समकालीन जनमत
जनमतज़ेर-ए-बहस

बायोपिक चमकीला- लोकभाषा पर एक विमर्श

समकालीन जनमत
रूपम मिश्र अभी इम्तियाज अली ने पंजाब के लोकगायक अमर सिंह चमकीला पर बायोपिक फ़िल्म बनायी। फ़िल्म में अमर सिंह चमकीला के कुछ गीतों को...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और नेहरू

दुर्गा सिंह
निराला कवि और लेखक होने के साथ चिंतक भी हैं। निराला का वैचारिक लेखन भी उसी मात्रा में है, जितना कविता और गद्य लेखन। निराला...
ख़बर

स्त्री अधिकार और डॉ. अंबेडकर

समकालीन जनमत
दिनांक 14 अप्रैल 2024 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 133 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सुल्तानपुर के बरामदपुर गांव में ‘स्त्री अधिकार और अंबेडकर’...
कविता

शोभा अक्षर की कविताएँ मानवता के पक्ष में मज़बूती से खड़ी होती हैं

समकालीन जनमत
प्रज्ञा गुप्ता वस्तुतः सौंदर्य एवं प्रेम की रक्षा के लिए हम संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं। जिस कवि में सौंदर्य की भावना जितनी...
ख़बर

संविधान बचाना आज का सबसे बड़ा एजेंडा : दीपंकर भट्टाचार्य

पटना।  आइलाज के बैनर से 18 अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय परिसर में ‘ डाॅ. अंबेडकर निर्मित संविधान पर बढ़ते हमले ‘ विषय पर परिचर्चा...
कविता

जसम का लेखक के घर चलो अभियान

समकालीन जनमत
शनिवार, 13 अप्रैल 2024 कवि- हरीशचन्द्र पांडे अपने शहर इलाहाबाद में रचनारत लेखकों की रचनाओं के साथ उनके जीवन, उनके घर-परिवार को जानना, उनकी रचना...
ख़बर

आंबेडकर जयंती पर नाहरपुर गांव में विचार मंथन और युवा कविता गोष्ठी का आयोजन

समकालीन जनमत
डॉ. आंबेडकर की 133वीं जयंती के अवसर पर ‘ हम देखेंगे : अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान ‘ और भीम जन कल्याण समिति के द्वारा ...
सिनेमा

आत्मपॅम्फ्लेट – भारत की अपनी फॉरेस्ट गंप जो मराठी में बनी है

समकालीन जनमत
जावेद अनीस साल 2022 रिलीज हुयी आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा हॉलीवुड की कल्ट कलासिक फिल्म फॉरेस्ट गंप (1994) की आधिकारिक रिमेक थी,...
जनमत

‘हम भारत के लोग’ भारतीय संविधान का आधार है : प्रो राव साहेब कसबे

समकालीन जनमत
बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में ‘डॉ० आंबेडकर और भारतीय संविधान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन...
कविता

प्रज्ञा गुप्ता की कविताएँ जीवन के हर्ष और विलाप को समझने का उद्यम हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी प्रज्ञा गुप्ता की कविताओं के उर्वर-प्रदेश में स्मृतियाँ, सपने, प्रेम, रिश्ते-नाते, स्त्रियों के दैनिक संघर्ष जैसे कई पक्ष आवाजाही करते हैं. उनकी कविताओं...
जनमत

भारत में मजदूर आंदोलन और डॉ. अंबेडकर  

रामायन राम
भारत के मजदूर वर्ग और उनके सवालों और आंदोलनों के साथ डॉ. अंबेडकर के रिश्ते के तीन प्रमुख चरण हैं। पहला चरण 1928–29 में ‘गिरणी...
साहित्य-संस्कृति

भारतीय व्यवस्था धर्मतंत्र, राजतंत्र और अधिनायकतंत्र का गठजोड़ – कंवल भारती

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई के तत्वावधान में महान समाज सुधारक, संविधान निर्माता, क़ानूनविद, अर्थशास्त्री, चिंतक, राजनीतिज्ञ, अकादमीशियन डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की...
ख़बर

भाकपा माले का चुनाव घोषणापत्र जारी, तानाशाही को हरा कर लोकतंत्र को विजयी बनाने का आह्वान

समकालीन जनमत
पटना। भाकपा-माले ने आठ अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय,...
ज़ेर-ए-बहस

चंदे का धंधा उर्फ हफ्ता-वसूली

समकालीन जनमत
हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। हांलाकि यह कोई अलग से कहने की बात नहीं है परंतु अब वह दौर आ गया है जब...
कविता

विजया सिंह की कविताएँ मानवता के पक्ष में युद्धरत हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय मुझे संवेदनों की महीनता और दृष्टि की व्यापकता में व्युत्क्रमानुपाती संबंध लगता है। संवेदन जितने महीन होंगे दृष्टि या विज़न उतनी ही व्यापक...
साहित्य-संस्कृति

किताब ‘ रामेश्वर प्रशांत सुर्ख़ सवेरे की लालिमा का कवि ‘ का लोकार्पण हुआ

समकालीन जनमत
बरौनी/ गढ़हरा, 3 अप्रैल। जनवादी लेखक संघ, जिला इकाई, बेगूसराय द्वारा संगठन के राज्य सचिव कुमार विनीताभ और लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार कौशल किशोर के सम्पादन में...
जनमत

महिलाओं की लड़ाई घर में भी है, सड़कों पर भी

समकालीन जनमत
पूँजीवाद और पितृसत्ता की जड़ हिलाये बिना समाज में महिलाओं की स्थिति नहीं बदलेगी महिलाओं की लड़ाई घर में भी है, सड़कों पर भी :...
सिनेमा

बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में

राम पुनियानी
फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है. कई दशकों पहले भारत में ऐसी फिल्में बनी...
साहित्य-संस्कृति

मुक्तिबोध पुनर्निर्माण नहीं, बल्कि नया निर्माण चाहते हैं : देवी प्रसाद मिश्र

समकालीन जनमत
पटना। आईएमए हॉल, पटना में 31 मार्च को जन संस्कृति मंच और समन्वय की ओर से ‘स्वदेश की खोज और मुक्तिबोध’ विषय पर परिचर्चा और...
साहित्य-संस्कृति

‘ सृजन के सहयात्री ‘ कार्यक्रम में विमल किशोर और कौशल किशोर ने कविता पाठ किया

समकालीन जनमत
आरा (भोजपुर, बिहार)। आरा के बाल हिन्दी पुस्तकालय सभागार में जन संस्कृति मंच, आरा की ओर से ‘सृजन के सहयात्री’ के तहत लखनऊ से आए...
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