट भी है और दरख्तों,...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति संजीव कौशल की कविताएँ : प्रतिगामी विचारों का विश्वसनीय प्रतिपक्षउमा रागJuly 1, 2018October 13, 2019 by उमा रागJuly 1, 2018October 13, 201903547 जागृत राजनीतिक चेतना, समय और समाज की विडम्बनाओं की गहरी समझ और भाषा की कलात्मक पारदर्शिता के कारण संजीव कौशल की कवितायेँ नयी सदी की युवा...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति कबीर और नागार्जुन की जयंती से जन एकता सांस्कृतिक यात्रा आरम्भसमकालीन जनमतJune 28, 2018June 29, 2018 by समकालीन जनमतJune 28, 2018June 29, 20185 3850 बेगूसराय. आज ज्येष्ठ पूर्णिमा दिनांक 28/06/2018 को जन संस्कृति मंच की ओर से कबीर और आधुनिक कबीर नागार्जुन की सम्मिलित जयंती मनायी गयी। इस जयंती...
कविताग्राउन्ड रिपोर्टजनमतसाहित्य-संस्कृति अनुपम सिंह की कविताओं पर जसम की घरेलू गोष्ठी की रपटराम नरेश रामJune 26, 2018June 26, 2018 by राम नरेश रामJune 26, 2018June 26, 201802073 अनुपम की कविताएँ अपने वक्त, अपने समाज और अपनी काया के अनुभव से उपजी हुई कविताएँ हैं- योगेंद्र आहूजा पिछली 23 जून 2018 को जसम...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति ‘समय है सम्भावना का’ : सत्ता के मौन की पहचान हैराम नरेश रामJune 25, 2018June 25, 2018 by राम नरेश रामJune 25, 2018June 25, 20186 2705 जगदीश पंकज जी का कविता संग्रह ‘समय है सम्भावना का’ इसी वर्ष आया है. जगदीश पंकज जी नवगीतकार हैं. दलित साहित्य में नवगीत की कोई...
कविता महेश्वर स्मृति आयोजन में युवा कवि अदनान कफ़ील दरवेश और विहाग वैभव का काव्य पाठसमकालीन जनमतJune 25, 2018June 26, 2018 by समकालीन जनमतJune 25, 2018June 26, 201804054 महेश्वर चाहते थे कि कवि-लेखकों और जनता के बीच कम से कम दूरी हो: आलोक धन्वा महेश्वर की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जरूरत है:...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति पराजय को उत्सव में बदलती अनुपम सिंह की कविताएँसमकालीन जनमतJune 24, 2018June 19, 2019 by समकालीन जनमतJune 24, 2018June 19, 20192 3451 (अनुपम सिंह की कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे वे अपने साथ हमें पितृसत्ता की एक बृहद प्रयोगशाला में लिए जा रहीं हैं...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति सहज काव्यकथाओं सी हैं अदनान की कविताएँसमकालीन जनमतJune 17, 2018June 17, 2018 by समकालीन जनमतJune 17, 2018June 17, 201801996 अदनान की कविताओं से गुजरना अपने समय के लोक से गुज़रना और उसकी त्रासदियों को जानते हुए उसकी लाचारी को अपनी लाचारी में बदलते देखना...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति कुमार मुकुल की कविताएँ : लोकतंत्र के भगवाकरण की समीक्षासमकालीन जनमतJune 10, 2018June 10, 2018 by समकालीन जनमतJune 10, 2018June 10, 20187 3311 30 वर्षों से रचनारत कुमार मुकुल के कविता परिदृश्य का रेंज विशाल और वैविध्य से भरा है , प्रस्तुत कविताओं में आज के समय को...
कवितासाहित्य-संस्कृति ‘ चन्द्रेश्वर की कविताएं सरल पर लिखना उतना ही कठिन ’समकालीन जनमतJune 4, 2018June 4, 2018 by समकालीन जनमतJune 4, 2018June 4, 201802133 चन्द्रेश्वर प्रेम और प्रतिरोध के कवि हैं. ऐसी कविताओं की जरूरत थी. ये अपनी रचना प्रक्रिया और कन्टेन्ट में समकालीन कविताएं हैं. यहां व्यंग्य चित्र...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति विहाग वैभव की कविताएँ : लोक जीवन के मार्मिक संवेदनात्मक ज्ञान की कविताएँ हैं- मंगलेश डबरालसमकालीन जनमतJune 3, 2018June 3, 2018 by समकालीन जनमतJune 3, 2018June 3, 20182 3592 युवा कवि विहाग वैभव की कविताओं में क्रांति, विद्रोह, विरोध, निषेध के तीखे स्वर हैं और वह प्रेम भी है जिसे संभव करने के...
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति जनकवि सुरेंद्र प्रसाद की 84वीं जयंती मनाई गईसमकालीन जनमतJune 2, 2018June 2, 2018 by समकालीन जनमतJune 2, 2018June 2, 201804701 बी. आर. बी. कालेज , समस्तीपुर के सभागार में 17 मई, 2018 को जन संस्कृति मंच और आइसा के संयुक्त तत्वावधान में मिथिलांचल के दुर्धर्ष...
कविता ‘ मृत्युंजय की कविताएं आम अवाम की बेचैनी, क्षोभ, अवसाद, दुख, पीड़ा और गुस्से का इजहार हैं ’समकालीन जनमतMay 31, 2018June 1, 2018 by समकालीन जनमतMay 31, 2018June 1, 201803428 जन संस्कृति मंच की ओर से छज्जूबाग, पटना में युवा कवि मृत्युंजय के काव्यपाठ और बातचीत का आयोजन हुआ. मृत्युंजय ने ‘यां’, ‘नश्वर-सी सुंदरता’, ‘...
कविता एक कविता: दोष नहीं कुछ इसमें [अद्दहमाण]मृत्युंजयMay 27, 2018June 1, 2018 by मृत्युंजयMay 27, 2018June 1, 20183 3015 विद्वानों के मुताबिक़ अद्दहमाण [अब्दुल रहमान] का काल 12वीं सदी के कुछ पहले ही ठहरता है। यहाँ कुछ छंद उनके ग्रंथ ‘संदेस–रासक‘ से चुने गए...